Highlights
- ब्रिटेन के नए पीएम के नाम का आज ऐलान होगा
- ऋषि सुनक और लिज ट्रूस में से कोई एक होगा विजेता
- इस बार स्कॉटलैंड में होगा पीएम के नाम का ऐलान
Britain New PM: भारतीय मूल के ऋषि सुनक और लिज ट्रूस के बीच ब्रिटेन के प्रधानमंत्री की कुर्सी को लेकर कांटे की टक्कर जारी है। पीएम पद के लिए जारी ये रेस सोमवार की शाम थम जाएगी, जब करीब 5 बजे नए प्रधानमंत्री के नाम का ऐलान होगा। सत्ताधारी कंजर्वेटिव पार्टी इंटरनल इलेक्शन के नतीजे जारी करेगी और बताएगी कि उसका अगला नेता कौन होगा। शुक्रवार को मतदान बंद कर दिया गया था। जबकि अंतिम चुनाव या अभियान कार्यक्रम के तहत करीब 1.6 लाख सदस्यों के वोटों को सील किया गया है। निवर्तमान पीएम बोरिस जॉनसन से नए पीएम को सत्ता का हस्तांतरण लंदन में बकिंघम पैलेस में न होकर स्कॉटलैंड बॅल्मॉरल कासल में होगा।
परंपरा के परे ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि महामारी एलिजाबेथ द्वितीय अपनी गर्मियों की छुट्टियां मनाने के लिए इन दिनों स्कॉटलैंड में ठहरी हुई हैं। वह सार्वजनिक तौर पर दूरी बनाए हुए हैं और उनकी जल्द लंदन लौटने की कोई योजना नहीं है। ये पूरी प्रक्रिया 10 डाउनिंग स्ट्रीट (ब्रिटिश पीएम का कार्यालय) पर जॉनसन के बयान से शुरू होगी। इसके बाद वह स्कॉटलैंड जाएंगे और महारानी को अपने इस्तीफे की जानकारी देंगे। फिर जो भी विजेता होगा, चाहे वो ऋषि सुनक हों या फिर लिज ट्रूस, वह महारानी से मुलाकात करेंगे और सरकार गठित करने के बारे में पूछेंगे। नए प्रधानमंत्री की नियुक्ति शाही तरीके से आधिकारिक रिकॉर्ड में दर्ज की जाएगी।
आधिकारिक नियुक्ति के बाद सुनक और ट्रूस लंदन लौटेंगे। फिर शाम 4 बजे डाउनिंग स्ट्रीट के बाहर भाषण दिया जाएगा। इसके बाद मंत्रिमंडल की नियुक्ति होगी। मंत्रियों की नई टीम दोपहर 12 बजे प्रधानमंत्री के हाऊस ऑफ कॉमंस (ब्रिटिश संसद) में आने से पहले मुलाकात करेगी। इसके बाद सदन की कार्रवाई शुरू होगी, जिसमें प्रधानमंत्री पहली बार विपक्षी लेबर पार्टी के नेता कियर स्टार्मर के सवालों का जवाब देंगे।
अगली सरकार को सहयोग का वादा
इससे पहले ऋषि सुनक ने रविवार को कहा कि अगर वह कंजर्वेटिव पार्टी के नेतृत्व की दौड़ में हार जाते हैं तो वह अगली सरकार को सहयोग करेंगे। परिणाम घोषित होने से पहले बीबीसी को दिये अपने साक्षात्कार में, भारतीय मूल के ब्रिटेन के पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि विदेश मंत्री लिज ट्रूस से हारने की स्थिति में उनकी योजना संसद सदस्य बने रहने की है। सुनक से जब उनकी भविष्य की योजनाओं के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘मैं कंजर्वेटिव सरकार का हर तरह से सहयोग करने के प्रति आशान्वित हूं।’
