Highlights
- दुनिया में शीर्ष पदों पर भारतीय मूल के लोग
- ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री बने ऋषि सुनक
- गुयाना में भारतीय मूल के हैं राष्ट्रपति खान
Indian Origin World Leaders: ब्रिटेन के पूर्व वित्त मंत्री ऋषि सुनक को सोमवार को निर्विरोध सत्तारूढ़ कंजरवेटिव पार्टी का नया नेता चुन लिया गया है। वह भारतीय मूल के पहले ऐसे शख्स हैं, जो ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बने हैं। ये खबर उस दिन सामने आई, जब दुनिया भर में दिवाली का त्योहार मनाया जा रहा था। भारतीयों ने भी सोशल मीडिया पर खूब खुशी जाहिर की। लेकिन ऐसा पहली बार नहीं है, बल्कि इससे पहले भी दुनिया में भारतवंशियों का डंका बजता रहा है। भारतीय मूल के करीब 200 नेता 15 देशों में अहम पदों पर पहुंचे हैं। जिनमें से 60 लोग विभिन्न देशों में कैबिनेट पदों पर आसीन हैं। तो चलिए जान लेते हैं कि ऋषि सुनक और उनसे पहले किन भारतीय मूल के लोगों ने सत्ता के शीर्ष पर अपनी जगह बनाई है।
ऋषि सुनक-
भारतीय मूल के ऋषि सुनक ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री बन इतिहास रचेंगे। ठीक दिवाली के दिन पेनी मॉर्डंट के दौड़ से हटने की घोषणा के बाद सुनक को कंजरवेटिव पार्टी का निर्विरोध नेता चुन लिया गया है। सुनक 210 वर्षों में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनने वाले सबसे युवा नेता होंगे। ब्रिटेन के पूर्व वित्त मंत्री सुनक की उम्र 42 साल है। वह एक धर्मनिष्ठ हिंदू हैं और अब वह लंदन स्थित 10 डाउनिंग स्ट्रीट में प्रवेश करने वाले हैं। उल्लेखनीय है कि 10 डाउनिंग स्ट्रीट ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का आधिकारिक आवास-सह-कार्यालय है।
ऋषि सुनक के दादा दादी पंजाब से पूर्वी अफ्रीका आकर बस गए थे। उनके पिता यशवीर का जन्म केन्या में हुआ और मां ऊषा का जन्म तंजानिया। 1960 में उनके दादा दादी अपने बच्चों के साथ ब्रिटेन आ गए। ऋषि के पिता डॉक्टर और मां फार्मासिस्ट थीं। वहीं ऋषि का जन्म 1980 में साउथहैंपटन के हैम्पशायर में हुआ था। उन्होंने प्राइवेट स्कूल विनचेस्टर कॉलेज से पढ़ाई की थी। फिर उन्होंने आगे की पढ़ाई ऑक्सोफर्ड से की। यहां उन्होंने फिलॉस्फी, पॉलिटिक्स और इकॉनमिक्स की पढ़ाई की। आमतौर पर ब्रिटिश राजनेता इन्हीं विषयों की पढ़ाई करते हैं। देश के अधिकतर प्रधानमंत्रियों और बड़े नेताओं ने ऑक्सफोर्ड से पढ़ाई की है। ऋषि सुनक ने अपनी एमबीए स्टैफोर्ड यूनिवर्सिटी से की है।
ऋषि सुनक ने बाद में राजनीति में कदम रखा और 2014 में कंजर्वेटिव पार्टी की तरफ से उन्हें रिचमंड सीट से उम्मीदवार घोषित किया गया। ये सीट इसलिए इतनी अहम थी, क्योंकि यहां से ब्रिटेन के महान नेता माने जाने वाले विलियम हेग चुनाव लड़ा करते थे, लेकिन बाद में उन्होंने चुनाव में हिस्सा लेने से मना कर दिया था। इसे ब्रिटेन की कंजर्वेटिव पार्टी की सबसे सुरक्षित सीट भी कहा जाता है। 100 साल से भी अधिक समय से इसपर कंजरर्वेटिव पार्टी ही राज कर रही है। बीते साल सुनक इसी सीट से दूसरी बार सांसद बने हैं। 2018 की शुरुआत में उन्हें ब्रिटेन का आवास मंत्री भी बनाया गया था।
