ओमान के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) से परिधान निर्यात को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। परिधान निर्यात संवर्द्धन परिषद (एईपीसी) ने बृहस्पतिवार को यह बात कही है। एईपीसी ने कहा है कि भारतीय निर्यातकों के पास इस खाड़ी देश में व्यापार के बड़े अवसर हैं। इस समझौते के लिए बातचीत, जिसे आधिकारिक तौर पर व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता (सीईपीए) कहा जाता है, तेज गति से आगे बढ़ रही है। एईपीसी ने कहा कि सीईपीए की ओर तेज प्रगति उत्साहजनक है और यह भारत-ओमान द्विपक्षीय व्यापार के लिए बदलाव वाला साबित होगा।
इतने अरब डॉलर तक पहुंचा व्यापार
वित्त वर्ष 2022-23 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 12.39 अरब डॉलर का रहा था, जो इसके पिछले वर्ष 9.99 अरब डॉलर था। एईपीसी के महासचिव मिथिलेश्वर ठाकुर ने कहा, ‘‘ओमान को ‘आरएमजी’ (रेडिमेड परिधान) का निर्यात वर्ष 2020 में 1.3 करोड़ डॉलर से बढ़कर वर्ष 2021 में 2.8 करोड़ डॉलर का हो गया। ओमान में आरएमजी उत्पादों पर सीमा शुल्क पांच प्रतिशत है। हालांकि, यह एक छोटा बाजार है, लेकिन एफटीए के बाद शुल्क खत्म होने के बाद इसमें बढ़ने की अपार संभावनाएं हैं और यह जीसीसी देशों के लिए एक और प्रवेश द्वार बन जाएगा।
खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) खाड़ी क्षेत्र के छह देशों - सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कतर, कुवैत, ओमान और बहरीन का एक संघ है। परिषद भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक गुट है। उन्होंने यह भी कहा कि निर्यात बढ़ाने के लिए भारत अगले साल 26-29 फरवरी तक यहां भारत टेक्स एक्सपो 2024 का आयोजन कर रहा है। इस शो में घरेलू उद्योग को आकर्षित करने के लिए एईपीसी द्वारा 15 दिसंबर को बेंगलुरु में एक रोड शो का आयोजन किया गया था। (भाषा)