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भारत-ओमान मुक्त व्यापार समझौते से चीन-पाकिस्तान को लगा बड़ा झटका, खाड़ी देशों का बढ़ा भरोसा

भारत और ओमान ने मुक्त व्यापार समझौता करके अपने व्यापारिक संबंधों को नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। खाड़ी देशों में यह समझौता भारत के प्रति बढ़ते भरोसे का भी प्रतीक है। भारत-ओमान के इस समझौते के बाद चीन और पाकिस्तान परेशान हो उठे हैं। खाड़ी देशों में चीन को अपना बाजार दरकता नजर आने लगा है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Dec 21, 2023 18:57 IST, Updated : Dec 21, 2023 18:57 IST
ओमान के महामहिम सुल्तान हेथम बिन तारिक पीएम मोदी से मिलते हुए।
Image Source : AP ओमान के महामहिम सुल्तान हेथम बिन तारिक पीएम मोदी से मिलते हुए।

भारत ने खाड़ी देशों के साथ संबंधों और व्यापार की दिशा में बड़ी प्रगति करते हुए बड़ा मुकाम हासिल किया है। भारत और ओमान ने मुक्त व्यापार समझौते को लागू कर दिया है। इससे दोनों देशों को जबरदस्त फायदा होने की उम्मीद है। भारत और ओमान के बीच यह समझौता गत 16 दिसंबर को पीएम मोदी और महामहिम सुल्तान हेथम बिन तारिक के साथ हुई एक उत्कृष्ट बैठक के बाद संभव हो पाया है। पीएम मोदी ने इस दौरान ओमान के सुल्तान के साथ द्विपक्षीय संबंधों की पूरी श्रृंखला की समीक्षा करते हुए, वाणिज्य, संस्कृति, रक्षा, नवाचार और अन्य क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करने के तरीकों पर चर्चा की थी। खाड़ी देश ओमान के साथ यह बड़ा समझौता होने के बाद चीन-पाकिस्तान में खलबली मच गई है। 

ओमान के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) से परिधान निर्यात को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। परिधान निर्यात संवर्द्धन परिषद (एईपीसी) ने बृहस्पतिवार को यह बात कही है। एईपीसी ने कहा है कि भारतीय निर्यातकों के पास इस खाड़ी देश में व्यापार के बड़े अवसर हैं। इस समझौते के लिए बातचीत, जिसे आधिकारिक तौर पर व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता (सीईपीए) कहा जाता है, तेज गति से आगे बढ़ रही है। एईपीसी ने कहा कि सीईपीए की ओर तेज प्रगति उत्साहजनक है और यह भारत-ओमान द्विपक्षीय व्यापार के लिए बदलाव वाला साबित होगा।

इतने अरब डॉलर तक पहुंचा व्यापार

वित्त वर्ष 2022-23 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 12.39 अरब डॉलर का रहा था, जो इसके पिछले वर्ष 9.99 अरब डॉलर था। एईपीसी के महासचिव मिथिलेश्वर ठाकुर ने कहा, ‘‘ओमान को ‘आरएमजी’ (रेडिमेड परिधान) का निर्यात वर्ष 2020 में 1.3 करोड़ डॉलर से बढ़कर वर्ष 2021 में 2.8 करोड़ डॉलर का हो गया। ओमान में आरएमजी उत्पादों पर सीमा शुल्क पांच प्रतिशत है। हालांकि, यह एक छोटा बाजार है, लेकिन एफटीए के बाद शुल्क खत्म होने के बाद इसमें बढ़ने की अपार संभावनाएं हैं और यह जीसीसी देशों के लिए एक और प्रवेश द्वार बन जाएगा।

खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) खाड़ी क्षेत्र के छह देशों - सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कतर, कुवैत, ओमान और बहरीन का एक संघ है। परिषद भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक गुट है। उन्होंने यह भी कहा कि निर्यात बढ़ाने के लिए भारत अगले साल 26-29 फरवरी तक यहां भारत टेक्स एक्सपो 2024 का आयोजन कर रहा है। इस शो में घरेलू उद्योग को आकर्षित करने के लिए एईपीसी द्वारा 15 दिसंबर को बेंगलुरु में एक रोड शो का आयोजन किया गया था। (भाषा) 

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