रफाहः गाजा के रफह में इजरायली सेना के नियंत्रण और बमबारी के बाद हालात बेहद नाजुक हो गए हैं। यहां फिलिस्तीनियों को रसद सामग्री पहुंचाना सबसे बड़ी चुनौती बन गया है। सहायता कर्मी हज़ारों विस्थापित फलस्तीनियों को खाद्य सामग्री और अन्य रसद पहुंचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। जबकि इजरायल का कहना है कि रफह में उसका अभियान सीमित है। वहीं दक्षिण में गाजा के शहर के पास दो मुख्य क्रॉसिंग बंद हैं। फलस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी ने कहा कि रफह में अभियान शुरू होने से पहले 13 लाख फलस्तीनी वहां शरण ले रहे थे और बीते एक हफ्ते के दौरान 3.60 लाख लोग इलाके से भाग गए हैं।
इजराइल ने रफाह को चरमपंथी समूह हमास का आखिरी गढ़ बताया है और अमेरिका तथा अन्य सहयोगी देशों की इन चेतावनियों को नजरअंदाज करते हुए क्षेत्र में अपना अभियान शुरू किया है कि कोई भी बड़ा अभियान आम लोगों के लिए विनाशकारी हो सकता है। इस बीच, हमास गाजा के उन कुछ हिस्सों में फिर से संगठित हो गया है, जिन्हें इजरायल ने पहले भारी बमबारी और जमीनी अभियानों से तबाह कर दिया था। संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) की प्रवक्ता अबीर इतेफा ने कहा कि आटा लेकर 38 ट्रक पश्चिमी इरेज क्रॉसिंग से पहुंच गए हैं। यह उत्तर गाजा तक पहुंचने का दूसरा प्रवेश स्थल है। इजराइल ने रविवार को क्रॉसिंग खोलने का ऐलान किया था। लेकिन पिछले एक सप्ताह से दक्षिणी गाजा में दो मुख्य क्रॉसिंग से कोई खाद्य सामग्री नहीं पहुंची।
रफाह में बमबारी तेज
एक हफ्ते पहले इजरायली सैनिकों द्वारा मिस्र से लगती रफह क्रॉसिंग पर कब्जा करने के बाद से इसे बंद कर दिया गया है। पिछले सप्ताह से इजराइली सेना ने रफह में बमबारी और अन्य अभियान तेज़ कर दिए हैं। साथ ही शहर के कुछ हिस्सों से लोगों को चलने जाने का आदेश दिया है। इजराइल का कहना है कि यह एक सीमित अभियान है जो मिस्र की सीमा पर सुरंगों और अन्य बुनियादी ढांचे को खत्म करने पर केंद्रित है। इतेफा ने कहा कि डब्ल्यूएफपी अपने बचे हुए भंडार से उत्तर गाजा के खान यूनिस और दीर बलाह के इलाकों में खाद्य सामग्री वितरित कर रहा है। (एपी)