Highlights
- ईरान ने सलमान रुश्दी पर हमले की खुशी जताई
- लोगों ने इस्लाम के अपमान का बदला बताया
- अमेरिका में हुआ था लेखक पर जानलेवा हमला
Iran Salman Rushdie Attack: ईरानियों ने मशहूर उपन्यासकार सलमान रुश्दी पर हुए हमले को लेकर मिश्रित प्रतिक्रिया दी है। रुश्दी की पुस्तक ‘द सैटेनिक वर्सेज’ को लेकर ईरान के तत्कालीन (अब दिवंगत) सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातुल्ला रूहोल्लाह खमनेई ने उन्हें (रुश्दी को) मौत की सजा का फतवा जारी किया। वैसे अबतक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि हमलावर हदी मतार ने लेखक पर क्यों हमला किया। रुश्दी जब शुक्रवार को न्यूयार्क में एक कार्यक्रम में अपना संबोधन शुरू करने वाले थे, तब उसने उनपर हमला किया था।
ईरान की सरकार एवं उसकी सरकारी मीडिया ने इस हमले का कोई मकसद नहीं बताया है। लेकिन तेहरान में 'एसोसिएटिड प्रेस' से बातचीत के दौरान कुछ लोगों ने लेखक पर हमले की सराहना की, जिसके बारे में उनका मानना है कि रुश्दी की 1988 में आई पुस्तक ‘द सैटेनिक वर्सेज’ ने इस्लाम धर्म की छवि को नुकसान पहुंचाया है। ईरान की राजधानी तेहरान की गलियों में लोगों के जेहन में अब भी खमैनी का फतवा है।
लोगों ने हमले पर जताई खुशी
डिलिवरीमैन का काम करने वाले रेजा अमिरी (27) ने कहा, ‘मैं सलमान रुश्दी को नहीं जानता, लेकिन मुझे यह सुनकर खुशी हुई है कि उनपर हमला किया गया क्योंकि उन्होंने इस्लाम का अपमान किया है।’ तेहरान में रह रहे 34 वर्षीय मोहम्मद महदी मोवाघर ने कहा कि यह सुखद है और यह दिखाता है कि जो लोग हम मुस्लिमों की पवित्र चीजों का अपमान करते हैं उन्हें परलोक में सजा के अलावा इस दुनिया में भी लोगों द्वारा सजा मिलेगी।
कुछ लोगों ने चिंता भी जताई
हालांकि कुछ ऐसे भी लोग हैं जिन्हें चिंता है कि ईरान दुनिया से और कट जाएगा। वैसे भी ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर तनाव चल रहा है। भूगोल शिक्षक माहशिद बराती (39) ने कहा, ‘मैं मानती हूं कि जिन्होंने ऐसा किया है, वे ईरान को अलग-थलग करने का प्रयास कर रहे हैं। यह कई देशों , यहां तक रूस और चीन के साथ भी ईरान के रिश्ते पर नकारात्मक असर डालेगा।’ खमनेई ने रुश्दी को मौत की सजा दिए जाने का फतवा 1989 में जारी किया था।
अखबारों में गिखाई दी खुशी
शनिवार को यहां के अखबारों में रुश्दी पर हमले को लेकर अलग अलग हेडलाइन रही। कट्टरपंथी अखबार वतन ए इमरो ने लिखा, ‘सलमान रुश्दी के गले पर चाकू।’ सुधारवादी अखबार इतेमाद ने ‘सलमान रुश्दी नियर डेथ’ लिखा। रुढिवादी अखबार खुरासान ने स्ट्रेचर पर लेटे रुश्दी की बड़ी तस्वीर छापी और लिखा, ‘जहन्नुम की राह पर शैतान।’