वाशिंगटन: भारत और चीन के बीच एलएसी के बेहद विवादित मुद्दे के सुलझने के बाद भारत और अमेरिका के बीच पहली एनएसए स्तरीय वार्ता हुई है। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन ने भारतीय समकक्ष अजीत डोभाल से बातचीत की। भारत और अमेरिका के मध्य सिख अलगाववादियों के मुद्दे पर बात हुई। जैक सुलिवन ने अपने अजीत डोभाल से फोन पर क्षेत्रीय सुरक्षा घटनाक्रम, रक्षा सहयोग सहित द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की। अमेरिकी राष्ट्रपति के कार्यालय और आधिकारिक आवास ‘व्हाइट हाउस’ ने डोभाल और सुलिवन के बीच हुई बातचीत की बुधवार को जानकारी देते हुए बताया कि दोनों नेताओं ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र और वैश्विक स्तर पर स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए और अधिक प्रयास करने की आवश्यकता पर भी चर्चा की।
इसमें बताया गया, ‘‘उन्होंने आगामी महत्वपूर्ण एवं उभरती प्रौद्योगिकी पहल (आईसीईटी) अंतर-सत्रीय और हिंद महासागर वार्ता सहित द्विपक्षीय साझेदारी का स्वागत किया। उन्होंने स्वच्छ ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखलाओं और रक्षा सहयोग सहित प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग के लिए आगे के अवसरों पर भी चर्चा की।’’ दोनों देशों के राष्ट्रीय सलाहकारों ने बुधवार को फोन पर बात की। ‘व्हाइट हाउस’ ने कहा, ‘‘उन्होंने स्वच्छ ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखला और रक्षा सहयोग सहित प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग के लिए अवसरों पर चर्चा की। अमेरिका ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि कनाडा द्वारा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर लगाए गए आरोप ‘चिंताजनक’ हैं।
अमेरिका ने कनाडा के आरोपों पर कही ये बात
अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कनाडा सरकार द्वारा लगाए गए आरोपों को चिंताजनक हैं। उन्होंने कहा कि हम उन आरोपों के बारे में कनाडा सरकार के साथ परामर्श करना जारी रखेंगे।’’ बता दें कि कनाडा के उप विदेश मंत्री डेविड मॉरिसन ने ‘वाशिंगटन पोस्ट’ की एक खबर की ‘पुष्टि’ की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि कनाडा में खालिस्तानी अलगाववादियों को निशाना बनाने के अभियान के पीछे शाह का हाथ था। मॉरिसन ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि उन्होंने ‘वाशिंगटन पोस्ट’ से शाह के नाम की पुष्टि की है, जिसने सबसे पहले इन आरोपों की खबर दी थी। उन्होंने कहा था, ‘‘पत्रकार ने मुझे फ़ोन करके पूछा कि क्या यह वही व्यक्ति है। मैंने पुष्टि की कि यह वही व्यक्ति है।’’ अमेरिका ने यह भी कहा कि वह भारत-चीन सीमा पर तनाव में किसी भी तरह की कमी का स्वागत करता है। उसने यह भी कहा कि उसे इस बारे में नई दिल्ली द्वारा जानकारी दी गई है।
भारत-चीन पर नजर
मिलर ने कहा, "हम (भारत और चीन के बीच) घटनाक्रम पर करीब से नजर रख रहे हैं। हम समझते हैं कि दोनों देशों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर टकराव वाले बिंदुओं से सैनिकों को वापस बुलाने के लिए शुरुआती कदम उठाए हैं। हम सीमा पर तनाव में किसी भी कमी का स्वागत करते हैं।" एक सवाल के जवाब में मिलर ने कहा कि अमेरिका ने इसमें कोई भूमिका नहीं निभाई है। मिलर ने कहा, "हमने अपने भारतीय साझेदारों से बात की है और हमें इस बारे में जानकारी दी गई है, लेकिन हमने इस प्रस्ताव में कोई भूमिका नहीं निभाई है। (भाषा)