Sunday, December 22, 2024
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फ्रांस के राजदूत को नाइजर सेना ने बनाया बंधक, राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों बोले- नहीं दे रहे खाना-पानी

नाइजर सेना ने फ्रांस के राजदूत को बंधक बना लिया है। यह जानकारी साझा करते हुए फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि वे दूतावास में हैं और उन्हें बाहर निकलने नहीं दिया जा रहा है। साथ ही वे सैन्य राशन खा-पी रहे हैं हैं, जबकि नाइजर सेना द्वारा उन्हें राशन नहीं भिजवाया जा रहा है।

Written By: Avinash Rai @RaisahabUp61
Published : Sep 16, 2023 7:26 IST, Updated : Sep 16, 2023 7:36 IST
French ambassador taken hostage by Niger army President Emmanuel Macro said THEY not giving food and
Image Source : AP/PTI इमैनुएल मैक्रों

फ्रांस के राजदूत सिल्वेन इट्टे को नाइजर सेना ने बंधक बना लिया है। फ्रांस राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने यह जानकारी साझा की है। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक सीएनएन ने अपनी रिपोर्ट में यह दावा किया है। इस मुद्दे पर इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि अभी हम जब बात कर रहे हैं, इस वक्त फ्रांस के राजदूत को नाइजर सेना ने बंधक बना लिया है। राजदूत को फ्रेंच दूतावास में रखा गया है, जहां उन्हें खाना-पानी नहीं दिया जा रहा है। नाइजर सेना ने राजदूत के बाहर निकलने पर रोक लगा दी है और उन्हें दूतावास में मौजूद मिलिट्री राशन पर गुजारा करना पड़ रहा है। 

नाइजर आर्मी ने फ्रेंच राजदूत को बनाया बंधक

गौरतलब है कि जुलाई महीने में नाइजर सेना ने तख्तापलट की थी। इसके बाद राष्ट्रपति मोहम्मद बजौम को सत्ता से हटा दिया गया था। बता दें कि फ्रांस के 1500 से अधिक सैनिक अफ्रीकी देशों में तैनात हैं, जिसमें नाइजर भी शामिल है। फ्रांस की सेना के जवान यहां लोकतांत्रिक सरकार के साथ हुए करार के तहत सुरक्षा के लिहाज से तैनात किए गए थे। नाइजर में सेना द्वारा किए गए तख्ता पलट के बाद नाइजर सेना प्रमुख ने फ्रांस के साथ बातचीत करने की कोशिश की थी। उन्हें राजनयिक रूप से जुड़ने का भी ऑफर दिया या था। नाइजर सेना प्रमुख ने फ्रेंच राजदूत को मीटिंग के लिया बुलाया था, जिसमें वो शामिल नहीं हुए और राजनयिक ने मीटिंग का ऑफर ठुकरा दिया था। 

बता दें कि फ्रांस और नाइजर सेना के बीच सैन्य मतभेज है। दरअसल 26 जुलाई को जब नाइजर में तख्तापलट किया गया था, तो इसे फ्रांस ने अस्वीकार कर दिया था। अपने पद से हटाए जाने के बावजूद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने बजौम का समर्थन जारी रखा। बता दें कि तख्तापलट के बाद राष्ट्रपति पद से हटाए गए बजौम अब भी नाइजर सेना की हिरासत में हैं। राजदूत को वापस फ्रांस लाने को लेकर मैक्रों ने कहा कि राष्ट्रपति मोहम्मद बजौम के साथ हम जिस बात पर सहमत होंगे, मैं वह करूंगा क्योंकि वह वैध प्राधिकारी हैं और मैं हर दिन उनसे बात करता हूं।

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