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हिंद प्रशांत में चीन की बढ़ती आक्रामकता के बीच आया भारत-ऑस्ट्रेलिया का जवाब, कानून आधारित एक अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था पर दिया जोर

India Australia: ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग ने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों का मानना है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र को आर्थिक व रणनीतिक दोनों रूप से एक ‘नया आकार’ दिया जा रहा है।

Edited By: Shilpa @Shilpaa30thakur
Updated on: October 11, 2022 14:32 IST
Penny Wong and S Jaishankar- India TV Hindi
Image Source : TWITTER Penny Wong and S Jaishankar

Highlights

  • भारत और ऑस्ट्रेलिया ने दिया बयान
  • अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था पर बोले दोनों देश
  • वेंग से मिले विदेश मंत्री जयशंकर

India Australia: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को कहा कि एक उदार लोकतंत्र के तौर पर भारत और ऑस्ट्रेलिया कानून आधारित एक अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था, अंतरराष्ट्रीय समुद्र क्षेत्र में नौवहन की स्वतंत्रता, सभी के लिए विकास और सुरक्षा को बढ़ावा देने में विश्वास रखते हैं। जयशंकर ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती आक्रामकता के बीच यह बयान दिया है। ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में जयशंकर ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच बातचीत बेहद सार्थक और सहज रही, जिसकी एक प्रमुख वजह यह है कि बड़े बहुपक्षीय सम्मेलनों के दौरान भी अलग से वे कई बार मिलते रहते हैं।

वोंग ने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों का मानना है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र को आर्थिक व रणनीतिक दोनों रूप से एक ‘नया आकार’ दिया जा रहा है। जयशंकर ने कहा कि उन्होंने और वोंग ने कई मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने कहा, ‘ मेरे विचार से, इसका आधार यह है कि उदार लोकतंत्र के तौर पर हम दोनों कानून आधारित एक अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था, अंतरराष्ट्रीय समुद्र क्षेत्र में नौवहन की स्वतंत्रता, आपसी संपर्क बढ़ाने, सभी के लिए विकास व सुरक्षा को बढ़ावा देने में विश्वास रखते हैं।’

हमारा एक साझा हित- वोंग 

वोंग ने जयशंकर के साथ 13वीं ‘विदेश मंत्रियों की रूपरेखा वार्ता’ (एफएमएफडी) के बाद कहा, ‘गहरे संबंधों व विशेषज्ञता के हमारे अपने क्षेत्रों के साथ, हमारा एक साझा हित है कि हमारा क्षेत्र स्थिर, समृद्ध बना रहे व संप्रभुता का सम्मान करे। जहां किसी देश को किसी विकल्प को चुनने की जरूरत न हो, बल्कि वह अपने स्वयं के संप्रभु विकल्प बनाए। हम नहीं चाहते कि किसी एक देश का दबदबा हो या किसी देश का वर्चस्व हो।’ उन्होंने कहा ‘ऑस्ट्रेलिया और भारत समग्र रणनीतिक भागीदार हैं। हम क्वाड के भागीदार हैं। और भी कई रास्तों में हम भागीदार हैं और सबसे अहम बात यह है कि हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र को साझा करते हैं।’

‘क्वाड’ एक चार पक्षीय सुरक्षा वार्ता है, जिसमें भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। भारत, अमेरिका और कई विश्व ताकतें इस क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य मौजूदगी के बीच एक स्वतंत्र, मुक्त व संपन्न हिंद-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही हैं। चीन लगभग पूरे विवादित दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है, हालांकि ताइवान, फिलीपींस, ब्रुनेई, मलेशिया और वियतनाम भी इसके कुछ हिस्सों पर अपना दावा करते हैं। चीन ने दक्षिण चीन सागर में कृत्रिम द्वीप और सैन्य प्रतिष्ठान भी स्थापित किए हैं।

नया आकार ले रहा क्षेत्र- वोंग

वोंग ने कहा, ‘हम दोनों का मानना है कि हमारा क्षेत्र आर्थिक और रणनीतिक रूप से एक नया आकार ले रहा हैं। मुझे लगता है कि भारत के साथ हमारी साझेदारी इस बात को दर्शाती है कि हम जानते हैं कि बदलाव के इस दौर का सबसे अच्छे तरीके से सामना मिलकर ही किया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘हम भारत और ऑस्ट्रेलिया की साझेदारी के साथ-साथ दूसरों के साथ काम करके ही इस क्षेत्र का वैसा निर्माण कर सकते हैं, जैसा हम चाहते हैं। इस क्षेत्र को जो आकार हम देना चाहते हैं, उसमें यह साझेदारी महत्वपूर्ण है।’

यूक्रेन मुद्दे पर जयशंकर ने कहा कि यूक्रेन संघर्ष किसी के हित में नहीं है। साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत ऐसी शत्रुता के खिलाफ है क्योंकि इसका दुनिया भर में हर किसी पर ‘बेहद गंभीर प्रभाव’ पड़ सकता है। रूस द्वारा हाल ही में चार यूक्रेनी क्षेत्रों में जनमत-संग्रह करवा उनका अपने देश में विलय करने के कदम को मान्यता नहीं देने के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र महासभा की आगामी चर्चा में भारत के रुख के बारे में किए सवाल पर उन्होंने कहा कि न इस तरह की कोई मिसाल या न कोई नीति है, ‘हम किसे वोट देंगे यह पहले से नहीं बता सकते, हम स्पष्ट रूप से यूक्रेन में युद्ध के खिलाफ रहे हैं।’

ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री पेनी वोंग ने रूस की एक बार फिर निंदा करते हुए उसके द्वारा यूक्रेन में कराए गए तथाकथित जनमत संग्रह को अवैध बताया। न्यूजीलैंड की यात्रा संपन्न कर कैनबरा पहुंचे जयशंकर ने इससे पहले एक तस्वीर साझा करते हुए ट्वीट किया था, ‘कैनबरा में तिरंगे के साथ स्वागत। ऑस्ट्रेलिया के पुराने संसद भवन को देश के रंग में रंगा देख बेहद खुश हूं।’ तस्वीर में ऑस्ट्रेलिया का पुराना संसद भवन तिरंगे की रोशनी में जगमगाता दिख रहा है। यह जयशंकर की ऑस्ट्रेलिया की दूसरी यात्रा है। इससे पहले वह फरवरी 2022 में ऑस्ट्रेलिया आए थे।

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