Highlights
- रवांडा के पास अफ्रीकी महाद्वीप की सबसे ताकतवर सेनाओं में से एक है।
- कांगो और रवांडा के बीच पिछले कई सालों से तनाव जारी है।
- रवांडा ने कहा है कि उसने अफसर ने अपने बचाव में कांगो के सैनिक पर गोली चलाई।
Congo Rwanda: रूस और यूक्रेन के बीच पिछले 4 महीनों से जंग जारी है और अभी तक उसका कोई नतीजा नहीं निकल पाया है। इस बीच अफ्रीकी महाद्वीप में भी 2 देश जंग के मुहाने पर पहुंच चुके हैं। शुक्रवार को कांगो के एक सैनिक की रवांडा पुलिस के अधिकारी की गोली से मौत के बाद दोनों देशों में तनाव बढ़ गया है। रवांडा की सेना ने दावा किया है कि कांगो के सैनिक ने मारे जाने से पहले उसकी सीमा में दाखिल होकर उसके सुरक्षाकर्मियों और नागरिकों पर गोलीबारी की थी।
‘पुलिस अफसर ने आत्मरक्षा में सैनिक को मारा’
रवांडा के रक्षा बल ने बयान जारी कर कहा कि कांगो का एक अज्ञात सैनिक शुक्रवार सुबह सीमा पार कर रुबावु जिले में दाखिल हुआ और उसने रवांडा के 2 पुलिस अधिकारियों को गोली मारकर घायल कर दिया। बयान में कहा गया कि रवांडा नेशनल पुलिस के अधिकारी ने इसके बाद आत्मरक्षा में गोली चलाई जिसमें कांगो का सैनिक मारा गया। रवांडा के मुताबिक घटना की जानकारी कांगो के अधिकारियों को दे दी गई है और दोनों देशों के सीमा अधिकारी मौके पर मौजूद हैं। रवांडा ने कहा कि इस घटना की जांच क्षेत्रीय राज्य में मिलिटरी एक्सपर्ट्स की एक बॉडी कर रही है।
M23 का उभार भी तनाव का एक बड़ा कारण
वहीं, कांगो सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि वह ‘घटना’ की पुष्टि करते हैं, लेकिन उन्होंने विस्तृत जानकारी नहीं दी। बता दें कि रवांडा और कांगो के बीच दशकों से तनाव चल रहा है। रवांडा और कांगो, दोनों ही देश एक-दूसरे पर उकसावे की कार्रवाई का आरोप लगा रहे हैं। कांगो अब रवांडा के साथ सारे समझौते तोड़ने पर विचार कर रहा है, और यदि ऐसा होता है तो यह जंग की दिशा में एक कदम बढ़ाने जैसा होगा। इस बीच बागी संगठन M23 के उभार ने भी दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है। कांगो का आरोप है कि रवांडा M23 का समर्थन करता है।
रवांडा का पास है काफी ताकतवर सेना
बता दें कि एक तरफ जहां रवांडा के पास अफ्रीका की सबसे ताकतवर सेनाओं में से एक है, वहीं दूसरी तरफ कांगो इस महाद्वीप के सबसे बड़े देशों में शामिल है। यदि इन दोनों देशों के बीच जंग की सूरतेहाल बनती है तो पहले से ही गरीबी और बेरोजगारी झेल रहे अफ्रीकी देशों में आम जनता की दिक्कतें बढ़ जाएंगी। कांगो ने पहले ही ऐलान कर दिया है कि यदि रवांडा जंग चाहता है तो यह होकर ही रहेगी। खनिज संपदा से भरपूर इस इलाके में वर्चस्व हासिल करने के लिए झड़पें होती ही रहती हैं और यहां कई छोटे-छोटे हथियारबंद संगठन भी काफी असर रखते हैं।