Highlights
- रूस में 30 अगस्त से 5 सितंबर तक होना है
- वोस्तोक 2022 नाम का यह अभ्यास रूस में होने जा रहा है
- दोनों देशों के बीच 16 दौर की सैन्य वार्ता के बावजूद भी हल नहीं निकला है
India China Military Exercise: भारत और चीन के बीच लद्दाख में अभी भी तनाव बना हुआ है। दोनों देशों के बीच 16 दौर की सैन्य वार्ता के बावजूद भी हल नहीं निकला है। एलएसी पर अभी भी पूरी तरह से ढील नहीं है। ऐसे में सीमा पर जारी तनाव के बीच भारत और चीन की सेनाएं एक साथ अभ्यास में शामिल होने जा रही हैं। वोस्तोक 2022 नाम का यह अभ्यास रूस में होने जा रहा है। इस अभ्यास में भारत, चीन, रूस के अलावा बेलारूस, मंगोलिया, ताजिकिस्तान की सेनाएं भी भाग लेंगी। वोस्तोक अभ्यास रूस में 30 अगस्त से 5 सितंबर तक होना है। रूस ने कहा है कि सभी सदस्य देश इस अभ्यास में भाग लेने के लिए सहमत हो गए हैं। इसका मौजूदा क्षेत्रीय तनावों से कोई लेना-देना नहीं है।
चीनी रक्षा मंत्रालय ने पुष्टि की
चीनी रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि चीनी सैनिक रूस के नेतृत्व में संयुक्त सैन्य अभ्यास में भाग लेने के लिए मेजबान देश की यात्रा करेंगे। मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि इस संयुक्त अभ्यास में चीन की भागीदारी का मौजूदा अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्थिति से कोई संबंध नहीं है। चीन के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि अभ्यास में उसकी भागीदारी रूस के साथ चल रहे द्विपक्षीय वार्षिक सहयोग समझौते का हिस्सा है। इसका उद्देश्य भाग लेने वाले देशों की सेनाओं के साथ व्यावहारिक और मैत्रीपूर्ण सहयोग को गहरा करना, भाग लेने वाले दलों के बीच रणनीतिक सहयोग के स्तर को बढ़ाना और विभिन्न सुरक्षा खतरों का जवाब देने की क्षमता को मजबूत करना है।
क्या वोस्तोक 2022 में भारत भी होगा शामिल?
भारत ने अभी तक इस अभ्यास को लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है लेकिन माना जा रहा है कि 2022 में वोस्तोक में हिस्सा लेने के लिए भारतीय सेना रूस जरूर जाएगी। यूक्रेन पर आक्रमण के बाद भारत ने कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर रूस के खिलाफ बयानबाजी करने से खुद को दूर कर लिया है। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच कम से कम दो बार बातचीत हो चुकी है। फिलहाल भारतीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी रूस के दौरे पर हैं। भारत ने अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के बावजूद रूस से बड़ी मात्रा में कच्चा तेल भी खरीदा है।
चीन और रूस हुए करीब
यूक्रेन पर आक्रमण के बाद रूस और चीन के बीच संबंध भी काफी मजबूत हुए हैं। फरवरी में ही चीन और रूस ने नो-लिमिट पार्टनरशिप की घोषणा की थी। पहले यह दावा किया गया था कि यूक्रेन युद्ध के दौरान चीन अपने मित्र रूस को हथियारों की आपूर्ति कर रहा था। हालांकि, अमेरिकी अधिकारियों ने कहा है कि अभी तक उन्हें ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है जिससे यह साबित हो सके कि चीन रूस को हथियारों की आपूर्ति कर रहा है।