वाशिंगटन: संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम (यूएन-डब्ल्यूएफपी) ने बुधवार को कहा कि उसने अमेरिका द्वारा निर्मित पोतघाट के जरिए गाजा में फिलिस्तीनी नागरिकों को राहत सामग्री भेजना शुरू कर दिया है। पहली खेप में भेजे गए पैकेज में पोषण से भरपूर बिस्किट गाजा को सौंपे हैं। हालांकि इन बिस्किट की मात्रा अधिक नहीं है। डब्ल्यूएफपी के प्रवक्ता स्टीव तारवेल्ला ने कहा कि शुक्रवार को पोतघाट से उतारी गई पहली खेप में कम संख्या में बिस्किट आए। अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी ने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ को बताया कि 32 करोड़ डॉलर से अधिक की सहायता सामग्री से लदे कुल 41 ट्रक गाजा में मानवीय संगठनों तक पहुंचाए गए हैं।
अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलीवन ने बृहस्पतिवार को संवाददाताओं से कहा कि पोतघाट से "सहायता आ रही है लेकिन उस दर से नहीं आ रही है.
।" इससे पहले पेंटागन के प्रवक्ता मेजर जनरल पैट्रिक राइडर ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा था कि उन्हें विश्वास नहीं है कि पोतघाट से कोई भी सहायता अभी तक गाजा में लोगों तक पहुंची है। सुलीवन ने एक दिन बाद कहा कि कुछ सहायता "विशेष रूप से फलस्तीनियों को दी गई है जिन्हें इसकी आवश्यकता है।
भोजन का तड़प रहे 23 लाख लोग
सहायता समूहों के अनुसार गाजा के सभी 23 लाख लोगों को भोजन की सख्त जरूरत है। वहीं डब्ल्यूएफपी और यूएसएआईडी के प्रमुखों ने कहा है कि उत्तरी गाजा में भुखमरी शुरू हो गई है। डब्ल्यूएफपी ने इस सप्ताह चेतावनी दी थी कि यदि इजराइली अधिकारियों ने वैकल्पिक भूमि मार्गों के लिए मंजूरी और बेहतर सुरक्षा, सहयोग नहीं दिया तो अमेरिकी परियोजना विफल हो सकती है। वहीं इजराइल का कहना है कि वह गाजा में प्रवेश करने वाले ट्रकों की संख्या पर कोई प्रतिबंध नहीं लगा रहा है साथ ही उसने सहायता समूहों पर ‘‘अवाजाही संबंधी क्षमताओं में कमी और श्रमबल की कमी’’ होने की बात कही। (एपी)
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