Highlights
- सोलोमन द्वीप ने गुरुवार को खुलासा किया कि उसने चीन के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है।
- ऑस्ट्रेलिया के लिए अधिक चिंता पैदा करने वाली बात एक सीमा सुरक्षा समझौता का मसौदा है।
- न्यूजीलैंड ने कहा कि उसकी योजना दस्तावेज के बारे में सोलोमन द्वीप और चीन, दोनों के समक्ष अपनी चिंता व्यक्त करने का है।
वेलिंगटन: लीक दस्तावेज से यह संकेत मिलता है कि सोलोमन आईलैंड्स में चीन अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ा सकता है। यह घटनाक्रम पड़ोस में स्थित ऑस्ट्रेलिया और अन्य देशों को सतर्क करने वाला है। सोलोमन द्वीप ने गुरुवार को खुलासा किया कि उसने चीन के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के लिए अधिक चिंता पैदा करने वाली बात एक सीमा सुरक्षा समझौता का मसौदा है, जो ऑनलाइन लीक हो गया है। मसौदा समझौते की शर्तों के तहत चीन सामाजिक व्यवस्था बहाल रखने में सहायता करने और कई अन्य कारणों को लेकर सोलोमन द्वीप में पुलिस, सैन्य कर्मी भेज सकता है।
चीन द्वीप में जहाजों को भी भेज सकता है
समझौते की शर्तों के मुताबिक, चीन द्वीप में कुछ समय के लिए जहाजों को भी भेज सकता है। मसौदा समझौता की सामग्री का प्रत्यक्ष रूप से जिक्र किये बगैर ऑस्ट्रेलिया के विदेश एवं व्यापार विभाग ने एक बयान जारी कर कहा, ‘हमारे क्षेत्र को अस्थिर करने वाले किसी भी कार्य से हम चिंतित होंगे।’ विभाग ने कहा कि सोलोमन द्वीप की राजधानी होनीआरा में पिछले साल हुए दंगों के बाद ऑस्ट्रेलिया और उसके पड़ोसी देश बाहरी सहयोग की जरूरत के बगैर सुरक्षा सहायता भेजने में सक्षम रहे थे। विभाग ने कहा, ‘प्रशांत महाद्वीप राष्ट्रों को संप्रभु फैसले लेने का अधिकार है।’
‘यह समझौता बहुत चिंता पैदा करने वाला है’
न्यूजीलैंड ने कहा कि उसकी योजना दस्तावेज के बारे में सोलोमन द्वीप और चीन, दोनों के समक्ष अपनी चिंता व्यक्त करने का है। विदेश मंत्री नानैया महुता ने कहा, ‘यदि यह वास्तविक है, तो यह समझौता बहुत चिंता पैदा करने वाला है।’ समझौते के बारे में पूछे जाने पर चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि सोलोमन ने समान व्यवहार के आधार पर सामान्य कानून प्रवर्तन और सुरक्षा सहयोग किया है। मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने शुक्रवार को कहा, ‘यह अंतरराष्ट्रीय कानून और अंतरराष्ट्रीय परंपरा के अनुरूप, सौहार्द्रपूर्ण और क्षेत्र में शांति एवं सदभाव को बढ़ावा देने वाला है। साथ ही, यह चीन और सोलोमन द्वीप के साझा हितों को बढ़ाने वाला तथा क्षेत्र में सभी देशों के हित में है।’
‘यह गैर जिम्मेदाराना और क्षेत्र के लिए असहयोगी है’
वांग ने दंगों से निपटने और स्थिरता बरकरार रखने में पूर्व में सोलोमन द्वीप को किये गये सहयोग का जिक्र किया लेकिन समझौता का सीधे तौर पर जिक्र नहीं किया। उन्होंने कहा, ‘यह गैर जिम्मेदाराना और क्षेत्र के लिए असहयोगी है कि ऑस्ट्रेलिया के एक अधिकारी ने चीन के तथाकथित उत्पीड़न को बढ़ा-चढ़ा कर बयां किया और जानबूझ कर तनाव बढ़ाया।’ हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि सुरक्षा समझौता को कब अंतिम रूप दिया गया, इस पर कब हस्ताक्षर किया गया या यह कब प्रभावी होगा।
सोलोमन द्वीप ने 2019 में अपनी निष्ठा चीन की तरफ की
सोलोमन द्वीप की आबादी करीब 7 लाख है। उसने 2019 में अपनी राजनयिक निष्ठा ताइवान से हटा कर बीजिंग के प्रति कर दी थी, जो पिछले साल हुए दंगों का एक कारण रहा था। पिछले महीने अमेरिका ने सोलोमन द्वीप में अपना एक दूतावास खोलने की योजना की घोषणा की थी। सोलोमन द्वीप सरकार की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि समझौता पर चीन के कार्यकारी उपमंत्री वांग शियाहोंग और सोलोमन द्वीप के पुलिस मंत्री एंथनी वेक ने हस्ताक्षर किया है। (भाषा)