ऋषि सुनक करीब छह हफ्ते पहले पीएम पद की रेस में लिज ट्रस से हार गए थे। जिनके गलत फैसलों से बाजार में उथल पुथल मच गई और उन्हें 45 दिन में ही अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। जिसके बाद ऋषि सुनक प्रधानमंत्री बन गए हैं। ऋषि ने बैंक में 2001 से 2004 तक विश्लेषक के तौर पर काम किया था। फिर उन्होंने चिल्ड्रन्स इन्वेस्टमेंट फंड मैनेजमेंट कंपनी में काम करना शुरू किया। 2016 में कंपनी में पार्टनर बन गए। इसके बाद उन्होंने अपने एक पुराने सहकर्मी के साथ एक कंपनी खोली। वह अपने ससुर नारायण मूर्ति की कंपनी कटमरैन वेंचर्स में डायरेक्टर रहे थे। ऋषि और अक्षता की गिनती ब्रिटेन के सबसे अमीर लोगों में होती है।
ऋषि सुनक की वेबसाइट के अनुसार, वह न केवल फिट हैं, बल्कि उन्हें क्रिकेट, फुटबॉल और फिल्में देखना काफी पसंद है। साउथहैंपटन फुटबॉल खिलाड़ी मैट ले टेजियर बचपन में उनके हीरो रहे हैं। वह हिंदू धर्म को मानते हैं। उन्होंने ब्रिटिश संसद हाउस ऑफ कॉमन्स में गीता पर हाथ रखकर शपथ ली थी। वह शराब और सिगरेट से पूरी तरह दूर रहते हैं। सुनक कह चुके हैं कि भगवत गीता उन्हें तनावपूर्ण परिस्थितियों से बचाती हैं और कर्तव्य पर डटे रहने की याद दिलाती है। उन्होंने वित्त मंत्री के पद पर रहते हुए अपने घर पर दिए जलाए थे।
कमला हैरिस-
अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता हैं। वह अमेरिकी इतिहास में उपराष्ट्रपति बनने वाली पहली महिला और इस पद पर काबिज होने वाली पहली भारतीय मूल की महिला हैं। उन्होंने हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी, कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी और हेस्टिंग्स कॉलेज से पढ़ाई की है। वह 2010-2014 तक दो बार कैलिफोर्निया की अटॉर्नी जनरल रहीं। इसके बाद 2017-2021 वह अमेरिकी सीनेटर रहीं। फिर 20 जनवरी, 2021 को हैरिस ने अमेरिका की 49वीं उपराष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। 57 साल की हैरिस की जड़ें भारत के तमिलनाडु राज्य से जुड़ी हैं।
कमला हैरिस की मां श्यामला गोपालन का जन्म भारत के इसी राज्य में हुआ था। वह ब्रेस्ट कैंसर रिसर्चर थीं और तमिलनाडु छोड़ अमेरिका जाकर बस गईं। हैरिस के पिता जमैका-अमेरिका मूल के डोनाल्ड जे हैरिस थे। उनके माता पिता ने 1963 में शादी की। जिसके बाद 1964 में कमला हैरिस पैदा हुईं और 1966 में उनकी बहन माया का जनम हुआ। उनके माता पिता का तलाक हो गया था। जिसके बाद उनकी मां श्यामला ने ही दोनों बहनों की परवरिश की। हैरिस ने 2014 में अमेरिकी वकील डौग एम्होफ से शादी की।
