बीजिंग: दुनिया पर लगातार मंडराते तीसरे विश्व युद्ध के खतरे के बीच चीन सबसे खतरनाक जंग की तैयारी में जुटा है। अभी हाल ही में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने यह खुलासा करके दुनिया भर में सनसनी मचा दी थी कि चीन ने अंतरिक्ष में स्पेस मिलिट्री की तैनाती कर रखी है। इससे बीजिंग के खतरनाक युद्ध के इरादों का अंदाजा लगाया जा सकता है। अब चीन ने स्पेस वार के साथ साइबर युद्ध की भी बड़ी तैयारी शुरू कर दी है। जाहिर है जब दुनिया के तमाम देश, जमीनी, हवाई और समुद्री युद्ध में उलझे हैं, तब चीन स्पेस वार और साइबर युद्ध में खुद को मजबूत करने में जुटा है।
चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने शुक्रवार को साइबर युद्ध के लिए जनवादी मुक्ति सेना (पीएलए) की एक नई शाखा सूचना सहायता बल की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि यह एक रणनीतिक शाखा और दुनिया की सबसे बड़ी सेना का एक प्रमुख स्तंभ होगा। चिनफिंग सत्तारूढ़ चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के अध्यक्ष होने के अलावा चीनी सेना के समग्र उच्च कमान, केंद्रीय सैन्य आयोग (सीएमसी) के भी प्रमुख हैं। उन्होंने कहा कि सूचना सहायता बल (आईएसएफ) की स्थापना की जा रही है जो एक मजबूत सेना के निर्माण की समग्र आवश्यकता के आलोक में सीपीसी और सीएमसी द्वारा लिया गया एक बड़ा निर्णय है।
अंतरिक्ष और साइबर युद्ध में चीन दुनिया से निकल चुका है कोसों आगे
जमीनी युद्ध, हवाई युद्ध और समुद्री युद्ध में उलझी दुनिया से चीन कोसों आगे निकल चुका है। चीन ने अंतरिक्ष में भी अपने सैनिकों की तैनाती कर रखी है। अब वह साइबर युद्ध के लिए अलग यूनिट का गठन कर चुका है। इन क्षेत्रों में चीन की बढ़ती ताकत से अमेरिका समेत दुनिया के तमाम देश हैरान हैं। चीन द्वारा हाल में गठित सूचना सहायता बल (आईएसएफ) को पीएलए के रणनीतिक समर्थन बल (एसएसएफ) का संशोधित संस्करण माना जा रहा है जिसे 2015 में अंतरिक्ष, साइबर, राजनीतिक और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध से निपटने के लिए स्थापित किया गया था। (भाषा)