नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण द्वारा पेश किए गए बजट की तारीफ सिर्फ देश में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी हो रही है। भारत के इस शानदार बजट की तारीफ संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में भी की जा रही है। आज केंद्रीय बजट पेश होने के बाद अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) के साथ-साथ संयुक्त अरब अमीरात में व्यापार और कॉर्पोरेट समुदाय ने भारत के केंद्रीय बजट 2023-24 का स्वागत किया है। इलेक्ट्रॉनिक्स और कंप्यूटर सॉफ्टवेयर एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ने कहा कि, यह लोगों के अनुकूल बजट है, क्योंकि आयकर छूट को बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दिया गया है। यह वित्त मंत्री द्वारा उठाया गया एक बड़ा कदम है, जो मध्यम आय वाले करदाताओं को बड़े पैमाने पर लाभान्वित करेगा क्योंकि इससे परिवारों द्वारा अधिक खर्च होगा, जिससे कुल मांग में वृद्धि होगी।
ओपन सेल (टीवी), मोबाइल फोन, कैमरा लेंस आदि के पुर्जे पर कस्टम ड्यूटी में कमी से भारत के निर्यात को बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी। टीवी जैसे अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामानों के लिए इसका विस्तार करने का प्रस्ताव एक स्वागत योग्य कदम है, जिससे निर्यात को और बढ़ावा मिलेगा। लुलु समूह ने कहा, मैं इसे एक 'समावेशी' बजट के रूप में कहूंगा, जिसने समाज के सभी वर्गों के साथ-साथ विभिन्न प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को ध्यान में रखने की कोशिश की है। मेरे लिए कनेक्टिविटी, खाद्य सुरक्षा और कौशल विकास क्षेत्रों को मजबूत करने के लिए घोषित की गई पहल प्रमुख कदम हैं। उन्होंने कहा- 50 नए हवाई अड्डों के निर्माण और जल-मार्गों के विकास का निश्चित रूप से भारत के सामाजिक-आर्थिक ताने-बाने पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा और वैश्विक व्यवसायों और निवेशकों के लिए एक स्वप्निल गंतव्य के रूप में हमारी स्थिति को और बढ़ावा मिलेगा। खाद्य सुरक्षा एक अन्य प्रमुख क्षेत्र है जिसका समुदाय के साथ-साथ कृषि क्षेत्र के लिए दीर्घकालिक लाभ होगा।
खाड़ी देशों से भारत के व्यापार को मजबूत करेगा बजट
उद्यमियों ने कहाकि यह बजट भारत-खाड़ी व्यापार संबंधों को और मजबूत करेगा और हमारे आर्थिक विकास और रोजगार क्षेत्र को लाभ पहुंचाने के लिए देश में और अधिक निवेश लाएगा। मौजूदा मेडिकल कॉलेजों के साथ-साथ 157 नर्सिंग कॉलेज शुरू करने की घोषणा के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा उद्योग आज जिन मुख्य चुनौतियों का सामना कर रहा है, उनमें से एक- नर्सिंग स्टाफ की कमी को संबोधित करता है।बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए ग्रामीण और उपनगरीय क्षेत्रों में अधिक अस्पतालों और स्वास्थ्य सुविधाओं की आवश्यकता बनी हुई है। आशा है कि सरकार इसके समाधान के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) पर अधिक ध्यान देगी। कृषि में 20 लाख करोड़ की ऋण सुविधा को क्रांतिकारी बताया।