Sunday, December 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. विदेश
  3. अन्य देश
  4. इस देश के चुनाव में गरीबी, भुखमरी मुद्दा नहीं, बल्कि खबरों में छाया हुआ है ये 'दिल', 189 साल पहले शरीर से निकाला गया, आखिर है किसका?

इस देश के चुनाव में गरीबी, भुखमरी मुद्दा नहीं, बल्कि खबरों में छाया हुआ है ये 'दिल', 189 साल पहले शरीर से निकाला गया, आखिर है किसका?

Brazil Emperor's Heart: ब्राजील 7 सितंबर को अपनी आजादी के 200 साल पूरे कर रहा है। सम्राट का दिल केवल स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम के लिए लाया गया है, इसके बाद इसे दोबारा पुर्तगाल भेज दिया जाएगा। पुर्तगाल की तरफ से ब्राजील को दिल लाने की मंजूरी मिली थी।

Written By: Shilpa
Published : Aug 25, 2022 16:46 IST, Updated : Aug 25, 2022 17:50 IST
Brazil Emperor's Heart
Image Source : TWITTER Brazil Emperor's Heart

Highlights

  • ब्राजील लाया गया पहले सम्राट का दिल
  • 189 साल से सुरक्षित रखा हुआ है इसे
  • पुर्तगाल से सैन्य विमान से लाया गया

Brazil Emperor's Heart: ब्राजील में जल्द ही राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं, होने को कई मुद्दों पर बहस हो सकती है लेकिन इस वक्त सबसे बड़ा विवाद एक दिल बना हुआ है। ये दिल किसी और का नहीं बल्कि इस देश को आजाद कराने वाले सम्राट का है। दिल 189 साल पुराना है। दरअसल ब्राजील को पुर्तगाल से आजादी मिले 200 साल का वक्त पूरा हो गया है। इस अवसर पर ब्राजील के पहले सम्राट डॉम पेड्रो प्रथम का सुरक्षित रखा हुआ दिल पुर्तगाल से ब्राजीलिया लाया गया है। इसे सुरक्षित रखने के लिए दवाओं के लेप का इस्तेमाल किया जाता है। दिल को फार्मेल्डिहाइड से भरे एक सोने के फ्लास्क में रखा गया है। इसे सैन्य विमान की मदद से स्वदेश लाया गया। दिल का स्वागत सैन्य सम्मान के साथ हुआ और फिर जनता ने इसके दर्शन किए।

ब्राजील 7 सितंबर को अपनी आजादी के 200 साल पूरे कर रहा है। सम्राट का दिल केवल स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम के लिए लाया गया है, इसके बाद इसे दोबारा पुर्तगाल भेज दिया जाएगा। पुर्तगाल की तरफ से ब्राजील को दिल लाने की मंजूरी मिली थी। इसे समुद्र के किनारे बसे शहर पोर्टो में रखा गया था। मंजूरी मिलते ही ब्राजील की वायु सेना का विमान दिल लाने के लिए पुर्तगाल पहुंचा। ब्राजील की विदेश मंत्री के मुख्य प्रोटोकॉल अधिकारी एलन कोएल्हो सेलोस ने बताया कि दिल का राष्ट्राध्यक्ष के तौर पर स्वागत होगा। इसे ऐसा सम्मान मिलेगा, मानो सम्राट डॉम पेड्रो प्रथम आज भी सबके बीच जीवित हों। 

दिल को दी जाएगी तोपों की सलामी

दिल को सम्मान देने के लिए उसका स्वागत करते वक्त उसे तोपों की सलामी दी जाएगी, गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा, साथ ही अधिकारी संपूर्ण सैन्य सम्मान भी देंगे। सेलोस ने कहा कि दिल के स्वागत के लिए राष्ट्रगान और स्वतंत्रता से जुड़े गाने बजाए जाएंगे। संयोग की बात ये है कि इसका संगीत भी खुद सम्राट डॉम पेड्रो प्रथम ने तैयार किया था। वह सम्राट के अलावा एक अच्छे संगीतकार भी थे। उनका जन्म साल साल 1798 में पुर्तगाल के एक शाही परिवार में हुआ था। जिसने उस समय ब्राजील पर कब्जा किया हुआ था। फिर नेपोलियन की सेना से बचने के लिए सम्राट का परिवार पुर्तगाल से भागकर ब्राजील आ गया।

डॉम के पिता लौट आए थे पुर्तगाल

1821 में डॉम पेड्रो के पिता किंग जॉन VI खुद पुर्तगाल वापस लौट आए, लेकिन उन्हें ब्राजील का प्रतिनिधि शासक नियुक्त कर वहीं छोड़ दिया था। सम्राट डॉम ने इसके एक साल बाद पुर्तगाल की संसद के खिलाफ जाकर ब्राजील की आजादी का ऐलान कर दिया। साथ ही पुर्तगाल का आदेश मानने से भी इनकार कर दिया, जिसमें उनसे अपने देश वापस लौटने के लिए कहा गया था। बाद में उन्होंने पुर्तगाल की गद्दी पर अपनी बेटी को बिठाने का दावा किया और यहां वापस लौटे भी। फिर यहीं पर उनकी टीबी से मौत हो गई। उन्होंने मरने से पहले कहा था कि उनके दिल को शरीर से निकालकर पोर्टो शहर ले जाया जाए। तभी से उनके दिल को पोर्टो शहर के एक चर्च में रखा गया है। साल 1972 में जब ब्राजील अपनी आजादी की 150वीं वर्षगांठ मना रहा था, तब उनके शरीर को ब्राजील लाया गया। यहां शव को साओ पाउलो में स्थानांतरित कर एक तहखाने में रखा गया था।

अब चुनावी मु्द्दा बन गया है दिल

दिल को लेकर इस वक्त काफी विवाद चल रहा है और इसे चुनावों से जोड़कर देखा जा रहा है। इसके पीछे का कारण दिल के पहुंचने की तारीख है। कुछ रिसर्चरों का कहना है कि दिल को इस समय यहां पहुंचाए जाने के चलते सवाल उठ रहे हैं। ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो दोबारा राष्ट्रपति पद पर काबिज होने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। सर्वेक्षणों में वह पूर्व राष्ट्रपति लुइज इनासियो लुला डी सिल्वा से पिछड़ते हुए नजर आ रहे हैं। बोल्सोनारो के समर्थकों ने 7 सितंबर को ही पूरे ब्राजील में प्रदर्शन करने की बात कही है। स्वतंत्रता दिवस की रैलियों में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों से लेकर चुनाव व्यवस्था तक पर हमले होने की आशंका है। वहीं बोल्सोनारो इस वक्त इसलिए कुछ लोगों के निशाने पर हैं क्योंकि उन्होंने देश की चुनाव प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ऐसे में ये डर बना हुआ है कि अगर वह चुनाव हार जाते हैं, तो चुनाव आयोग शायद नतीजों को ही मान्यता नहीं देगा। 

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Around the world News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement