पूर्वोत्तर माली के एक मिलिट्री कैंप और जहाज पर इस्लामी उग्रवादियों ने हमला कर दिया। इसमें कम से कम 49 नागरिक और 15 सैनिक मारे गए हैं। माली की अंतरिम सरकार ने नेशनल टेलीविजन पर बताया कि इस हमले में काफी संख्या में अन्य लोग घायल भी हुए हैं। मौतों की संख्या अभी बढ़ भी सकती है। विद्रोहियों ने बारिश के मौसम में गाओ और मोप्ती शहरों को अलग करने वाले बाढ़ वाले मैदानों में नागरिकों को लेज रही एक नाव पर हमला किया। हमले के वक्त जहाज भी गाओ से यात्रा कर रहा था।
हमलावरों ने माली के उत्तर पूर्व में गाओ क्षेत्र के एक प्रशासनिक उपखंड और बौरेम सर्किल के सैन्य शिविर पर भी हमला किया। अंतरिम सरकार की रिपोर्ट के अनुसार इस घटना के दौरान 50 हमलावरों को भी मार गिराया गया है। वहीं 49 नागरिकों और 15 सैनिकों के मारे जाने के दुख में सरकार की ओर से 3 दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है। इस घटना से लोगों में दहशत फैल गई है। कई पश्चिमी देशों में से माली एक है। उसके शुष्क उत्तरी क्षेत्र में वर्ष 2012 में जड़े जमा लेने वाले अलकायदा और इस्लामिक स्टेट से जुड़े हिंसक विद्रोहों से यह देश जूझ रहा है।
अंतरराष्ट्रीय प्रयासों के बावजूद आतंकियों ने बनाई पकड़
इस देश में स्थानीय सैनिकों को समर्थन देने के अंतरराष्ट्रीय प्रयासों के बावजूद आतंकवादियों ने साहेल और तटीय पश्चिम अफ्रीकी देशों में अपनी पकड़ बना ली है। सहारा के दक्षिण साहेल क्षेत्र में हजारों लोग मारे गए और 60 लाख से ज्यादा विस्थापित हो गए। लिहाजा बढ़ती असुरक्षा के कारण पैदा हुई निराशान ने 2020 के बाद से माली में दो और बुर्किना फासो में दो सैन्य अधिग्रहणों को प्रेरित किया। लिहाजा पिछले 3 वर्षों में 8 में से 4 तख्तापलट पश्चिम और मध्य अफ्रीकी देशों में हुए।
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