China And Cambodia Military Exercise: चीन ने चालबाजी दिखाते हुए कंबोडिया से अपने सैन्य संबंधों को और मजबूत बना लिया है। कंबोडिया पर बढ़ते चीन के प्रभाव को लेकर उठ रहे सवालों के बीच दोनों देशों ने बृहस्पतिवार को 15 दिवसीय सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया है। कंबोडिया के लगभग 1,315 सैन्यकर्मी और चीन के 760 सैन्यकर्मी थल और जल सैन्य अभ्यास ‘‘गोल्डन ड्रैगन’’ में भाग ले रहे हैं। इसके अलावा चीन के तीन और कंबोडिया के 11 पोत भी इसका हिस्सा हैं। पहले चरण का अभ्यास कंबोडिया की राजधानी नोम पेन्ह के उत्तर पश्चिम में लगभग 90 किलोमीटर दूर जंगल और पहाड़ी क्षेत्र में सैन्य अड्डों पर शुरू किया गया है। कंबोडिया की सेना के कमांडर इन चीफ जनरल वोंग पिसेन ने नए उपकरण उपलब्ध कराने और रीम नाम के नौसैनिक अड्डे समेत अन्य सैन्य सुविधाओं को उन्नत बनाने में मदद करने के लिए चीन को धन्यवाद दिया।
बढ़ जाएगी चीन की निगरानी
अमेरिका और अन्य देश इस बात को लेकर परेशान हैं कि रीम पर एक गोदी के निर्माण में चीन की भागीदारी से यह थाईलैंड की खाड़ी पर चीन की नौसेना के लिए नई निगरानी चौकी बन सकता है। इतना ही नहीं, चीन के युद्धपोत पांच महीने से अधिक समय से गोदी पर खड़े हैं जिससे अमेरिका और अन्य देशों की चिंताओं को बल मिला है। कंबोडिया ने हालांकि इस पर जोर दिया कि उनका संविधान उनके क्षेत्र में विदेशी सैन्य बलों की तैनाती पर रोक लगाता है और रक्षा मंत्रालय ने कहा कि चीन के दो युद्धपोत गोदी का ‘‘परीक्षण’’ कर रहे हैं और अभ्यास में हिस्सा लेने के लिए यहां पर हैं।
भारत के लिए है परेशानी
देखने वाली बात यह भी है रीम नौसैनिक अड्डे पर चीन का बढ़ता प्रभाव भारत के लिए परेशानी का कारण बन सकता है। इस अड्डे पर युद्धपोतों के रुकने के लिए पहले से कहीं बड़े हैंगर, पनडुब्बियों के ठहरने के लिए अंडरग्राउंड सुरंग, हथियार डिपो, नौसैनिकों के रहने और काम करने के लिए नई इमारतें बनकर तैयार हैं। जानकारी इस बात की भी है कि रीम नौसैनिक अड्डे पर चीन एक ड्राई डॉक का निर्माण कर रहा है, जहां युद्धपोतों और पनडुब्बियों को पानी से बाहर निकालकर मरम्मत का काम किया जाएगा।
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