नई दिल्लीः प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत विदेशी देशों के संकट का सबसे बड़ा मददगार माना जाता है। बात विदेश में कहीं चाहे भूकंप आने की हो, युद्ध का मामला, बाढ़, सूखे या आगजनी जैसी स्थिति हो...भारत सभी परिस्थितियों में सबसे ज्यादा मददगार साबित हुआ है। बाढ़ प्रभावित केन्या को भारत ने मंगलवार को 40 टन दवाओं और अन्य आपूर्तियों समेत राहत सामग्री की दूसरी खेप भेजी है। मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) की यह खेप सेना के एक परिवहन विमान में अफ्रीकी देश के लिए रवाना की गईं।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए 40 टन दवाओं, चिकित्सा आपूर्ति और अन्य उपकरणों से युक्त एचएडीआर सामग्री की दूसरी खेप केन्या के लिए रवाना हो गई है। (हम) एक ऐतिहासिक साझेदारी के लिए खड़े हैं, दुनिया के लिए विश्वबंधु हैं।’’ राहत सामग्री की पहली खेप पिछले सप्ताह केन्या भेजी गई थी। केन्या सरकार के आंकड़ों के अनुसार, इस अफ्रीकी देश में भयावह बाढ़ के कारण अनेक हिस्से प्रभावित हुए हैं और इसमें कम से कम 267 लोग मारे जा चुके हैं।
तुर्की-सीरिया से लेकर नेपाल तक भारत ने संकट काल में पहुंचाई मदद
गत वर्ष तुर्की-सीरिया में आए प्रलयकारी भूकंप में भी भारत ने जबरदस्त मदद की थी। तुर्की में भारत ने अपनी सेना और मेडिकल सहायता से लेकर खाद्य और रसद सामग्री भी भेजवाई थी। इसी तरह नेपाल में आए भूकंप में भी भारत सरकार ने राहत-बचाव कार्य से लेकर मानवीय मदद भी मुहैया कराया था। इसके अलावा रूस-यूक्रेन युद्ध से लेकर इजरायल-हमास युद्ध में भी पीड़ितों तक भारत मानवीय मदद पहुंचा रहा है। (भाषा)
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