Facebook Layoffs: फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा (Meta) के कर्मचारियों के लिए बैड न्यूज है। मार्क जुकरबर्ग की कंपनी Meta इस हफ्ते बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की छंटनी की योजना बना रही है। अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल ने रविवार को इस मामले से परिचित लोगों का हवाला देते हुए इसकी जानकारी दी। हालांकि, मेटा ने वॉल स्ट्रीट जर्नल की इस रिपोर्ट पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
रिपोर्ट के मुताबिक, मेटा इसी बुधवार 9 नवंबर से कंपनी में बड़े पैमाने पर छंटनी की प्रक्रिया शुरू करने जा रही है। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि इस छंटनी का असर कंपनी के हजारों कर्मचारियों पर पड़ेगा। इतने बड़े पैमाने पर छंटनी का ये कदम Meta के इतिहास में पहली बार होगा। सितंबर के आखिर में कंपनी ने जानकारी दी थी कि मेटा में कुल 87,000 कर्मचारी काम करते हैं।
इस साल आधा ट्रिलियन डॉलर का नुकसान
मेटा के शेयर में इस साल भारी गिरावट आई है। अक्टूबर में फेसबुक की पैरेंट कंपनी एक कमजोर तिमाही होने की जानकारी दी थी। साथ ही कहा था कि आने वाले साल में कंपनी का खर्चा बढ़ने वाला है। इसके बाद शेयर मार्केट में हलचल बढ़ी और मेटा के 67 बिलियन डॉलर के स्टॉक गिर गए। इस साल मेटा के शेयर वैल्यू में आधा ट्रिलियन डॉलर से अधिक का नुकसान हो चुका है, जिससे कंपनी को बड़ा झटका लगा है।
'निवेश का फायदा मिलने में एक दशक लगेगा'
मेटा को टिकटॉक जैसे प्लेटफॉर्म से कड़ी टक्कर मिल रही है। इसके अलावा एप्पल के प्राइवेसी में बदलाव, मेटावर्स पर बड़े पैमाने पर खर्च और रेगुलेशन के मौजूदा खतरों के कारण से भी कंपनी को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। चीफ एग्जिक्यूटिव मार्क जुकरबर्ग ने कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि मेटावर्स में किए गए निवेश का फायदा मिलने में करीब एक दशक लग जाएंगे। इस बीच, उन्हें हायरिंग, प्रोजेक्ट को बंद करने और लागत को कम करने के लिए टीमों को पुनर्गठित करने की जरुरत पड़ रही है।
जुकरबर्ग ने पहले ही छंटनी के दिए थे संकेत
अक्टूबर में जुकरबर्ग ने कहा था, "2023 में, हम अपने निवेश को उच्च प्राथमिकता वाले विकास क्षेत्रों की एक छोटी संख्या पर केंद्रित करने वाले हैं। इसका मतलब है कि कुछ टीमें सार्थक रूप से बढ़ेंगी, लेकिन ज्यादातर अन्य टीमें अगले साल तक कम हो जाएंगी। कुल मिलाकर हम इस बात की उम्मीद करते हैं कि 2023 में या तो कर्मचारियों की संख्या यही रहेगी या आज की संख्या से थोड़ी कम होगी।" जुकरबर्ग के इस बयान ने पहले ही छंटनी के संकेत देने शुरू कर दिए थे।