ब्रासीलिया: ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो ने राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव के नतीजों के ऐलान के बाद अभी अपनी हार स्वीकार नहीं की है। उन्होंने मंगलवार को अपने छोटे से भाषण में वामपंथी नेता लूला डा सिल्वा के हाथों मिली हार को स्वीकार नहीं किया। ब्राजील में हुए राष्ट्रपति पद के चुनाव में वामपंथी ‘वर्कर्स पार्टी’ के नेता लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा ने ‘ट्रॉपिकल ट्रंप’ के नाम से मशहूर राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो को मात दी है। निर्वाचन प्राधिकरण ने रविवार को चुनाव के परिणामों की घोषणा की थी।
ट्रंप ने भी नहीं मानी थी चुनावों में हार
ब्राजील के राष्ट्रपति बोलसोनारो ने अभी तक हार के बारे में कोई बात नहीं की है। बता दें कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी चुनावों में जो बायडेन के हाथों हार स्वीकार करने से इनकार कर दिया था। बाद में अमेरिका की संसद पर लोगों ने धावा भी बोल दिया था, हालांकि ट्रंप को सत्ता छोड़नी पड़ी थी। बोलसोनारो की बात करें तो उनके चीफ ऑफ स्टाफ सिरो नोगीरा ने कहा कि राष्ट्रपति ने उन्हें सत्ता-हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू करने की इजाजत दे दी है।
‘हमेशा संविधान के तहत काम किया है’
बोलसोनारो ने ब्रासीलिया में अपने आधिकारिक आवास के बाहर पत्रकारों से कहा, ‘मुझे हमेशा लोकतंत्र विरोधी बताया गया है, जबकि मैंने अपने आलोचकों से विपरीत हमेशा संविधान के तहत काम किया है।’ ब्राजील के चुनाव आयोग के मुताबिक, आम चुनाव में लूला डा सिल्वा को 50.9 फीसदी और बोलसोनारो को 49.1 प्रतिशत मत मिले। ब्राजील में 1985 में लोकतंत्र एक बार फिर बहाल होने के बाद से पहला मौका है जब मौजूदा राष्ट्रपति दोबारा चुनाव जीतने में नाकाम रहे हों।
हैरान करने वाली है सिल्वा की जीत
ब्राजील के राष्ट्रपति चुनावों में मिली यह जीत लूला डा सिल्वा के लिए एक हैरान करने वाला उलटफेर है। सिल्वा 2003 से 2010 के दौरान देश के राष्ट्रपति रह चुके हैं। 77 साल के सिल्वा को 2018 में भ्रष्टाचार के मामले में कैद की सजा सुनाई गई थी, जिस वजह से वह उस साल चुनाव में हिस्सा नहीं ले पाए थे और बोलसोनारो की जीत का रास्ता साफ हुआ था।