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Iran Prison Fire: ईरान में हिजाब के विरोध के बीच कैसे लगी तेहरान की जेल में आग, बढ़ रही मृतकों की संख्या, कोई साजिश तो नहीं?

Iran Prison Fire: ऐसा माना जा रहा था कि जेल में आग साजिश के तहत लगाई गई है। क्योंकि देश में हिजाब के खिलाफ भारी विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।

Edited By: Shilpa @Shilpaa30thakur
Published : Oct 17, 2022 14:46 IST, Updated : Oct 17, 2022 14:49 IST
Fire in Iran Jail
Image Source : AP Fire in Iran Jail

Highlights

  • ईरान की जेल में लगी भीषण आग
  • कई कैदियों की हुई मौत
  • आपसी झड़गा बताया गया कारण

Iran Prison Fire: ईरान की राजधानी तेहरान के एविन कारागार में आग लगने से जान गंवाने वाले कैदियों की संख्या बढ़कर आठ हो गई है। ईरान की न्यायपालिका ने यह जानकारी दी। इससे पहले ऐसा माना जा रहा था कि जेल में आग साजिश के तहत लगाई गई है। क्योंकि देश में हिजाब के खिलाफ भारी विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। ईरान की न्यायपालिका की समाचार एजेंसी ‘मिजान’ ने मृतक संख्या में बदलाव की जानकारी देते हुए कहा कि शनिवार रात हुई घटना में घायल हुए कुछ कैदियों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। जान गंवाने वाले सभी कैदियों को चोरी के मामले में गिरफ्तार किया गया था।

समाचार एजेंसी ने इस घटना को ‘कैदियों के बीच की लड़ाई बताया’। हालांकि उसने इस संबंध में कोई सबूत पेश नहीं किए हैं। अर्ध-सरकारी समाचार एजेंसी ‘फार्स’ ने भी मृतक संख्या बढ़ने की जानकारी दी और बताया कि छह कैदी अब भी अस्पताल में भर्ती हैं। तेहरान स्थित एविन कारागार में शनिवार शाम आग लग गई थी। आग की लपटें और धुएं का गुबार दूर से ही देखा जा सकता था। आग पर कई घंटे की मशक्कत के बाद काबू पाया गया। घटना की ऑनलाइन प्रसारित हुई वीडियो में गोली चलने और विस्फोटकों की आवाजें भी सुनी जा सकती हैं।

इस बीच देशभर में महासा अमीनी नामक 22 वर्षीय एक युवती की पुलिस की हिरासत में मौत के बाद से पिछले पांच सप्ताह से विरोध प्रदर्शन जारी है। अमीनी को कथित रूप से सही तरीके से हिजाब नहीं पहनने के कारण नैतिकता के नाम पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने पकड़ा था और हिरासत में ही उसकी मौत हो गई थी। ईरान की सरकार ने लगातार यह दावा किया है कि अमीनी के साथ कोई दुर्व्यवहार नहीं किया गया, जबकि उनके परिवार का कहना है कि उनके शरीर पर चोट और पिटाई के निशान थे।

महिलाओं के साथ मारपीट कर रहे सुरक्षा बल

प्रदर्शन के सामने आए कुछ वीडियो में सुरक्षा बलों द्वारा महिला प्रदर्शनकारियों को पीटते और धक्का देते हुए देखा जा सकता है। इनमें वे महिलाएं भी शामिल हैं, जिन्होंने अपना हिजाब उतार दिया था। ईरान में हिजाब पहनना अनिवार्य है। अधिकारियों के इंटरनेट पर रोक लगाने के बावजूद राजधानी तेहरान और अन्य जगहों के वीडियो ऑनलाइन प्रसारित हो रहे हैं। सोमवार को एक वीडियो में विश्वविद्यालय और हाई स्कूल के छात्रों को प्रदर्शन और नारेबाजी करते हुए देखा गया। कुछ महिलाएं व लड़कियां बिना सिर ढके सड़कों पर मार्च करती नजर आईं।

ईरान 2009 के ‘हरित आंदोलन’ के बाद से इन प्रदर्शनों के जरिए ईरान के धर्मतंत्र के खिलाफ सबसे बड़ी चुनौती पेश की गई है। न्यूयॉर्क स्थित ‘सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स’ ने एक वीडियो साझा किया जिसमें सानंदाज में सुरक्षा बल के कर्मी मोटरसाइकिल पर चक्कर लगाते नजर आ रहे हैं। सेंटर ने कहा, ‘उन्होंने बहरान में कथित तौर पर कई गाड़ियों के शीशे भी तोड़े।’ एमनेस्टी इंटरनेशनल ने भी ईरानी सुरक्षा बलों के ‘आग्नेयास्त्रों का इस्तेमाल करने और यहां तक कि मकानों में भी अंधाधुंध आंसू गैस के गोले दागने ’ की निंदा की है।

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने भी ईरानी बलों की कार्रवाई की निंदा की और कहा , ‘ईरान में जो कुछ भी हो रहा है, उसे दुनिया देख रही है।’ वहीं ईरान ने सानंदाज में नए सिरे से की गई कार्रवाई के संबंध में अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है। हालांकि ईरान के विदेश मंत्रालय ने पुलिस की कार्रवाई को लेकर ब्रिटेन द्वारा उसके देश के कुछ लोगों पर प्रतिबंध लगाने के बाद, ब्रिटेन के राजदूत को तलब किया है। ईरान के विदेश मंत्रालय ने प्रतिबंध को ‘मनमाना और निराधार’ करार दिया और इसके जवाब में ब्रिटेन के खिलाफ कार्रवाई करने की धमकी भी दी है।

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