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Israel Iran War: इजरायली हमले में ईरान को हुआ था भारी नुकसान, नष्ट हो गई थी टॉप न्यूक्लियर लैब

तेहरान पर अक्टूबर महीने में किए गए इजरायली सेना का पलटवार में ईरान को भारी नुकसान पहुंचा था। इस दौरान ईरान का गुप्त परमाणु ठिकाना भी नष्ट हो गया था। सैटेलाइट तस्वीरों से इस बात का खुलासा हुआ है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Nov 17, 2024 10:47 IST, Updated : Nov 17, 2024 10:47 IST
ईरान की इसी न्यूक्लियर लैब पर इजरायल ने किया था हमला।
Image Source : REUTERS ईरान की इसी न्यूक्लियर लैब पर इजरायल ने किया था हमला।

Israel Iran War: इज़रायल के हमले में ईरान को भारी नुकसान हुआ था। रॉयटर्स ने एक रिपोर्ट के हवाले दावा किया है कि अक्टूबर में इजरायली पलटवार के दौरान हवाई हमले ने ईरान की शीर्ष गुप्त परमाणु प्रयोगशाला नष्ट हो गई थी। इजरायल के इस साहसिक कदम से ईरान के परमाणु हथियार अनुसंधान को पुनर्जीवित करने के प्रयासों को बड़ा झटका दिया है। रिपोर्ट के अनुसार इस हमले में परमाणु उपकरण में यूरेनियम को घेरने वाले प्लास्टिक विस्फोटकों को डिजाइन करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले परिष्कृत उपकरण भी नष्ट हो गए थे, जो विस्फोट के लिए एक महत्वपूर्ण घटक है।

ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने देश के परमाणु हथियारों की खोज का जोरदार खंडन करते हुए कहा, "ईरान परमाणु हथियार बनाने के पीछे नहीं है।" हालांकि इज़रायली और अमेरिकी अधिकारी एक अलग कहानी बताते हैं। एक्सियोस की एक रिपोर्ट के अनुसार, तलेघन 2 सुविधा कभी ईरान के अमाद परमाणु हथियार कार्यक्रम का हिस्सा थी, जिसे 2003 में रोक दिया गया था, लेकिन हालिया गतिविधि ने उसकी परमाणु महत्वाकांक्षाओं के पुनरुत्थान का सुझाव दिया था। मगर हाई-रिज़ॉल्यूशन उपग्रह इमेजरी से साफ है कि तालेघन 2 इमारत का इजरायली हमले में पूर्ण विनाश हो गया है।

अमेरिका ने ईरान को दी थी चेतावनी

इजरायली हमले से पहले इजरायली और अमेरिकी खुफिया विभाग द्वारा खोजी गई संदिग्ध परमाणु अनुसंधान गतिविधियों को लेकर व्हाइट हाउस की ओर से ईरान को चेतावनी दी गई थी। मगर ईरान ने इन चेतावनियों को अनसुना कर दिया था। इससे ईरान के इरादों को लेकर "पूरे मंडल में" चिंताएं पैदा हो गईं। अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक (डीएनआई) ने इन निष्कर्षों के आलोक में ईरान के परमाणु कार्यक्रम का पुनर्मूल्यांकन भी किया था।  तालेघन 2 में ईरान की गुप्त परमाणु गतिविधियां, उसके घोषित कार्यक्रम का हिस्सा नहीं हैं। जो कि परमाणु संधि के प्रति उसकी प्रतिबद्धता पर सवाल उठाती हैं।

इस हमले से इजरायल और ईरान के बीच तनाव बढ़ सकता है

इजरायल ने जिस तरह से ईरान के परमाणु हथियारों के सपनों पर पानी फेरा है, उससे तेहरान बौखलाया हुआ है। वह बार-बार इजरायल पर दोबारा पलटवार की धमकी दे रहा है। इन दोनों देशों के बीच आगामी भयानक युद्ध की आशंका से अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की सांसें थम सी जाती हैं। अब देखना है कि क्या ईरान IAEA के साथ अपने सहयोग को सीमित करेगा या वह अपने शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम पर यूरोपीय शक्तियों के साथ बातचीत करेगा? इज़रायली हमले के बाद एक तरह की आशंका का पिटारा खुल गया है और दुनिया ईरान के अगले कदम की प्रतीक्षा कर रही है। (रॉयटर्स)

 

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