कमला हैरिस कह चुकी हैं कि उनकी मां को भारतीय विरासत पर गर्व था और उन्होंने उन्हें भी संस्कृति पर गर्व करना सिखाया है। हैरिस बचपन में अपनी मां के साथ मंदिर जाती थीं और गाना गाया करती थीं। इसके अलावा वह बचपन में कई बार अपनी मां के परिवार से मिलने चेन्नई आई हैं। हैरिस अपने पिता के परिवार से मिलने के लिए जमैका भी जा चुकी हैं।
चान संतोखी
चार संतोखी पुलिस अधिकारी से राजनेता बने हैं। 63 साल के चंद्रिकाप्रसाद चान संतोखी वर्तमान मे सूरीनाम के राष्ट्रपति हैं। उनका जन्म भारतीय सूनीनामीज हिंदू परिवार में 1959 में हुआ था। उनके दादा को अंग्रेज 19वीं सदी की शुरुआती में बिहार से एक मजदूर के तौर पर सूरीनम लेकर आए थे। वह 1982 में मॉरिशस पुलिस में इंस्पेक्टर बने, 1989 में नेशनल क्रिमिनल इंवेस्टिगेशन डिपार्टमेंट के प्रमुख बने और 1991 में पुलिस कमिश्नर बने। उन्होंने 2005 में मिनिस्टर ऑफ जस्टिस एंड पुलिस के रूप में राजनीति में कदम रखा। वह सूरीनाम की प्रोग्रेसिव रिफॉर्म पार्टी के नेता हैं। वह 2020 में सूरीनाम के राष्ट्रपति बने थे। वह चनावों में इकलौते उम्मीदवार होने की वजह से निर्विरोध चुने गए थे।
इसी सील उन्होंने सूरीनाम की वकील मेलिसा कविता देवी सीनाचेरी से शादी की। ये शादी हिंदू रीति रिवाजों से की गई थी। संतोखी के चार बच्चे हैं, जिनमें से दो पिछली शादी से हैं। उन्होंने राष्ट्रपति की शपथ लेते हुए संस्कृत के श्लोक और मंत्र पढ़े थे। साथ ही हाथों में वेद लिए थे।
भरत जगदेव
भारतीय मूल के भरत जगदेव 2020 में गुयाना के उपराष्ट्रपति बने थे। गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली भी भारतीय मूल के ही हैं। वहीं जगदेव की बात करें, तो उनका जन्म गुयाना में एक भारतीय हिंदू परिवार में हुआ था। वह 13 साल की उम्र में ही पीपुल्स प्रोग्रेसिव पार्टी की यूथ विंग से जुड़े थे और 16 साल का होते ही नेता बन गए। उन्होंने रूस के मॉस्को से 1990 में अर्थशास्त्र की पढ़ाई की है। वह 1993 में जूनियर फाइनेंस मिनिस्टर बने और 1995 में सीनियर फाइनेंस मिनिस्टर बने। भरत जगदेव 1997 से 1999 तक देश के उपराष्ट्रपति रहे। 1995 में वह महज 35 साल की उम्र में राष्ट्रपति बने थे। वह 2006 में दोबारा इसी पद पर चुने गए और 2011 तक रहे। जगदेव के पिता उत्तर प्रदेश के अमेठी से थे। जिन्हें 1912 में अंग्रेज एक मजदूर के तौर पर गुयाना लाए थे।
एंटोनिया कोस्टा
एंटोनिया कोस्टा तीन बार से पुर्तगाल के प्रधानमंत्री बने हैं। वह आधे पुर्तगाली और आधे भारतीय हैं। कोस्टा सोशलिस्ट पार्टी से हैं। उनके पिता का जन्म भारत के गोवा में एक भारतीय परिवार में हुआ था। उनकी मां पुर्तगाली मूल की मारिया एंटोनिया पाला थीं। वह पहले संसदीय मामलों के स्टेट सेक्रेटरी और कानून मंत्री और लिस्बन (पुर्तगाल की राजधानी) के मेयर थे। उन्होंने 1987 में फर्नांडा तादेउ से शादी की। दोनों के दो बच्चे हैं। कोस्टा को पुर्तगाल में लिस्बन का गांधी भी कहा जाता है।
