Egypt and UAE: पड़ोसी देश पाकिस्तान के बाद एक और मुस्लिम देश कंगाली की हालत में है। यहां की इकोनॉमी जर्जर हो चुकी है। मजबूरन यह मुस्लिम देश अपने देश की एक बहुत खूबसूरत जगह संयुक्त अरब अमीरात यानी UAE को बेचने को मजबूर हो गया है। यह मुस्लिम देश पूरा शहर संयुक्त अरब अमीरात के निवेशकों को सौंपने जा रहा है। जिस शहर को वह कंगाली हालत में बेचने जा रहा है,जानिए उसका नाम क्या है, क्यों इतना खूबसूरत है और कितनी धनराशि में इसे यूएई को बेचा जा रहा है।
जानकारी के अनुसार प्राचीन देश मिस्र यानी इजिप्ट करीब 22 अरब डॉलर में अपने भूमध्य सागर में स्थित कस्बे रास अल हिकमा को यूएई को देने जा रहा है। यह कस्बा अपने खूबसूरत तटों के लिए जाना जाता है और इसी वजह से इसे 'धरती पर स्वर्ग' कहा जाता है। मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल सीसी के इस फैसले के खिलाफ पूरे देश में विरोध शुरू हो गया है। गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे मिस्र को विदेशी मुद्रा की सख्त जरूरत है। इसी वजह से वह अपने बेहद अहम कस्बे को यूएई के निवेशकों को सौंपने जा रहा है। इस सौदे की पुष्टि मिस्र के एक अधिकारी ने की है।
मिस्र के उत्तरी पश्चिमी तट पर स्थित है 'रास अल हिकमा' कस्बा
मिस्र के अधिकारी ने कहा कि यूएई के निवेशक इस बेहद खास कस्बे रास अल हिकमा को खरीदेंगे जो भूमध्य सागर में मिस्र के उत्तरी पश्चिमी तट पर स्थित है। इससे पहले भी इस कस्बे को बेचने की कोशिश की गई थी, तब इसकी काफी आलोचना हुई थी। आलोचकों का कहना है कि इस डील के बाद मिस्र का अपने सबसे खूबसूरत तटों वाले कस्बे से नियंत्रण खत्म हो जाएगा। मिस्र की आर्थिक हालत इतनी खराब है कि उसकी मुद्रा की वैल्यू ब्लैक मार्केट में अमेरिकी डॉलर के सामने आधी रह गई है।
विरोध का सामना कर रहे मिस्र के राष्ट्रपति
गुरुवार को आईएमएफ के एक दल ने अपनी दो सप्ताह की यात्रा को पूरा किया है और संभावित बेलआउट पैकेज को लेकर बातचीत की है। माना जा रहा है कि यह पैकेज 10 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। मिस्र के एक अधिकारी होसम हेइबा ने कहा कि रास अल हकीमा को विकसित करने में 22 अरब डॉलर का खर्च आ सकता है। यूएई के निवेशक इस प्रॉजेक्ट की फाइनेंसिंग, विकास और प्रबंधन करेंगे। मिस्र सरकार के इस कदम की कड़ी आलोचना हो रही है।