Sudan: सूडान में सेना और पैरामिलिट्री फोर्स के बीच खूनी संघर्ष से कई लोगों की मौत हो गई। ईद पर तीन दिन के संघर्ष विराम के बाद फिर खूनी झड़पें चालू हो गई थीं। इस कारण भारत सहित दुनिया के कई देशों के नागरिकों की जान पर बन आई। इन देशों के नागरिकों को जैसे तैसे वहां से निकाला गया। भारत के फंसे नागरिक भी ऑपरेशन कावेरी के तहत भारत लाए गए। इसके लिए विशेष विमान भेजे गए थे। इन सबके बीच
सूडान की सेना और उसके प्रतिद्वंद्वी अर्धसैनिक बल के जनरल वार्ता के लिए सहमत हो गए हैं। वे अपने अपने प्रतिनिधि संभवत, सऊदी अरब भेजने के लिए सहमत हो गये हैं।
संयुक्त राष्ट्र के एक शीर्ष अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। इस बीच, संघर्ष विराम की अवधि और तीन दिनों के लिए बढ़ाये जाने के बावजूद राजधानी खार्तूम में दोनों पक्षों के बीच झड़पें हुई हैं। सूडान के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव के विशेष प्रतिनिधि वोल्कर पर्थेस ने कहा कि वार्ता में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों की निगरानी में स्थिर एवं विश्वसनीय संघर्ष विराम स्थापित करने पर शुरूआत में जोर दिया जाएगा।
पिछले हफ्ते अस्थायी संघर्ष विराम ने कुछ इलाकों में संघर्ष को घटाया है, जबकि अन्य क्षेत्रों में भीषण लड़ाई जारी है। इसके चलते एक मानवीय संकट पैदा हो गया है। पर्थेस ने आगाह किया कि वार्ता की योजना पर अब भी विचार विमर्श जारी है। अब तक, सिर्फ सेना ने घोषणा की है कि वह वार्ता के लिए तैयार है। जबकि इसके विरोधी एवं अर्द्धसैनिक बल रैपिड सपोर्ट फोर्सेज ने सार्वजनिक रूप कोई बयान नहीं दिया है।
जनरल अब्देल फतह बुरहान नीत सेना और जनरल मोहम्मद हमदान दागलो नीत अर्द्धसैनिक बल के बीच 15 अप्रैल को शुरू हुए संघर्ष के बाद से कोई भी वार्ता शांति स्थापना की दिशा में प्रगति का पहला बड़ा संकेत होगा। सूडानी स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, तब से आम नागरिक और लड़ाकों सहित करीब 530 लोग मारे गये हैं। जबकि 4500 अन्य घायल हुए हैं।
सउदी अरब के अधिकारियों के अनुसार, सोमवार को अमेरिकी नौसेना का एक जहाज 308 लोगों को पोर्ट सूडान से जेद्दा स्थित सउदी बंदरगाह ले गया। खार्तूम के हिस्सों में और पड़ोसी शहर में विस्फोटों की आवाज सुनाई दी। स्थानीय लोगों ने यह जानकारी दी। दोनों प्रतिद्वंद्वी पक्षों ने रविवार देर शाम घोषणा की थी कि वे मानवीय संघर्ष विराम अगले 72 घंटे के लिए बढ़ाएंगे।
अमेरिका और सउदी अरब ने लड़ाई रूकवाने के लिए दोनों प्रतिद्वंद्वी जनरल को वार्ता के लिए सहमत करने को लेकर एक समन्वित अंतरराष्ट्रीय अभियान का नेतृत्व किया। पोर्ट सूडान में संयुक्त राष्ट्र के दूत पर्थेस ने कहा कि दोनों पक्षों को समझौते का पालन कराने की जरूरत है।