बीजिंग: चीन में कोविड-19 वायरस के सीक्वेंस डीकोड से जुड़ी जानकारी सबसे पहले प्रकाशित करने वाले वैज्ञानिक ने कहा कि उन्हें कई दिन के विरोध प्रदर्शन के बाद अपनी प्रयोगशाला में वापस जाने की अनुमति दे दी गई है। वैज्ञानिक झांग योंगझेन ने बुधवार को सोशल मीडिया में अपने पोस्ट में लिखा कि अधिकारी उन्हें और उनकी टीम को प्रयोगशाला में जाने देने और शोध जारी रखने पर ‘‘अस्थाई रूप से सहमत’’ हो गए हैं।
लैब के बाहर धरना दे रहे थे वैज्ञानिक
झांग और उनकी टीम को अचानक प्रयोगशाला छोड़ने को कहा गया था जिसके बाद वह अपनी प्रयोगशाला के बाहर धरना दे रहे थे। यह घटनाक्रम कोरोना वायरस पर अनुसंधान कर रहे वैज्ञानिकों पर बीजिंग के बढ़ते दबाव का संकेत देता है। ‘शंघाई पब्लिक हेल्थ क्लिनिकल सेंटर’ ने पहले कहा था कि झांग की प्रयोगशाला का नवीनीकरण किया जा रहा है और सुरक्षा कारणों से इसे बंद किया गया। लेकिन इसके विपरीत झांग ने कहा कि उनकी टीम को कोई विकल्प नहीं दिया गया और नई प्रयोगशाला अनुसंधान के लिए सुरक्षा मानकों के अनुरूप नहीं है।
चीन दिखा रहा है चालबाजी
झांग से जुड़ी यह घटना यह दिखाती है कि चीन कैसे वायरस से जुड़ी जानकारियों को नियंत्रित कर रहा है। ‘एसोसिएटेड प्रेस’ की जांच में पाया गया कि सरकार ने कोरोना वायरस फैलने के शुरुआती दिनों से ही इसके बारे में पता लगाने संबंधी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय प्रयासों को रोका था। यह सिलसिला अब भी जारी है, प्रयोगशालाएं बंद हैं, विदेशी वैज्ञानिकों को देश से जाने के लिए कहा गया और चीनी अनुसंधानकर्ताओं के देश छोड़ने पर रोक लगाई गई है। (एपी)
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