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Iran Protests: ईरान में हिजाब विरोधी को लेकर अब भी प्रदर्शन जारी, ये प्रतिरोध के लंबे इतिहास पर है आधारित

Iran Protests: कई ईरानी महिलाओं ने, विशेष रूप से प्रमुख शहरों में, लंबे समय से अधिकारियों के साथ इस मुद्दे पर विरोध का रुख रखा है, जिसमें युवा पीढ़ी ढीले स्कार्फ और पोशाक पहन कर रूढ़िवादी पोशाक के दायरे को चुनौती देती हैं।

Written By: Shilpa
Updated on: September 29, 2022 13:06 IST
Iran Protests on Hijab- India TV Hindi
Image Source : AP Iran Protests on Hijab

Highlights

  • ईरान में हिजाब को लेकर विरोध प्रदर्शन
  • महासा अमीनी नाम की लड़की की हुई मौत
  • सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग

Iran Protests: इस्लामी धार्मिक स्थलों के लिए मशहूर रूढ़िवादी ईरानी शहर मशहद में एक युवती कार पर चढ़कर अपना विरोध जता रही है। वह अपना हिजाब उतारती है और नारे लगाने लगती है, “डेथ टू द डिक्टेटर!” (तानाशाह की मौत)। आस-पास के प्रदर्शनकारी भी उनके सुर में सुर मिलाते हैं और अपनी गाड़ियों का हॉर्न उसके समर्थन में बजाते हैं। मशहद में ही पली-बढ़ी फातिमा शम्स कहती हैं कि कई ईरानी महिलाएं एक दशक पहले तक इस तरह की तस्वीर के बारे में सोच भी नहीं सकती थीं।

 
उन्होंने कहा, “जब आप मशहद में महिलाओं को सड़कों पर उतरकर सार्वजनिक रूप से अपने हिजाब जलाते हुए देखते हैं तो यह वास्तव में क्रांतिकारी बदलाव है। ईरानी महिलाएं परदे वाले समाज और अनिवार्य हिजाब के दौर का अंत कर रही हैं।” ईरान में बीते कुछ सालों में कई प्रदर्शन हुए हालांकि उनमें से अधिकतर की वजह आर्थिक दुश्वारियों की वजह से उपजा गुस्सा था। विरोध की नई लहर लेकिन ईरान के मौलवी के नेतृत्व वाले शासन के खिलाफ दिलों में भरे रोष को दिखा रही है और यह गुबार अनिर्वाय हिजाब के मुद्दे पर निकल रहा है।

ईरान में बुर्का और हिजाब अनिवार्य 

ईरान में महिलाओं के लिए बुर्का और हिजाब पहनकर सार्वजनिक रूप से बाहर निकलना अनिवार्य है। इसमें भी हिजाब से उनके बाल पूरी तरह ढके होने चाहिए। कई ईरानी महिलाओं ने, विशेष रूप से प्रमुख शहरों में, लंबे समय से अधिकारियों के साथ इस मुद्दे पर विरोध का रुख रखा है, जिसमें युवा पीढ़ी ढीले स्कार्फ और पोशाक पहन कर रूढ़िवादी पोशाक के दायरे को चुनौती देती हैं। हालांकि सभी के लिए इसका अंत सुखद नहीं होता। राजधानी तेहरान में 22 वर्षीय महसा अमीनी को पुलिस ने हिजाब विरोधी रुख के चलते गिरफ्तार किया था और हिरासत में उसकी मौत हो गई थी।

अमीनी की मौत के बाद लगभग दो सप्ताह तक व्यापक अशांति रही और यह ईरान के अन्य प्रांतों में फैल गई है और छात्रों, मध्यम वर्ग के पेशेवरों और कामकाजी वर्ग के पुरुषों और महिलाओं ने सड़कों पर उतरकर इसका विरोध किया।

ईरान का हिजाब कानून क्या है?

इस्लामी क्रांति (1978-79) के बाद ईरान ने 1981 में एक अनिवार्य हिजाब कानून पारित किया था। इस्लामी दंड संहिता के अनुच्छेद 638 में कहा गया है कि महिलाओं का सार्वजनिक रूप से या सड़कों पर हिजाब के बिना दिखाई देना अपराध है। द गार्जियन ने इस महीने की शुरुआत में बताया था कि ईरानी अधिकारी उन महिलाओं की पहचान करने के लिए सार्वजनिक परिवहन में फेशियल रिकग्निशन टेक्नोलॉजी का उपयोग करने की योजना बना रहे हैं, जो हिजाब नियमों का ठीक से पालन नहीं कर रही हैं। 

इसी साल जुलाई में नेशनल हिजाब और चैसटिटी डे (राष्ट्रीय हिजाब और शुद्धता दिवस) पर ईरान में व्यापक विरोध देखा गया, जहां महिलाओं ने सार्वजनिक रूप से अपने हिजाब को हटाने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया था। कई लोगों ने सार्वजनिक परिवहन में हिजाब नहीं पहनने की तस्वीरें और वीडियो भी पोस्ट किए थे।

ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी ने जुलाई में ईरान के हिजाब और शुद्धता कानून को नए प्रतिबंधों के साथ लागू करने के लिए एक आदेश पारित किया था। सरकार ने 'अनुचित तरीके से हिजाब' पहनने जैसे मामलों को रोकने के लिए हाई हील्स और मोजा पहनने के खिलाफ भी आदेश जारी किया। इस आदेश में महिलाओं के लिए अपनी गर्दन और कंधों को ढंकना अनिवार्य कर दिया गया।

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