Friday, November 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. विदेश
  3. अन्य देश
  4. Space Debris: अंतरिक्ष में छूट गये रॉकेट के टुकड़ों से धरती पर हो सकती परेशानी

Space Debris: अंतरिक्ष में छूट गये रॉकेट के टुकड़ों से धरती पर हो सकती परेशानी

Space Debris:अंतरिक्ष की कक्षाओं में छूट जाने वाले रॉकेट के टुकड़ों से अगले दशक में किसी मनुष्य के गंभीर रूप से घायल होने या उसकी मृत्यु होने की छह से 10 प्रतिशत आशंका है।

Edited By: Ravi Prashant @iamraviprashant
Updated on: August 10, 2022 18:17 IST
Space Debris- India TV Hindi
Image Source : PIXABAY Space Debris

Highlights

  • बैटरियां कक्षा में विस्फोट का कारण बनती हैं
  • रॉकेट लॉन्च व्यवसाय में प्रविष्टियों की संख्या बढ़ती है
  • घातक टुकड़े जमीन पर टकरा सकते हैं

Space Debris: अंतरिक्ष की कक्षाओं में छूट जाने वाले रॉकेट के टुकड़ों से अगले दशक में किसी मनुष्य के गंभीर रूप से घायल होने या उसकी मृत्यु होने की छह से 10 प्रतिशत आशंका है। कनाडा में यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया (यूबीसी) के अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि सरकारों को सामूहिक कार्रवाई करने की जरूरत है और इस बात की भी आवश्यकता है कि रॉकेट के टुकड़े उपयोग के बाद सुरक्षित पृथ्वी पर आएं। इससे प्रक्षेपण की लागत तो बढ़ेगी लेकिन जान का खतरा कम किया जा सकता है। यूबीसी के राजनीतिक विज्ञान विभाग में प्रोफेसर और अध्ययन के प्रमुख लेखक माइकल बायर्स ने कहा, ‘‘क्या कारोबार की कीमत पर मानव जीवन को खतरे में डालना स्वीकार्य है या हम अगर कर सकते हैं तो सुरक्षा की बात करनी चाहिए? और यहां यह बात महत्वपूर्ण है कि हम जोखिम से सुरक्षा प्राप्त कर सकते हैं।’’

 टुकड़े अनियंत्रित तरीके से फिर से वातावरण में आ सकते हैं

अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि जब उपग्रहों जैसी चीजों को अंतरिक्ष में भेजा जाता है तो वे जिस रॉकेट का इस्तेमाल करते हैं, उसके अंश कई बार कक्षा में छूट जाते हैं।उन्होंने कहा कि अगर रॉकेट के छूटे हुए ये हिस्से अपेक्षाकृत निचली कक्षा में हैं तो अनियंत्रित तरीके से फिर से वातावरण में आ सकते हैं। अधिकांश सामग्री तो वातावरण में नष्ट हो जाएगी लेकिन कुछ घातक टुकड़े जमीन पर टकरा सकते हैं। नेचर एस्ट्रोनोमी पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में एक सार्वजनिक उपग्रह तालिका के 30 साल से अधिक समय के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया और अगले 10 साल में मानव जीवन को होने वाले जोखिम की आशंका का आकलन किया गया।

अप्रयुक्त ईंधन और बैटरियां कक्षा में विस्फोट का कारण बनती हैं 

आज तक, सैटेलाइट और रॉकेटों के मलबे से पृथ्वी की सतह (या वायुमंडल में हवाई यातायात) को नुकसान पहुंचने की संभावना को नगण्य माना गया है। ऐसे अंतरिक्ष मलबे के अधिकांश अध्ययनों ने निष्क्रिय सैटेलाइट द्वारा कक्षा में उत्पन्न जोखिम पर ध्यान केंद्रित किया है, जो कार्यशील सैटेलाइट के सुरक्षित संचालन में बाधा डाल सकता है। अप्रयुक्त ईंधन और बैटरियां भी कक्षा में विस्फोट का कारण बनती हैं जो अतिरिक्त अपशिष्ट उत्पन्न करती हैं। लेकिन जैसे-जैसे रॉकेट लॉन्च व्यवसाय में प्रविष्टियों की संख्या बढ़ती है- और सरकारी से निजी उद्यम की ओर बढ़ती है- यह अत्यधिक संभावना है कि अंतरिक्ष और पृथ्वी दोनों में दुर्घटनाओं की संख्या, जैसी कि चीनी लॉन्ग मार्च 5बी की लॉन्च के बाद हुई, में भी वृद्धि होगी

ऐसी कई प्रौद्योगिकियां हैं जो मलबे के पुन: प्रवेश को नियंत्रित करना पूरी तरह से संभव बनाती हैं, लेकिन उन्हें लागू करना महंगा है। उदाहरण के लिए, अंतरिक्ष यान को ‘निष्क्रिय’ किया जा सकता है, जिससे अप्रयुक्त ऊर्जा (जैसे ईंधन या बैटरी) को अंतरिक्ष यान का जीवनकाल समाप्त होने के बाद संग्रहीत करने के बजाय खर्च किया जा सकता है। उपग्रह के लिए कक्षा का चुनाव भी मलबे के उत्पादन की संभावना को कम कर सकता है। एक निष्क्रिय सैटेलाइट को पृथ्वी की निचली कक्षा में ले जाने के लिए प्रोग्राम किया जा सकता है, जहां वह जल जाएगा। पुन: उपयोग करने योग्य रॉकेट लॉन्च करने का भी प्रयास किया जा रहा है, उदाहरण के लिए, स्पेसएक्स ने प्रदर्शित किया है और ब्लू ओरिजिन विकसित हो रहा है। ये बहुत कम मलबा बनाते हैं, हालांकि पेंट और धातु की छीलन से कुछ मलबा होगा, जब वे नियंत्रित तरीके से पृथ्वी पर लौटेंगे।

 

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Around the world News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement