Highlights
- नकली दस्तावेजों और जोर जबरदस्ती से गांव खाली करा रहा चीन
- लोगों से दस्तावों पर जबरन हस्ताक्षर करवाए जा रहे हैं
- सरकारी प्रोजेक्ट के लिए 28,000 हेक्टेयर जमीन की जरूरत होगी
China Destroying Villages: खून खराबा और मानवाधिकारों का उल्लंघन करने के मामले में आए दिन नए आयाम हासिल करने वाले चीन को लेकर उसकी ही जमीन से एक ऐसी खबर आई है, जो मानवता को तार-तार कर रही है। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी पर आरोप है कि वह लाभ कमाने और अपने अमानवीय कार्यों को छिपाने के लिए इतिहास को दफन कर रही है। चीन की योजना अपनी ही जमीन पर बसे 27 गावों को जलमग्न करने यानी पानी में डुबाने की है। ये जानकारी अमेरिकी वेबसाइट वॉल स्ट्रीट जरनल में दी गई है। इसमें बताया गया कि चीन अपने ही लोगों का घर इसलिए डुबा रहा है, ताकि वहां एक बांध का निर्माण किया जा सके।
इन्हीं गावों में डोंगशिगु गांव शामिल है, जो चीन के शानडोंग की यिनान काउंटी में स्थित एक गांव है। ये गांव चीन के नागरिक अधिकार कार्यकर्ता चेन गुआंगचेंग का घर है, जिन्हें गांव में ही 2010-2012 तक नजरबंद करके रखा गया था। इसके बाद वह भागकर बीजिंग में अमेरिकी दूतावास आ गए थे। कुछ समय पहले इस गांव के लोगों को पता चला कि सरकार पास में ही एक विशाल जलाशय का निर्माण कर रही है। लेकिन अधिक विस्तृत जानकारी छिपाकर रखी गई है। लोगों को नहीं पता कि कब और कैसे उनके घरों को पानी में डुबा दिया जाएगा।
लोगों को सरकार की तरफ से नोटिस मिला
इस साल शानडोंग प्रांत में मेंग नदी से सटे गांव के लोगों को प्रशासन की तरफ से एक नोटिस मिला था। जिसमें उन्हें बताया गया कि सरकारी प्रोजेक्ट के लिए 28,000 हेक्टेयर जमीन की जरूरत होगी। जिसके लिए दो दर्जन गावों को खत्म करना होगा। जिसके पास पूर्व की ओर लिनी शहर के उत्तर में बड़ी नदी बहती है। यहां 4400 घरों को तबाह किया जाएगा, जहां 13,000 से अधिक लोग रहते हैं। लोगों की ये संख्या प्रशासन ने बताई है, यानी असल संख्या और ज्यादा हो सकती है।
घरों को खाली कराया जा रहा
अब इन 27 गांवों की बात करें, तो यहां सरकार ने लोगों से घर खाली कराना शुरू कर दिया है। इसके लिए नकली दस्तावेजों और जोर जबरदस्ती का सहारा लिया जा रहा है। ऐसा करते हुए चीन के नियमों तक का पालन नहीं हो रहा है। नोटिस में कहा गया है कि अधिकारियों को लोगों से प्रतिक्रिया लेनी होगी लेकिन असलियत इससे एकदम उलट है। ग्रामीणों को अपशब्द कहे जा रहे हैं। इन्हें घर और अपने सामान को पंजीकृत नहीं कराने पर मुआवजा न मिलने की धमकी दी जा रही है। जिन दस्तावों पर लोगों से जबरन हस्ताक्षर कराए जा रहे हैं, उनमें लिखा है कि गांव वाले खुद अपने घरों को ढहाने की मांग कर रहे हैं। लोग अधिकारियों से ज्यादा बहस करने से भी बच रहे हैं। क्योंकि बहस के बदले इन्हें बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है।
कम्युनिस्ट पार्टी के कारनामे जानते हैं लोग
गांव के लोग कम्युनिस्ट पार्टी की ये बात भी जानते हैं कि वह कैसे जबरन घरों को खाली कराती है। लोगों की बिजली और पानी की आपूर्ति रोक दी जाती है, उन्हें यातनाएं दी जाती हैं, सड़कों को ब्लॉक कर दिया जाता है और लोगों के साथ लूटपाट की जाती है। उनके घरों को तबाह कर दिया जाता है। कुछ मामलों में लोगों के घरों पर बुलडोजर चला दिया जाता है, जिससे वह मलबे में जिंदा दफन हो जाते हैं।