Bird Flu in Antarctica: कोरोना महामारी की वीभत्सता को दुनिया जानती है। इस कोरोना वायरस ने दुनिया को झकझोर कर रख दिया। अब धरती के एक महाद्वीप में भी इन दिनों एक वायरस के कारण हो रही बीमारी ने वैज्ञानिकों को अलर्ट कर दिया है। इस वायरस के संक्रमण से इस महाद्वीप पर रहने वाले कई जीवों की मौत हो चुकी है। एच5एन1 वायरस के कारण जीवों की मौत की आशंका से वैज्ञानिकों में गहरी चिंता है। अंटार्कटिका इलाके में स्थित साउथ जॉर्जिया द्वीप में एक किंग पेंग्विन की मौत एच5एन1 यानी बर्ड फ्ल वायरस से हो गई है। अगर वायरस से मौत की पुष्टि होती है तो यह पहली बार होगा, जब किंग प्रजाति की पेंग्विन की बर्ड फ्लू से मौत हुई है। वैज्ञानिकों को डर है कि अभी पेंग्विंस का ब्रीडिंग का सीजन है। ऐसे में अगर पेंग्विन में बर्ड फ्लू फैला तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं और यह आधुनिक समय की सबसे बड़ी पारिस्थितिकीय आपदा भी बन सकती है।
पेंग्विनों की मौत से वैज्ञानिकों में चिंता
अभी तक दुनिया का सबसे ठंडा महाद्वीप अंटार्कटिका दुनिया का एकमात्र ऐसा क्षेत्र था, जहां अब से पहले बर्ड फ्लू का एच5एन1 वायरस नहीं पाया गया था और किंग पेंग्विन में भी इससे पहले कभी बर्ड फ्लू वायरस का संक्रमण नहीं देखा गया था। यही वजह है कि किंग पेंग्विन की बर्ड फ्लू से मौत की आशंका से वैज्ञानिक चिंतित हैं।
इन देशों में हो चुकी है कई पेंग्विनों की मौत
जिस पेंग्विन की मौत संभावित बर्ड फ्लू से हुई है, वो किंग प्रजाति का है। यह पेंग्विनों की दुनिया की सबसे बड़ी प्रजाति मानी जाती है। इसकी लंबाई 3 फीट होती है और जीवन 20 साल का होता है। किंग पेंग्विन से पहले जेनटु प्रजाति की पेंग्विन की बर्ड फ्लू वायरस से मौत हो चुकी है। पूर्व में दक्षिण अफ्रीका, चिली और अर्जेंटीना में पांच लाख से ज्यादा समुद्री पक्षी, जिनमें पेंग्विंस भी शामिल हैं, उनकी बर्ड फ्लू से मौत हो चुकी है। साफ है कि पेंग्विंस में बर्ड फ्लू का संक्रमण होने का खतरा ज्यादा है।
बर्ड फ्लू संक्रमण से धरती पर पेंग्विनों के विलुप्त होने का खतरा
किंग प्रजाति की पेंग्विन में बर्ड फ्लू संक्रमण फैलने का खतरा इतना बड़ा है कि इस शताब्दी के अंत तक किंग पेंग्विन के धरती से विलुप्त होने का खतरा है और अगर बर्ड फ्लू फैला तो यह खतरा बहुत बढ़ सकता है। इससे पहले अंटार्कटिका में एक पोलर भालू की भी बर्ड फ्लू एक एच5एन1 संक्रमण से मौत हो चुकी है। गौरतलब है कि इससे पहले कोरोना, मारबर्ग, स्वाइनफ्लू, इबोला जैसे वायरस भी दुनिया में तबाही फैला चुके हैं।