नाइजर में तख्तापलट करने वाले सैन्य शासन ने अफ्रीकी देशों की उस चेतावनी को दरकिनार कर संघर्ष की आशंका बढ़ा दी है, जिसमें उन्होंने 1 हफ्ते के भीतर अपदस्थ राष्ट्रपति मोहम्मद बजौम को पुनः बहाल करने को कहा था। मगर जुंटा मिलिट्री ने ऐसा करने से इनकार कर दिया। अब अफ्रीकी देशों ने नाइजर पर सैन्य कार्रवाई की धमकी दी है। इस बीच भारत ने नाइजर और दक्षिण अफ्रीकी देशों में बढ़ते तनाव के मद्देनजर अपने नागरिकों को तत्काल नाइजर छोड़ने का आदेश दिया है।
भारत ने नाइजर में व्यापक हिंसा के मद्देनजर वहां रहने वाले अपने नागरिकों को देश छोड़ने की शुक्रवार को सलाह दी। अधिकारियों के अनुसार वर्तमान में लगभग 250 भारतीय नाइजर में रह रहे हैं, जहां पिछले महीने के तख्तापलट के बाद व्यापक विरोध प्रदर्शन और हिंसा देखी गई है। विदेश मंत्रालय ने एक परामर्श में कहा कि जो लोग नाइजर की यात्रा करने की योजना बना रहे हैं, उन्हें स्थिति सामान्य होने तक अपनी योजनाओं पर पुनर्विचार करना चाहिए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने अपनी साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि भारत नाइजर में जारी घटनाक्रम पर करीब से नजर रख रहा है।
विदेश मंत्रालय ने भारतीयों को दी नाइजर छोड़ने की सलाह
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘मौजूदा स्थिति के मद्देनजर, जिन भारतीय नागरिकों के लिए वहां रहना आवश्यक नहीं है, उन्हें जल्द से जल्द देश छोड़ने की सलाह दी जाती है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वे यह ध्यान रखें कि हवाई क्षेत्र फिलहाल बंद है। वहां से लौटते समय अत्यधिक सावधानी बरती जानी चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उन सभी भारतीय नागरिकों जिन्होंने नियामी में भारतीय दूतावास में पंजीकरण नहीं कराया है, उन्हें शीघ्रता से ऐसा करने की सलाह दी जाती है।’’ उन्होंने कहा कि भारतीय नागरिक किसी भी सहायता के लिए भारतीय दूतावास, नियामी में संपर्क कर सकते हैं।
’’ बागची ने कहा कि नियामी में भारतीय दूतावास भारतीय समुदाय के संपर्क में है और वह भारतीयों को देश से बाहर निकलने की सुविधा प्रदान करने पर विचार कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें बताया गया है कि भारतीय (वहां) सुरक्षित हैं।’’ कई यूरोपीय देशों ने अपने नागरिकों को नाइजर से निकाला है। जनरल अब्दुर्रहमान त्चियानी ने 26 जुलाई को नाइजर में तख्तापलट करके राष्ट्रपति मोहम्मद बजौम को हटाकर सत्ता पर कब्जा कर लिया था। (भाषा)
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