कुदरत ने अफ्रीक में कहर ढाया है। 2 करोड़ की आबादी वाले देश मलावी ने बहुत बुरे तरीके से मौसम की मार झेली है। इस देश में फ्रेडी (Freddy) तूफान ने कहर ढाया है। इस कारण यहां 300 से अधिक लोगों की मौत हो गई है। बता दें कि तूफान का सबसे ज्यादा असर ब्लैंटायर शहर के पास दर्ज किया गया है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन के मुताबिक अबतक के दक्षिणी गोलार्द्ध में आए सभी तूफानों से यह तूफान ताकतवर हो सता है। बता दें कि इस तूफान की मार मोजाम्बिक को भी झेलना पड़ा है। फ्रेडी तूफान इतना खतरनाक था कि मोजाम्बिक में कई इमारत इसकी चपेट में आ गए और ढह गए। साथ ही कई स्थानों पर भूस्खलन भी देखने को मिले हैं।
इतिहास का सबसे भयानक हैजा प्रकोप
मलावी के क्वीलमेन बंदरगाह के पास बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है। वहीं माना जा रहा है कि मलावी इतिहास के अपने सबसे घातक हैजा के प्रकोप से भी जूझ रहा है। ऐसे में संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों जारी चेतावनी के मुताबिक मलावी में भारी बारिश हैजा की स्थिति को और भी ज्यादा खराब कर सकता है। मलावी के राष्ट्रपति लाजारस चकवेरा ने घोषणा की किभयंकर चक्रवात फ्रेडी से मरने वालों की संख्या बढ़कर 326 हो गई है। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार देर रात राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि घायलों की संख्या और लापता लोगों की संख्या क्रमश: 201 और 796 हो गई है। उन्होंने कहा, विस्थापित लोगों की संख्या दोगुनी से अधिक बढ़कर 183,159 हो गई है। विस्थापित परिवारों की संख्या अब 40,702 हो गई है।
तूफान में बढ़ी मरने वालों की संख्या
चकवेरा के अनुसार, स्थिति को काबू करने के लिए देश ने तूफान वाले क्षेत्र में 317 शिविर स्थापित किए हैं। मलावी नेता ने स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से अधिक मानवीय समर्थन की आवश्यकता पर फिर से जोर दिया। इस बीच, स्थानीय कारोबारियों ने चक्रवात से प्रभावित निवासियों की सहायता के लिए 1.5 मिलियन डॉलर तक जुटाने का संकल्प लिया है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन के अनुसार, फ्रेडी सबसे भयंकर चक्रवात है और इसका प्रभाव लंबे समय तक रह सकता है। मोजाम्बिक और मलावी में आए चक्रवात से हुए नुकसान का पता लगाना मुश्किल हो गया है। प्रभावित क्षेत्रों के कुछ हिस्सों में बिजली आपूर्ति और फोन सिग्नल काट दिए जाने के कारण मौतों की संख्या बढ़ गई है।
(इनपुट-आईएएनएस)