गाजा पट्टी में खत्म हो चुका है ईंधन, पीड़ितों तक मदद पहुंचाने में हो रही मुश्किल; UN ने दी ये चेतावनी
गाजा पट्टी में खत्म हो चुका है ईंधन, पीड़ितों तक मदद पहुंचाने में हो रही मुश्किल; UN ने दी ये चेतावनी
इजरायली सेना की बमबारी से गाजा तबाह हो चुका है। यहां बचे हुए फिलिस्तीनी शरणार्थी दवा, भोजन और पानी के लिए तड़प रहे हैं। मगर समस्या ये है कि गाजा पट्टी में ईंधन भी खत्म हो चुका है। ऐसे में वहां संयुक्त राष्ट्र की मानवीय सहायता भी नहीं पहुंच पा रही है। इसे लेकर यूएन ने गहरी चिंता जाहिर की है।
गाजा पट्टी में इजरायली सेना की भीषण बमबारी जारी है। साथ ही गाजा में ईंधन पूरी तरह खत्म हो चुका है। ऐसे में संयुक्त राष्ट्र को पीड़ितों तक मदद पहुंचाने में मुश्किल हो रही है। इससे संयुक्त राष्ट्र चिंतित हो उठा है। भारी संख्या में फिलिस्तीनी शरणार्थियों को मानवीय मदद की जरूरत है। हजारों लोग बेघर हो चुके हैं और अपने खास जनों को खो चुके हैं। उन्हें खुले आसमान में रात गुजारनी पड़ रही है। गाजा युद्ध पीड़ितों को खाने-पीने के लिए कोई सामान मुहैया नहीं हो पा रहा है। युक्त राष्ट्र की एक एजेंसी ने फलस्तीनी शरणार्थियों से संबंधित सं बुधवार को चेतावनी दी कि गाजा पट्टी में ईंधन की तत्काल आपूर्ति नहीं होने से उसे गाजा पट्टी में राहत अभियानों में तेजी से कटौती करनी होगी।
बता दें कि अभी दो हफ्ते पहले हमास चरमपंथियों द्वारा इजराइल पर हवाई हमले के बाद से इजराइल ने गाजा पट्टी की नाकाबंदी कर रखी है और उस पर हवाई हमले कर रहा है। यह चेतावनी तब सामने आई है जबकि गाजा के अस्पताल संसाधनों की कमी के चलते, घायलों के इलाज के लिए संघर्ष कर रहे हैं और हमास शासित इस क्षेत्र में स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि इजराइल ने बीती रात भी हवाई हमले किए, जिनसे मरने वालों की संख्या बढ़ रही है। इजराइली सेना ने कहा कि उसके हमलों में उग्रवादी मारे गए और सुरंगों, कमांड सेंटरों, हथियार भंडारगृहों और अन्य सैन्य ठिकानों को नष्ट किया गया है। उसने हमास पर गाजा की नागरिक आबादी के बीच छिपने का आरोप लगाया है।
हमास आतंकी अभी भी रॉकेट हमले से दे रहे इजरायली सेना को जवाब
युद्ध की शुरुआत से गाजा में रह रहे उग्रवादी इजराइल पर लगातार राकेट हमले कर रहे हैं। हमास द्वारा संचालित गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि हवाई हमलों में सोमवार और मंगलवार को कम से कम 704 लोगों की मौत हुई जिनमें अधिकतर महिलाएं और बच्चे हैं। 'एपी' स्वतंत्र तौर पर हमास द्वारा बताए गए मौत के आंकड़ों की पुष्टि नहीं करता। फलस्तीनी शरणार्थियों से संबंधित संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी गाजा में मानवीय मदद मुहैया करा रही है। एजेंसी ने कहा है कि बुधवार रात तक ईंधन खत्म हो जाएगा। अधिकारियों ने कहा कि वे बहुत कम ईंधन में काम चला रहे हैं और अगर ऐसा ही रहा तो उन्हें कामकाज में कटौती करनी पड़ सकती है।
संयुक्त राष्ट्र ने कही ये बात
एजेंसी की प्रवक्ता लिली एस्पोटियो ने कहा, “ईंधन के बिना हमारे ट्रक वितरण के लिए गाजा पट्टी में अन्य स्थानों पर नहीं जा सकते। हमें निर्णय लेना होगा कि हम कम ईंधन पर अपनी गतिविधियां जारी रखें या नहीं।” इस बीच, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि गाजा की आधे से अधिक प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं और लगभग एक तिहाई अस्पतालों में काम बंद हो गया है। घायलों के इलाज में जुटे अस्पताल कर्मी मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि बुनियादी चिकित्सा संसाधन नहीं होने के कारण कई घायलों को जमीन पर लिटाकर इलाज किया जा रहा है। इसके अलावा गंभीर मामलों की भरमार के चलते मरीजों को सर्जरी के लिए कई दिन इंतजार करना पड़ रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि इजराइल के हमलों में 5,700 से अधिक फलस्तीनी मारे गए हैं, जिनमें लगभग 2,300 नाबालिग हैं। इजराइली सरकार के अनुसार हमास के हमले में इजराइल में 1,400 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। (एपी)
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