रफह (गाजा पट्टी): युद्धग्रस्त फिलिस्तीनियों पर एक बड़ी आफत आन पड़ी है। दरअसल अचानक उत्तरी गाजा में खाद्य आपूर्ति को रोक दिया गया है। इससे इन क्षेत्रों में रह रहे फिलिस्तीनियों के सामने अब भूखों मरने की नौबत आ गई है। इससे फिलिस्तीनी नागरिक परेशान हैं। विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) ने मंगलवार को कहा कि इजराइल-फलस्तीन युद्ध के कारण पूरे क्षेत्र में बढ़ती अराजकता के बीच उसने उत्तरी गाजा में खाद्य पदार्थ की अपूर्ति रोक दी है, जिससे भुखमरी की आशंका बढ़ गयी है। संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) द्वारा किए गए अध्ययन में यह चेतावनी दी गई है कि उत्तरी गाजा में छह में से एक बच्चा अत्यंत कुपोषित है।
संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार पिछले दो हफ्तों में बढ़ते युद्ध के कारण ट्रकों का प्रवेश आधा हो गया है। संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों और राहत-बचाव कर्मियों ने कहा कि इजराइल की बमबारी और जमीनी हमलों के बीच ट्रकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में उसकी नाकामी के कारण ट्रकों का आगमन और खाद्य पदार्थ का वितरण बाधित हुआ है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा न मुहैया कराने के कारण भुखमरी का सामना कर रहे फलस्तीनी अक्सर खाद्य पदार्थ से लदे इन ट्रकों पर टूट पड़ते हैं। सहायता अभियान बाधित होने से क्षेत्र में संकट गहराने का खतरा पैदा हो गया है।
गाजा को इजरायल ने बना दिया श्मशान
बीते दो दिनों में उत्तरी गाजा के उन इलाकों में कई हवाई हमले हुए हैं, जिसके बारे में इजरायली सेना ने कहा था कि उन्हें कुछ हफ्ते पहले हमास से काफी हद तक मुक्त करा लिया गया था। वहीं, सेना ने मंगलवार को गाजा शहर के दक्षिणी हिस्से में दो इलाकों को खाली करने का आदेश दिया। गाजा में इजरायली सैनिकों के हमले के बाद से शहर का बड़ा हिस्सा मलबे में तब्दील हो गया है। वहीं, कई लाख फलस्तीनी अब भी सहायता से वंचित हैं। वे अकाल जैसी स्थितियों का सामना कर रहे हैं क्योंकि उन्हें और उनके परिवार को दिन में एक ही बार खाना नसीब हो पा रहा है। तीन सप्ताह पहले एक ट्रक पर हमला होने के बाद पहली बार खाद्य पदार्थ की आपूर्ति रोकी गई थी। हालांकि, इस सप्ताह इसे फिर से शुरू करने की कोशिश की गई लेकिन रविवार और सोमवार को ट्रकों के काफिले को गोलीबारी का सामना करना पड़ा। (एपी)
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