Highlights
- दुबई में नव निर्मित हिंदू मंदिर खुला
- जेबेल अली गांव में स्थित है ये मंदिर
- मंदिर में प्रवेश से पहले रजिस्ट्रेशन जरूरी
Dubai Hindu Temple: दुबई के जेबेल अली गांव में भारतीय और अरबी वास्तुकला के मिले-जुले स्वरूप वाले एक भव्य हिंदू मंदिर को जनता के लिए खोल दिया गया है। इसे सहिष्णुता, शांति और सद्भाव के एक मजबूत संदेश के तौर पर देखा जा रहा है।
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के श्रद्धालुओं के लिए मंगलवार को मंदिर के द्वार खोल दिए गए।
अबुधाबी में भारतीय दूतावास ने ट्वीट किया, ‘‘सहिष्णुता और सह-अस्तित्व मामलों के मंत्री शेख नाह्यान बिन मुबारक अल नाह्यान और राजदूत संजय सुधीर ने दुबई में नए हिंदू मंदिर का उद्घाटन किया। इस अवसर पर राजदूत संजय सुधीर ने संयुक्त अरब अमीरात में 35 लाख भारतीय प्रवासियों को समर्थन देने के लिए यूएई सरकार का आभार जताया।’’
‘खलीज टाइम्स’ अखबार की खबर के मुताबिक, इस मौके पर पुजारियों ने ‘ओम शांति शांति ओम’ का जाप करते हुए लोगों का मंदिर में स्वागत किया और इस दौरान तबला और ढोल भी बजाए गए। गौरतलब है कि जेबेल अली गांव अलग-अलग धर्मों के उपासना स्थलों के लिए मशहूर है और वहां सात गिरजाघर, एक गुरुद्वारा और एक हिंदू मंदिर है।
वहीं इस मौके पर भारतीय राजदूत संजय संधीर ने कहा, 'आज दुबई में एक हिंदू मंदिर का उद्घाटन हो रहा है। यह भारतीय समुदाय के लिए स्वागत करने योग्य खबर है। मंदिर का उद्घाटन यूएई में रहने वाले हिंदू समुदाय की धार्मिक आकांक्षाओं को पूरा करता है। इस नए मंदिर के साथ ही एक गुरुद्वारा भी जुड़ा हुआ है। जो 2012 में खोला गया था।'
हिंदू मंदिर दुबई के ट्रस्टी राजू श्रॉफ ने इसे लेकर कहा, 'मंदिर का उद्घाटन न केवल हिंदुओं के लिए बल्कि पूरे संयुक्त अरब अमीरात में रहने वाले भारतीयों के लिए भी एक सपने के सच होने जैसा है। कोरोना वायरस के बावजूद दुबई सरकार के सहयोग के चलते मंदिर के निर्माण का कार्य बाधित नहीं हुआ है। मंदिर यूएई और दुबई सरकार के दयालु होने का प्रतीक है।'
मंदिर में प्रवेश करने के लिए पंजीकरण कराना जरूरी है। इस काम को मंदिर पहुंचने से पहले ऑनलाइन भी किया जा सकता है। सितंबर महीने में करीब 2 लाख लोगों ने पंजीकरण कराकर मंदिर में प्रवेश किया था।
मंदिर के अधिकारियों का कहना है कि इस साल के आखिर तक यहां एक बड़ा कम्युनिटी हॉल बनाया जाएगा। जहां हिंदुओं के समारोह जैसे कि विवाह, नामकरण और यज्ञोपवीत संस्कार किए जा सकेंगे। मंदिर के पास एक बड़ी रसोई भी है, जहां खाने पीने के लिए विकल्प हैं।