रियाद: भारत से लेकर सऊदी अरब तक "हीट स्ट्रोक" ने कहर मचा दिया है। AFP के अनुसार इस साल "हीट वेव" के चलते मक्का में मरने वाले हज यात्रियों की संख्या 1,000 से अधिक हो गई है। उनमें से आधे से अधिक अपंजीकृत उपासक हैं, जिन्होंने सऊदी अरब में अत्यधिक गर्मी में तीर्थयात्रा की थी। वहीं मरने वालों में कई भारतीय लोग भी शामिल हैं। आज आई रिपोर्ट के अनुसार नई मौतों में मिस्र के 58 लोग शामिल हैं। बताया जा रहा है कि हीट वेव के चलते लगभग 10 देशों के 1,081 हज यात्रियों की मौत हुई है। जबकि रॉयटर्स ने अब तक 652 लोगों की मौत होने की पुष्टि की है।
राष्ट्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने इस सप्ताह की शुरुआत में मक्का की ग्रैंड मस्जिद में अधिकतम तापमान 51.8 डिग्री सेल्सियस (125 डिग्री फ़ारेनहाइट) दर्ज किया था। वहीं कहीं-कहीं पर तापमान 52 डिग्री के स्तर को भी पार कर गया। भीषण गर्मी के चलते हजयात्री जगह-जगह बेहोश होकर गिरते भी देखे गए हैं। पिछले महीने प्रकाशित एक सऊदी अध्ययन के अनुसार, क्षेत्र में तापमान हर दशक में 0.4 डिग्री सेल्सियस बढ़ रहा है। हर साल हजारों तीर्थयात्री अनियमित माध्यमों से हज करने का प्रयास करते हैं क्योंकि वे अक्सर महंगे आधिकारिक परमिट का खर्च वहन नहीं कर सकते।
अपंजीकृत यात्रियों की संख्या भी रहती है काफी ज्यादा
सऊदी अधिकारियों ने इस महीने की शुरुआत में मक्का से सैकड़ों हजारों अपंजीकृत तीर्थयात्रियों को मंजूरी देने की सूचना दी थी, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि कई लोगों ने अभी भी मुख्य अनुष्ठान में भाग लिया जो पिछले शुक्रवार को शुरू हुआ था। हज यात्रा के दौरान "हीट वेव" से मक्का में मरने वालों का आंकड़ा पहुंचा 1000 के पार हो चुका है। इनमें 68 भारतीय भी शामिल हैं। मरने वालों में 630 हज यात्री गैर रजिस्टर्ड बताए गए हैं। मरने वालों का आंकड़ा अभी और भी बढ़ सकता है। (रॉयटर्स)
सऊदी में मरने वालों में 2 भारतीय हाजी भी शामिल
सऊदी अरब में भीषण गर्मी के बीच इस साल हज यात्रा के दौरान सैंकड़ों लोगों की मौत हो गई, जिनमें बेंगलुरु के दो हज यात्री भी शामिल हैं। मृतकों की पहचान कौसर रुखसाना (69) और अब्दुल अंसारी (54) के रूप में हुई है और वे दोनों आरटी नगर और फ्रेजर टाउन के रहने वाले थे। रेगिस्तानी देश में भीषण गर्मी पड़ने के कारण अन्य कई नागरिकों की तरह बेंगलुरु के दो हाजियों के शरीर में पानी की कमी और लू लगने से मौत हो गई।
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