यूक्रेन की उप विदेश मंत्री एमीन झापरोवा (Emine Dzhaparova/Emine Dzheppar) भारत के चार दिवसीय दौरे पर है। इस दौरे को लेकर सोमवार के दिन उन्होंने कहा कि भारत को अपने राजनीतिक संबंधों और उर्जा संसाधनों में विविधता लाते हुए व्यवहारिक होना चाहिए। मंत्री द्वारा यह टिप्पणी इसलिए की गई है क्योंकि बार बार कीव पर रूस द्वारा हमले किए जा रहे हैं। बावजूद इसके अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत रूस के खिलाफ मतदान करने से दूर रहा है। रविवार को भारत पहुंची झापरोवा ने सोमवार को विदेश मंत्रालय में सचिव-पश्चिम संजय वर्मा से मुलाकात की।
भारत रूस के खिलाफ वोटिंग से दूर
उन्होंने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, भारत को अपने ऊर्जा संसाधनों, सैन्य अनुबंधों और राजनीतिक बातचीत में विविधता लाने में व्यावहारिक होना चाहिए। प्रधानमंत्री (नरेंद्र) मोदी की लोकतंत्र, संवाद और विविधता की नीति और 'युद्ध का युग नहीं' और रणनीतिक अनुप्रयोग वास्तव में महत्वपूर्ण है। 24 फरवरी, 2022 को रूस द्वारा पूर्ण पैमाने पर आक्रमण शुरू करने के बाद से यूक्रेन के किसी मंत्री की भारत की यह पहली आधिकारिक यात्रा है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि यात्रा के दौरान झापरोवा विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी से भी मुलाकात करेंगी और उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार विक्रम मिश्री से भी मुलाकात करेंगी।
कौन हैं एमीन झापरोवा
बता दें कि झापरोवा का जन्म 5 मई 1983 को हुआ था। वह वर्तमान में 39 साल की है। राजनीति में आने से पहले झापरोवा बतौर पत्रकार काम करती थीं। उन्हें अंग्रेजी, क्रीमियन तातार, टर्किश समेत कई भाषाओं का ज्ञान है। बता दें कि जब वह बतौर पत्रकार क्रीमिया में काम करती थीं। उस दौरान साल 2014 में रूसी सेना द्वारा क्रीमिया पर हमला कर उसपर कब्जा कर लिया गया ता। वर्तमान में भी क्रीमिया रूस के कब्जे में है। पिछले साल 2022 में रूस ने यूक्रेन के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर दी। तभी से एमिन झापरोव रूस को कोस रही हैं।
(इनपुट-आईएएनएस)