Highlights
- सिर्फ पड़ोसी देशों के साथ खाड़ी, पूर्वी अफ्रीका और मध्य एशिया से इलाज को आते हैं लोग
- भारत से गेहूं आयात कर रहा मिस्र
- आगामी समय में भारत होगा और अधिक आत्मनिर्भर
India-Egypt Relationship: भारत के विदेश मंत्री एस.जयशंकर इन दिनों मिस्र में हैं। उन्होंने वहां भारतीय प्रवासियों से मुलाकात के दौरान कहा कि भारत में ऐसे बदलाव हो रहे हैं जिससे लोग अपनी आकांक्षाओं को हासिल कर पा रहे हैं। उन्होंने भारत और मिस्र बीच पारंपरिक रूप से मजबूत संबंधों में प्रगति के बारे में भी लोगों को अवगत कराया। साथ ही कहा कि भारत आज सभी क्षेत्रों में तेजी से विकास कर रहा है। चिकित्सा के क्षेत्र में भी भारत कई देशों के लिए उपचार का केंद्र बन गया है।
विदेश मंत्री ने कहा कि ‘भारत में न सिर्फ पड़ोसी देशों से बल्कि, खाड़ी, पूर्वी अफ्रीका तथा मध्य एशिया से भी लोग अपना इलाज कराने के लिए आते हैं। दुनिया की ‘ फार्मेसी’ के तौर पर भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है। काहिरा में भारतीय समुदाय के साथ शनिवार को संवाद के दौरान, जयशंकर ने भारत में व्यापार और निवेश, सम्पर्क, शिक्षा, स्वास्थ्य और कई अन्य क्षेत्रों में नए अवसरों को लेकर बात रखी।
भारत से गेहूं आयात कर रहा मिस्र
विदेश मंत्री ने कहा कि इस साल दिलचस्प घटनाक्रम यह हुआ है कि लंबे वक्त के बाद मिस्र ने भारत से गेहूं का आयात करना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा, “मिस्र के बारे में अच्छी बात यह है कि व्यापार यथोचित रूप से संतुलित रहा है। इसलिए दोनों पक्षों में (इस दिशा में) और अधिक करने की इच्छा है।” जयशंकर ने रेखांकित किया कि भारत और मिस्र के बीच रिश्ते अच्छे हैं और इनमें अपार संभावनाएं हैं। काहिरा में भारतीय दूतावास की वेबसाइट के मुताबिक, मिस्र में भारतीय समुदाय की संख्या 3200 है जिनमें से अधिकतर लोग राजधानी में ही रहते हैं। कुछ लोग अलेक्जेंड्रिया, पोर्ट सईद और इस्माइलिया में भी रहते हैं। इसमें बताया गया है कि भारत के ज्यादातर नागरिक या तो भारतीय कंपनियों में काम करते हैं या फिर विभिन्न बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ जुड़े हैं।
आगामी समय में भारत होगा और अधिक आत्मनिर्भर
जयशंकर ने भारत के राष्ट्रीय हितों को आगे बढ़ाने और क्षेत्र में देश की छवि को आकार देने के लिए प्रवासी भारतीयों का आभार जताया। एक सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा कि भारत में विभिन्न विशिष्ट क्षेत्रों में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए आज विभिन्न योजनाएं हैं। विदेश मंत्री ने कहा, “ऐसे कार्यक्रम हैं जो देश में नवाचार का समर्थन करने और स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए बनाए गए हैं। इसलिए, हमें निश्चित रूप से उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में भारत और अधिक आत्मनिर्भर तथा अधिक मजबूत बनेगा।
आपूर्ति श्रृंखला टूटने का डर
जयशंकर ने कहा कि कई देशों में कोविड के दौरान चीजें ठप हो गई थीं, क्योंकि आपूर्ति श्रृंखला काम नहीं कर रही थी। उन्होंने कहा कि आज यूक्रेन में संघर्ष के कारण आपूर्ति श्रृंखला में फिर व्यवधान आने की आशंका है। दुनिया के कई देशों में भोजन की कमी है और ऊर्जा को लेकर कठिनाइयां हैं। उन्होंने कहा कि भारत जैसे देश के लिए यह सब एक सबक है। उन्होंने कहा कि भारत एक बड़ा देश है जहां की आबादी भी बड़ी है और देश में आजीविका में छोटे से बदलाव होने से भी लोगों को असर पड़ता है। मंत्री ने कहा, “हमें उनकी रक्षा करने के तरीके खोजने होंगे ताकि उन्हें अनावश्यक रूप से मुश्किलों का सामना न करना पड़े और इसके लिए यह और भी महत्वपूर्ण है कि हम देश में ही क्षमता का निर्माण करें।