यह पूछे जाने पर कि हारने की स्थिति में क्या वह कुछ वर्ष बाद फिर से 10 डाउनिंग स्ट्रीट के शीर्ष पद के लिए मैदान में दूसरी बार उतरने पर विचार करेंगे, इस पर उन्होंने कहा, ‘हमने अभी-अभी इस अभियान को समाप्त किया है और मुझे इससे उबरने की आवश्यकता होगी।’ उनके बयान को इस संकेत के रूप में देखा जा रहा है कि 42 वर्षीय सुनक का भी मानना है कि उन्हें टोरी नेतृत्व का चुनाव जीतने के लिए पर्याप्त वोट नहीं मिले होंगे।
ऊर्जा संकट से निपटने का जताया संकल्प
ऋषि सुनक और लिज ट्रूस दोनों उम्मीदवारों ने रविवार को दोहराया कि देश में ऊर्जा संकट के मुद्दे से वे प्राथमिकता से निपटेंगे। भारतीय मूल के पूर्व वित्त मंत्री सुनक ने कम आय वाले समूहों को लक्षित समर्थन का अपना वादा दोहराया, वहीं विदेश मंत्री ट्रूस ने विस्तार से अपनी योजना नहीं बताते हुए केवल इतना कहा कि अगर वह सोमवार को कंजर्वेटिव पार्टी की नेता तथा प्रधानमंत्री चुनी जाती हैं तो तत्काल काम शुरू करेंगी। बोरिस जॉनसन के उत्तराधिकारी की दौड़ में जारी प्रचार अभियान में सबसे प्रमुख मुद्दा रूस-यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर ऊर्जा और ईंधन के दाम बढ़ने से रहन-सहन का खर्च बढ़ना है।
सुनक ने बीबीसी को दिए अपने साक्षात्कार में कहा, ‘मुझे लगता है कि यह देश के सामने सबसे ज्वलंत मुद्दा है और इसलिए मैंने स्पष्ट योजना एवं रूपरेखा बनाई है कि हम इससे किस तरह निपटेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘मैंने कहा है कि मैं सीधे तौर पर वित्तीय समर्थन दूंगा, जिसमें से कुछ की घोषणा मैंने वित्त मंत्री के रूप में की थी और प्रधानमंत्री बनने पर मैं और भी काम करूंगा क्योंकि हालात बिगड़ गए हैं।’ कंजर्वेटिव पार्टी के नेतृत्व की दौड़ में मतदान करने के हकदार पार्टी सदस्यों के अधिकतर सर्वेक्षणों में संभावना व्यक्त की गई है कि मार्गरेट थेचर और थेरेसा मे के बाद ट्रस ब्रिटेन की तीसरी महिला प्रधानमंत्री बन सकती हैं।
भारत की निगाहें क्यों टिकी हुई हैं?
इस पूरी प्रक्रिया में भारत की निगाहें इसलिए टिकी हुई हैं क्योंकि इसमें लिज ट्रूस के साथ जिन ऋषि सुनक का मुकाबला हो रहा है, वह भारतीय मूल के हैं। ऋषि की जड़ें भारत से जुड़ी हुई हैं। उनकी पत्नी का जन्म भारत में ही हुआ था। वह इन्फोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति की बेटी हैं। ऋषि खुद भी कह चुके हैं कि उन्हें एशियाई मूल का होने पर गर्व है। ऋषि सुनक के दादा दादी पंजाब से पूर्वी अफ्रीका आकर बस गए थे। उनके पिता यशवीर का जन्म केन्या में हुआ और मां ऊषा का जन्म तंजानिया। 1960 में उनके दादा दादी अपने बच्चों के साथ ब्रिटेन आ गए।
ऋषि के पिता डॉक्टर और मां फार्मासिस्ट थीं। वहीं ऋषि का जन्म 1980 में साउथहैंपटन के हैम्पशायर में हुआ था। उन्होंने प्राइवेट स्कूल विनचेस्टर कॉलेज से पढ़ाई की थी। फिर उन्होंने आगे की पढ़ाई ऑक्सोफर्ड से की। यहां उन्होंने फिलॉस्फी, पॉलिटिक्स और इकॉनमिक्स की पढ़ाई की। आमतौर पर ब्रिटिश राजनेता इन्हीं विषयों की पढ़ाई करते हैं। देश के अधिकतर प्रधानमंत्रियों और बड़े नेताओं ने ऑक्सफोर्ड से पढ़ाई की है। ऋषि सुनक ने अपनी एमबीए स्टैफोर्ड यूनिवर्सिटी से की है।