अंतरराष्ट्रीय व्यापार के क्षेत्र में भारत ने और और बड़ी कामयाबी हासिल कर ली है। अगर सबकुछ ठीक रहा तो जल्द ही संयुक्त अरब अमीरात में भी रुपे कार्ड से लेनदेन संभव हो सकेगा। यह भारत की अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने की दिशा में बड़ा कदम होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षा दुनिया के अधिकांश देशों में भारतीय मुद्रा से लेनदेन को बढ़ावा देने का है। अब तक दर्जन भर से ज्यादा देशों में इस महत्वकांक्षा को परवान चढ़ाया जा चुका है। ऐसे में भारत का रुपया अब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा बनने की राह पर चल पड़ी है। यह देखकर अमेरिका और चीन टेंशन में आ गए हैं।
भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) की अंतरराष्ट्रीय इकाई एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड अंतरराष्ट्रीय लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए बृहस्पतिवार को अबूधाबी में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के अल-एतिहाद पेमेंट्स के साथ समझौता करेगा। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारत के रुपे डेबिट और क्रेडिट कार्ड व्यवस्था के आधार पर यूएई की घरेलू कार्ड योजना को विकसित कर समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की मौजूदगी में हस्ताक्षर किए जाएंगे।
आबूधाबी में होने वाली है भारत-यूएई की महत्वपूर्ण बैठक
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल पांच और छह अक्टूबर को अबूधाबी में एक उद्योग प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई करेंगे। गोयल अबूधाबी निवेश प्राधिकरण के प्रबंध निदेशक शेख हमीद बिन जायद अल नाहयान के साथ ‘निवेश पर भारत-यूएई उच्च स्तरीय कार्य बल’ (एचएलटीएफआई) की 11वीं बैठक की सह-अध्यक्षता करेंगे। बैठक में निवेश मंत्री और एडीक्यू के प्रबंध निदेशक और सीईओ मोहम्मद हसन अलसुवैदी, विदेश व्यापार राज्य मंत्री थानी बिन अहमद अल जायौदी, यूएई के केंद्रीय बैंक के गवर्नर खालिद मोहम्मद बलामा और दोनों देशों के राजदूत (भारत में यूएई के राजदूत अब्दुलनासिर अलशाली और यूएई में भारत के राजदूत संजय सुधीर) भाग लेंगे। वाणिज्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दोनों देश एक-दूसरे के देशों में मौजूदा निवेश से संबंधित मुद्दों और चुनौतियों पर चर्चा करेंगे। (भाषा)
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