ईरान ने रविवार को इजरायल पर सीधा हमला किया और ताबड़तोड़ ड्रोन, बैलिस्टिक मिसाइल दागे। इसके बाद मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ता जा रहा है। इसके बाद इजरायली मंत्री बेनी गैंट्ज़ ने रविवार की रात धमकी भरे अंदाज में कहा कि इजरायल अपने क्षेत्रों पर ईरान के ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद जवाबी कार्रवाई करेगा और "ईरान से इसकी असली कीमत वसूलने" के लिए उचित समय और तरीका अपनाएगा। इजरायल की इस धमकी और उसकी जवाबी कार्रवाई को लेकर युद्ध की आशंका बढ़ती जा रही है।
संयुक्त राष्ट्र में ईरान के दूत ने कहा कि इजरायल को उसकी चाल का जवाब दिया गया है और यह ईरान अपने "आत्मरक्षा के अंतर्निहित अधिकार" के प्रयोग के आधार पर कर रहा है। ईरान के अनुसार, इज़राइल पर हमला, दमिश्क में उसके वाणिज्य दूतावास पर किए गए हमले की प्रतिक्रिया थी, इस कृत्य के लिए पहले ही इज़राइल को जिम्मेदार ठहराया गया था।
हमले के बाद क्या-क्या हुआ, जानिए बड़ी बातें
इसके जवाब में संयुक्त राष्ट्र में इज़राइल के प्रतिनिधि गिलाद एर्दान ने सुरक्षा परिषद से ईरान पर सभी उपलब्ध प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया है। इसके अतिरिक्त, G7 नेताओं ने पहले कहा था कि वे "अस्थिर करने वाली पहल" के जवाब में "आगे कदम उठाने" के लिए तैयार हैं।
ईरान ने इजराइल को चेतावनी दी है और संयुक्त राष्ट्र में ईरान ने कहा, "इसके बाद इस मामले को समाप्त माना जा सकता है। मगर, यदि इजरायल ने एक और गलती की, तो ईरान की प्रतिक्रिया काफी गंभीर होगी और इसका परिणाम इजरायल को भुगतना होगा।"
वहीं, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इजरायली प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से कहा है कि अमेरिका ईरान के खिलाफ किसी भी जवाबी कार्रवाई के लिए सैन्य समर्थन नहीं करेगा। समाचार एजेंसी एएफपी के हवाले से अमेरिका ने कहा, "हम उनकी किसी भी प्रतिक्रिया का हिस्सा नहीं बनेंगे और ऐसे भी किसी कृत्य में भाग नहीं लेंगे।"
जबकि बाइडेन ने रविवार को कहा था कि अमेरिका ने ईरान के लॉन्च किए गए अधिकांश ड्रोन और मिसाइलों को रोकने में इज़राइल की सहायता की। इसके बाद, बाइडेन ने ईरान और इजरायल के बीच उपजे तनाव को लेकर G7 नेताओं के साथ मुलाकात की।
इज़राइल की सेना ने घोषणा की है कि इज़राइल ने अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और अन्य सहयोगियों के साथ, ईरान के इस हमले का जवाब देने के लिए पहली बार एक "गठबंधन" बनाया है। आईडीएफ के प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल हगारी ने एक टेलीविजन बयान में कहा, "हमने मिलकर ईरान के हमले को विफल कर दिया... यह पहली बार था कि इस तरह के गठबंधन ने ईरान और मध्य पूर्व में उसके प्रतिनिधियों के खतरे के खिलाफ एक साथ काम किया।"
ईरानी विदेश मंत्री होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन ने कहा कि ईरान ने पड़ोसी राज्यों के लिए 72 घंटे की अधिसूचना अवधि के बाद, हमले से पहले अमेरिका को पहले ही बता दिया था। हमले से पहले, ईरान ने खाड़ी में इज़राइल से जुड़े एक जहाज को जब्त कर लिया था, जिससे पूरे क्षेत्र में तनाव बढ़ गया था।
इसपर, भारत ने कहा कि क्षेत्र में बढ़ते तनाव को "बातचीत और कूटनीति" के जरिए हल किया जाना चाहिए। भारत ने कहा कि "हम तत्काल तनाव कम करने, संयम बरतने, हिंसा से पीछे हटने और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का आह्वान करते हैं। हम उभरती स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं... यह महत्वपूर्ण है कि क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता बनी रहे।"
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कल सुरक्षा परिषद के समक्ष बोलते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से संघर्ष को और न बढ़ाने का आग्रह किया। गुटेरेस ने कहा, "न तो क्षेत्र और न ही दुनिया अधिक युद्ध बर्दाश्त कर सकती है। मिडिल ईस्ट युद्ध की कगार पर है।"