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Brazil Elections: ब्राजील में आज होगा मतदान, राष्ट्रपति पद के लिए दक्षिणपंथी बोलसोनारो Vs वामपंथी लूला डा सिल्वा के बीच कांटे की टक्कर

Brazil Elections 2022: राजधानी ब्राजीलिया समेत देश के अन्य हिस्सों में सुबह आठ बजे शुरू हुए मतदान में मौजूदा राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो और पूर्व राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा के बीच कड़ा मुकाबला है।

Edited By: Shilpa
Updated on: October 02, 2022 14:26 IST
Luiz Inacio Lula da Silva-Jair Bolsonaro- India TV Hindi
Image Source : AP Luiz Inacio Lula da Silva-Jair Bolsonaro

Highlights

  • ब्राजील में आज होगा चुनाव के लिए मतदान
  • राष्ट्रपति पद के लिए मतदान
  • लूला डा सिल्वा और बोलसोनारो की टक्कर

Brazil Elections 2022: ब्राजील में रविवार को आम चुनाव होंगे, जिसमें 12 करोड़ से अधिक लोग मतदान करेंगे। इस चुनाव के परिणाम से यह तय होगा कि दुनिया के चौथे सबसे बड़े लोकतंत्र की कमान किसके हाथ में जाएगी। ब्राजील में हो रहे इस चुनाव का बड़े पैमाने पहले ही ध्रुवीकरण हो चुका है। इस चुनाव में जनता यह तय करेगी कि देश की सत्ता चार वर्षों के लिए दक्षिणपंथी विचारधारा वाले मौजूदा राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो के हाथ में दोबारा सौंपी जाए या फिर वामपंथी लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा एक बार फिर सत्ता में लौटेंगे।

राजधानी ब्राजीलिया समेत देश के अन्य हिस्सों में सुबह आठ बजे शुरू हुए मतदान में मौजूदा राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो और पूर्व राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा के बीच कड़ा मुकाबला है। नौ अन्य उम्मीदवार भी चुनावी मैदान में हैं, लेकिन उनमें से किसी के भी चुनाव जीतने की संभावना बेहद कम है। हाल में कराए गए कई सर्वेक्षणों में लूला डा सिल्वा को लोगों ने अपनी पहली पसंद बताया है। सर्वेक्षणों में हिस्सा लेने वाले 50 प्रतिशत लोगों ने लूला डा सिल्वा का समर्थन किया है जबकि 36 प्रतिशत लोगों ने जेयर बोलसोनारो को एक बार फिर देश की कमान सौंपने की बात कही है।

भड़काऊ भाषण देने के लगते हैं आरोप

बोलसोनारो पर भड़काऊ भाषण देने के अलावा लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने के आरोप लगाए जाते हैं। देश में कोविड-19 महामारी की चुनौती से निपटने के उनके प्रयासों की भी आलोचना की जाती है। अमेजन वर्षावन में बीते 15 वर्षों के दौरान वनों की सबसे अधिक कटाई होने के लिए भी उन्हें जिम्मेदार ठहराया जाता है। लेकिन बोलसोनारो ने पारंपरिक पारिवारिक मूल्यों की रक्षा करके और खुद को वामपंथी नीतियों से देश की रक्षा करने वाले नेता के रूप में पेश करके एक बड़ा जनाधार बनाया है।

खाद्य पदार्थों की कमी से जूझ रहे करोड़ों लोग

ब्राजील की आर्थिक विकास दर बेहद धीमी है और कल्याणकारी योजनाएं शुरू करने के बावजूद 3.3 करोड़ लोगों को खाद्य पदार्थों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। देश में बढ़ती हुई महंगाई और बेरोजगारी भी एक बड़ी चुनौती है। ब्राजील में 15 करोड़ से अधिक योग्य मतदाता हैं और यहां मतदान करना अनिवार्य है। लेकिन करीब 20 प्रतिशत लोगों के मतदान में हिस्सा नहीं लेने की आशंका है।

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