Highlights
- ऑस्ट्रेलिया और चीन के रिश्ते पिछले कुछ समय से काफी खराब चल रहे हैं।
- शियाओ कियान ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया को ताइवान पर सावधान रहना चाहिए।
- नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा के बाद से चीन बुरी तरह बौखलाया हुआ है।
China Vs Australia: अमेरिका की प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी की ताइवान यात्रा के बाद से चीन बुरी तरह बौखलाया हुआ है। ऐसे में कोई भी देश अब ताइवान पर कुछ भी बोल रहा है, ड्रैगन उसे पूरी गंभीरता से ले रहा है। इन सबके बीच ऑस्ट्रेलिया में चीन के राजदूत शियाओ कियान ने कहा है कि ताइवान के मसले पर ऑस्ट्रेलियाई सरकार को सावधानी बरतनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया की सत्ता में हाल में हुआ बदलाव चीन के साथ खराब रिश्तों को सुधारने का एक मौका था, और नई सरकार को ताइवान के मसले पर सावधान रहना होगा।
ऑस्ट्रेलिया ने की थी चीन की हरकतों की निंदा
कियान ने कहा कि उन्हें इस बात पर हैरत हुई कि ऑस्ट्रेलिया ने अमेरिका और जापान के साथ मिलकर एक बयान पर साइन किया जिसमें नैंसी पेलोसी की पिछले हफ्ते ताइवान की यात्रा की प्रतिक्रिया में चीन की ओर से जापान के इलाके में मिसाइलें दागने की निंदा की गई है। शियाओ ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि ऑस्ट्रेलियाई पक्ष चीन-ऑस्ट्रेलिया संबंधों को गंभीरता से लेगा। ऑस्ट्रेलिया ‘वन चाइना पॉलिसी’ को गंभीरता से ले और ताइवान के मसले पर सावधानी बरते।’
‘सही वक्त पर सैन्य अभ्यास खत्म करने का ऐलान होगा’
कियान ने यह तो नहीं बताया कि ताइवान के पास चल रहा चीन का सैन्य अभ्यास कब खत्म होगा, मगर इतना जरूर कहा कि सही समय आने पर इस बारे में घोषणा की जाएगी। शियाओ ने कहा कि चीन चाहता है कि ताइवान के साथ उसका एकीकरण शांतिपूर्ण तरीके से हो, लेकिन मजबूरी हुई तो सारे साधन इस्तेमाल करने पर विचार किया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘हम कभी भी अन्य साधनों के इस्तेमाल को खारिज नहीं कर सकते हैं। जब जरूरी होगा और जब मजबूरी होगी, तो हम सभी जरूरी साधन इस्तेमाल करने के लिए तैयार हैं।’
‘ऑस्ट्रेलिया ने चीन के वैध उपायों की आलोचना की’
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने इस हफ्ते कहा था कि ऑस्ट्रेलिया ने बिना मतलब के चीन द्वारा अपनी संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने वाले कानूनी, न्यायोचित और वैध उपायों की आलोचना की है। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया से चीन के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप नहीं करने का भी आग्रह किया था। बता दें कि पिछले कुछ महीनों से चीन और ऑस्ट्रेलिया के संबंधों में काफी खटास आई है और कई बार दोनों देशों के नेताओं में जमकर बयानबाजी भी हुई है।