प्रविंद जगन्नाथ
प्रविंद जगन्नाथ 2017 से मॉरिशन के प्रधानमंत्री हैं। उनका जन्म 1961 में मॉरिशस में ही भारतीय मूल के एक हिंदू परिवार में हुआ था। वह मिलिटेंट सोशलिस्ट मूवमेंट यानी एमएसएम पार्टी के सदस्य हैं। जगन्नाथ के राजनीतिक करियर की शुरुआत 1987 में हुई और 1990 में वह एमएसएम पार्टी से जुड़ गए। इसके बाद वह साल 2000 में कृषि मंत्री और 2005 में वित्त मंत्री बने। वह विपक्ष के नेता भी रहे हैं। उनकी शादी 1992 में हुई थी और तीन बेटियां हैं। वह इस साल अगस्त महीने में काशी विश्वनाथ मंदिर के तीन दिन के दौरे पर भी आए थे।
पृथ्वीराजसिंह रूपन
पृथ्वीराजसिंह रूपन 2019 से मॉरिशस के राष्ट्रपति हैं। उनका जन्म 1959 को मॉरिशस के एक भारतीय आर्य समाजी हिंदू परिवार में हुआ था। उनकी पढ़ाई यूनिवर्सिटी ऑफ सेंट्रल लंकाशायर से हुई है। रूपन ने 1983 में राजनीति में प्रवेश किया था और 1995 में पहली बार चुनाव लड़ा। जबकि चुनावों में पहली जीत 2000 में मिली। वह 2010 से 2012 तक मॉरिशन नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर रहे थे।
2014 से 2017 तक वह सोशल इंटेग्रेशन और इकोनॉमिक एम्पावरमेंट मिनिस्टर और 2017 से 2019 तक आर्ट्स एंड कल्चर मिनिस्टर रहे। 2 दिसंबर 2019 को वह मॉरिशस के सातवें प्रधानमंत्री बने। पृथ्वीराजसिंह रूनप की शादी संयुक्त रूपन से हुई है और उनके चार बच्चे हैं। वह भारतीय मूल के हैं। रूपन की हिंदू धर्म में गहरी आस्था है। उनकी काशी विश्वनाथ मंदिर में शिवलिंग पर दूध चढ़ाते समय की तस्वीर सामने आई थी। इसके अलावा वह बिहार के गया में मौजूद महोबाधि बौद्ध मंदिर भी जा चुके हैं।
मोहम्मद इरफान अली
मोहम्मद इरफान अली इस वक्त गुयाना के राष्ट्रपति हैं। वह पहले ऐसे मुस्लिम हैं, जो राष्ट्रपति बने हैं। वह जिस देश में इतने बड़े पद पर काबिज हैं, वहां ही कुल 8 लाख की आबादी में से आधे लोग भारतीय मूल के हैं। अली का जन्म 1980 में एक भारतीय गायनीडॉज मुस्लिम परिवार में हुआ था। उनकी पढ़ाई यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टइंडीज से हुई है। इसके साथ ही उन्होंने दिल्ली की इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से एमए की डिग्री प्राप्त की है। वहीं उन्होने 2006 में गुयाना नेशनल असेंबली के सदस्य के तौर पर राजनीति में प्रवेश किया था। अली गुयाना की पीपुल्स प्रोग्रेसिव पार्टी से हैं। उन्होंने 2017 में आर्या अली से शादी की थी और उनका एक बेटा है। इरफान अली की कहानी भी उन नेताओं से मिलती है, जिनके बारे में हमने ऊपर बात की। उनके दादा को भी अंग्रेज मजदूर के तौर पर भारत से गुयाना लेकर आए थे।