नई दिल्लीः इस्लामिक स्टेट ऑफ ईराक एंड सीरिया(आइएसआइएस) आतंकियों की पनाहगाह बने सीरिया को अब अरब लीग में वापस लाने की मांग उठने लगी है। अरब के एक वरिष्ठ सांसद सीरिया को अरब लीग में वापस लाने के लिये राष्ट्रपति बशर असद से रविवार को बातचीत करने के लिए दमिश्क पहुंचे हैं। यह यात्रा बगदाद में एक लघु शिखर सम्मेलन के बाद हुई, जिसमें सीरिया के विनाशकारी गृह युद्ध के बावजूद उसे अरब लीग में वापस लाने की मंशा की पुष्टि की गयी। सीरिया को 2011 में अरब लीग से निलंबित कर दिया गया था, जब असद सरकार ने अपने शासन के खिलाफ व्यापक प्रदर्शनों को बर्बरता से कुचला था। यह हिंसा जल्द ही एक गृह युद्ध में बदल गयी थी।
इस दौरान हुई व्यापक हिंसा और संघर्ष में 3,00,000 से अधिक लोगों की मौत हो गयी है और देश की 2.3 करोड़ आबादी में से आधे लोग विस्थापित हो गए हैं। मिस्र की संसद के अध्यक्ष हनाफी अल-गिबाली सबसे पहले दमिश्क पहुंचे। वह एक दशक से अधिक वक्त में सीरिया की यात्रा करने वाले मिस्र के सबसे वरिष्ठ अधिकारी हैं। इराक की संसद के अध्यक्ष मोहम्मद हलबौसी ने एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। अरब अंतर-संसदीय संघ ने शनिवार को इराक की राजधानी बगदाद में मुलाकात की। यह मुलाकात तब हुई है, जब हाल के वर्षों में कई अरब देशों ने असद से नाता फिर से जोड़ने की ओर कदम बढ़ाया है।
तुर्किये और सीरिया में छह फरवरी को आए विनाशकारी भूकंप के बाद से यह प्रक्रिया तेज हो गयी है। मगर अब सवाल यह है कि क्या सीरिया को अरब लीग में वापस मिलाए जाने के बाद हालात सुधर जाएंगे। क्या आइएसआइएस का खात्मा हो जाएगा, अगर हां तो कैसे? इन सब सवालों का जवाब तो फिलहाल अरब लीग में सीरिया के शामिल होने के बाद ही मिल सकेगा। मगर सीरिया में गृहयुद्ध और भूकंप के बाद उसे अरब लीग में वापस लेने की मांगों ने जोर पकड़ना शुरू कर दिया है।