Tunisia Boat Accident: उत्तरी अफ्रीकी देश में ट्यूनीशिया से जहाज के डूबने की खबर आई है। जानकारी के अनुसार ट्यूनीशिया के केर्केना द्वीप पर एक प्रवासी जहाज डूब गया। इस हादसे में 4 प्रवासियों की जान चली गई। वहीं 51 यात्री लापता हो गए हैं। इस हादसे के संबंध में एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि जहाज पर सभी प्रवासी उप-सहारा अफ्रीका से थे। ऐसा हादसा पहली बार नहीं हुआ है। इससे पहले इसी साल मार्च के महीने में भी दो दर्जन से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी।
उत्तरी अफ्रीका देशों में इस साल काफी प्रवासन हो रहा है। अपनी जान जोखिम में डालकर लोग नावों के सहारे यात्रा कर रहे हैं। यही कारण है नौकाओं के लगातार डूबने की घटनाएं सामने आ रही हैं। ऐसी घटनाओं के संबंध में ट्यूनीशिया के गृहमंत्री ने जुलाई में कहा था कि ट्यूनीशियाई तटरक्षक ने इस साल 1 जनवरी से 20 जुलाई तक अपने तट से डूबे हुए प्रवासियों के 901 शव बरामद किए हैं, जो देश के तटों से पीड़ितों की हैरान करने वाली संख्या को दर्शाता है। ट्यूनीशिया और यूरोपीय संघ (ईयू) ने पिछले महीने यानी 16 जुलाई को एक रणनीतिक साझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इसमें खासतौर पर उत्तरी अफ्रीकी देश से यूरोप के लिए प्रस्थान करने वाली नौकाओं में तेजी से बढ़ोतरी के कारण मानव तस्करों का मुकाबला करना और सीमाओं को सख्त करना शामिल था।
क्यों हो रहा अफ्रीकी देशो से यूरोप की ओर पलायन
पलायन की अधिकता से समुद्री दुर्घटनाएं अधिक हो रही हैं। दरअसल, यूरोप के लोगों की बेहतर जीवन शैली और अच्छे खान पान, रहन सहन के कारण अफ्रीकी खासकर मध्य पूर्व में गरीबी का सामना करने वाले अफ्रीकी देशों के लोग बड़ी संख्या में नावों के सहारे यूरोप जाते हैं। इनमें सबसे आगे लीबिया रहा है। उत्तरी अफ्रीकी देश ट्यूनीशिया ने अब लीबिया की जगह ले ली है। उत्तरी अफ्रीकी देश भूमध्य सागर पार करके यूरोपीय देशों तक पहुंच जाते हैं।
पहले भी हुई हैं समुद्री दुर्घटनाएं, प्रवास करने वालों की संख्या भी बढ़ी
इससे पहले 23 मार्च को भी ट्यूनीशिया के दक्षिण-पूर्वी तट के पास कई अफ्रीकी प्रवासी नौकाएं डूबी थीं। उस दिन के हादसों में कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई और 33 लोग लापता हो गए। बताया जा रहा है कि वे सभी लोग भी भूमध्यसागर पार करके इटली जाने की कोशिश कर रहे थे। संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों से पता चलता है कि इस साल इटली पहुंचे कम से कम 12000 प्रवासी ट्यूनीशिया से चले गए, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह संख्या 1300 थी।