हर साल मेक्सिको के लोग कब्रिस्तान में एकत्रित होकर अपने मृत परिजनों को याद करते हैं। इस दौरान जश्न मनाया जाता है और खूब नाच-गाना होता है। ये मेक्सिको का बेहद महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे "डे ऑफ द डेड" कहा जाता है। परंपरा के अनुसार, ये लोग ऐसा मानते हैं कि त्योहार के दौरान स्वर्ग के दरवाजे खुल जाते हैं और मृतकों की आत्मा धरती पर वापस आती हैं। तो चलिए इस त्योहार के बारे में सबकुछ विस्तार से जान लेते हैं। साथ ही इससे जुड़ी तस्वीरें देखते हैं।
डे ऑफ द डेड क्या है? - ये त्योहार केवल एक दिन नहीं मनाया जाता बल्कि ये दो दिन का जश्न होता है। जिसे पारंपरिक रूप से 1 और 2 नवंबर को मनाया जाता है। यहां लोग अपने मृत परिजनों की आत्मा का स्वागत करने के लिए कब्रिस्तान में एकत्रित होते हैं। ये दुनिया छोड़ चुके अपने परिजनों से मुलाकात करते हैं। इस मुलाकात के लिए खाना, ड्रिंक्स और खिलौने तक रखे जाते हैं। लोगों का मानना है कि ये सब छुट्टी मनाने के लिए धरती पर आई आत्मा को लुभाने के लिए किया जाता है। इस दौरान उदास रहने के बजाय जश्न मनाया जाता है। इनका मानना है कि इस समय जीवित और मृत लोग आपस में कनेक्ट हो पाते हैं।
यहां के रहने वाले योरोस्ले डेलगाडो का कहना है, 'यह एक जश्न है। उदासी होती है जब हमारे रिश्तेदारों की मौत हो जाती है लेकिन इस दिन हमें उन्हें दिखाना होता है कि हम उन्हें खुशी के साथ याद कर रहे हैं। हम नाचते हैं, गाते हैं, उन्हें ऐसा महसूस कराने की जरूरत होती है कि उनका स्वागत हो रहा है।' इस त्योहार की शुरुआत 28 अक्टूबर से भी हो सकती है। ये सब जगह के हिसाब से अलग-अलग होता है। कुछ जगहों पर डे ऑफ द डेड 6 नवंबर को मनाया जाता है।
कौन मनाता है डे ऑफ द डेड?- इस त्योहार पर मेक्सिको में राष्ट्रीय अवकाश होता है। हालांकि ये त्योहार लातिन अमेरिका, स्पेन, फिलीपींस और अमेरिका के कुछ हिस्सों में भी मनाया जाता है।
कैसे हुई त्योहार की शुरुआत?- ऐसा माना जाता है कि यह त्योहार एक पूर्व-हिस्पैनिक परंपरा से जुड़ा है, जिसकी शुरुआत हजारों साल पहले स्वदेशी समुदायों से हुई थी। एज्टेक (जातीय समूह) के अनुसार, मौत कुछ क्षण की होती है और आत्माएं वापस आ सकती हैं और धरती की यात्रा कर सकती हैं। कुछ विश्लेषकों के अनुसार, 16वीं शताब्दी में स्पेनिश लोगों के आने के बाद, उन परंपराओं को कैथोलिक कैलेंडर में मिला दिया गया था और अब इसे ऑल सोल्स डे के नाम से मनाया जाता है।
दिन को किस तरह मनाया जाता है?- मेक्सिको के ज्यादातर हिस्सों में परिवार 1 नवंबर के दिन बच्चों को याद करते हैं और उन्हें Angelitos यानी छोटे फरिश्ते कहते हैं। बच्चों के कब्रिस्तान को खिलौनों और गुब्बारों से सजाया जाता है। वहीं 2 नवंबर को ऑल सोल्स डे मनाते हैं, इस दिन मृत वयस्कों को याद किया जाता है। परिवार के लोग अपने प्रियजनों की कब्र पर Altars बनाते हैं। इसके साथ ही वह सूरजमुखी के फूलों का इस्तेमाल करते हैं। ऐसा माना जाता है कि ये फूल कब्रिस्तान से मृतकों को उनके घरों तक वापस लाने में मदद करते हैं। कुछ लोग छोटी व्यग्यपूर्ण कविताएं भी लिखते हैं, जिन्हें कैलवेरस यानी खोपड़ी कहा जाता है। यह दोस्तों का प्रतीक माना जाता है, जिसमें उनकी आदतों के बारे में लिखा जाता है और मजाक भरी बातें होती हैं।
कंकाल की खोपड़ी जीवन की चक्रीयता के बारे में बताती है। यह इस दिन का प्रमुख प्रतीक होती है। जीवित और मृत दोनों को उपहार के रूप में चीनी या चॉकलेट से बनी खोपड़ी दी जा सकती है। पैन डी मुर्टो भी लोकप्रिय है, जो विभिन्न आकारों में बनाई गई रोटी होती है। इसे अक्सर मुड़ी हुई हड्डियों की तस्वीर के तौर पर दिखाने के लिए सफेद क्रीम से सजाया जाता है।
इस जश्न में सबसे अहम Altars होते हैं, यानी वो जगह जिसे धूप आदि जलाने के लिए ईसाई धर्म के लोग इस्तेमाल करते हैं। इनका मानना है कि ये आत्माओं को घर का रास्ता दिखाते हैं। इनपर मृतक को सम्मान देने और खुश करने के लिए तस्वीरों समेत दूसरे सामान रखे जाते हैं। इसमें तीन लेवल भी बने होते हैं। जिनमें पहला स्वर्ग का प्रतीक, दूसरा धरती का और तीसरा स्वर्ग तक जाने वाले 7 चरणों का प्रतीक होता है।
इसके साथ ही Altars पर चार चीजें रखी जाती हैं। पहली, मृतक की प्यास बुझाने के लिए पानी। दूसरी, जलती हुईं मोमबत्ती, जिनसे निकलने वाली रोशनी मृतक की आत्मा का मार्गदर्शन कर सके। धरती के प्रतीक के तौर पर खाना और अन्य सामान रखा जाता है, जो मृतक के लिए विशेष माना जाता है। वहीं हवा के प्रतीक के तौर पर रंग बिरंगे कागजों को डिजाइनों में काटकर रखा जाता है। कुछ Altars पर नमक भी रखा जाता है, जो मृतकों को आफ्टरलाइफ जर्नी यानी मौत के बाद की यात्रा करने में मदद करता है।