Sudan: अफ्रीकी देश सूडान में पिछले 11 महीने से हिंसक संघर्ष चल रहा है। हिंसा का यह दौर इतना खतरनाक हो गया है कि लोगों के सामने अब भूख का संकट गहरा गया है। यहां लोगों भुखमरी का दंश झेल रहे हैं। ऐसे में संयुक्त राष्ट्र्र मानवीय सहायता एजेंसियां अलर्ट हो गई हैं और इन एजेंसियों ने आगाह किया है कि सूडान में पिछले 11 महीने से खूनी लड़ाई के कारण भूख का संकट गहरा रहा है। यूएन के अनुसार इस वर्ष मई तक कुछ क्षेत्रों में खाद्य असुरक्षा हालात विनाशकारी स्तर तक पहुंच सकते हैं।
सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच संघर्ष जारी
जनरल अब्देल फत्तह अल बुरहान के नेतृत्व वाली सेना और मोहम्मद हमदान दगालो के समर्थन वाली अर्धसैनिक बल- रैपिड सपोर्ट फोर्स (आरएसएफ) के बीच जंग चल रही है। पिछले साल अप्रैल से जारी लड़ाई में हजारों लोग मारे जा चुके हैं। मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (ओसीएचए) में संचालन के निदेशक एडेम वोसोर्नू ने बुधवार को कहा कि हिंसक टकराव का एक वर्ष पूरा होने जा रहा है। सूडान सबसे खराब मानवीय आपदाओं में से एक से गुजर रहा है।
1.8 करोड़ लोग जूझ रहे खाने के संकट से
सूडान की सशस्त्र सेना और अर्द्धसैनिक त्वरित सुरक्षा बल (आरएसफ़) के बीच पिछले वर्ष अप्रैल महीने में शुरू हुए युद्ध में 1.8 करोड़ लोग यानी सूडानी आबादी का एक-तिहाई से अधिक हिस्सा अचानक खाद्य असुरक्षा से जूझ रहे हैं। इनमें से अधिकांश दारफूर, कोर्दोफान क्षेत्र और खारतूम व अल जजीराह प्रान्तों में हैं।
सूडान में 33 लाख टन अनाज की जरूरत
उपमहानिदेशक मार्टिना ने बताया कि 2024 में 33 लाख टन अन्न के आयात की जरूरत होने का अनुमान है और इन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सूडान की वित्तीय व संचालन क्षमता के प्रति चिंता बढ़ी है। सूडान को अंतरराष्ट्रीय असावधानी और निष्क्रियता की आड़ में मानवीय संकट का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने सूडान की आबादी की हताशा का वर्णन करते हुए कहा कि अगर सीधे शब्दों में कहें तो हम सूडान के लोगों को तोड़ रहे हैं। वहीं संयुक्त राष्ट्र के अनुसार संघर्ष के कारण 80 लाख से अधिक लोगों का विस्थापन हुआ है। सात लाख सूडानी बच्चों को गंभीर कुपोषण का शिकार हो गए हैं।