Monday, November 25, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. विदेश
  3. अन्य देश
  4. European Space Agency: दुनिया की वो जगह जहां 4 महीने बाद हुआ उजाला, लंबे वक्त से अंधेरे में क्यों डूबा था सबकुछ?

European Space Agency: दुनिया की वो जगह जहां 4 महीने बाद हुआ उजाला, लंबे वक्त से अंधेरे में क्यों डूबा था सबकुछ?

European Space Agency: यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ईएसए) ने एक ब्लॉग और तस्वीरें शेयर करते हुए जानकारी साझा किया है कि अंटार्कटिका में सूर्योदय हो गई है। अगस्त की शुरुआत में कॉनकॉर्डिया रिसर्च स्टेशन के 12 सदस्यीय दल चार महीने बाद सूरज की रोशनी देखकर खुशी जाहिर की है।

Edited By: Ravi Prashant @iamraviprashant
Updated on: August 24, 2022 13:43 IST
Antarctica- India TV Hindi
Image Source : TWITTER Antarctica

Highlights

  • यहां रोशनी बिल्कुल नहीं होती है
  • यहां सूर्य का उदय एक प्रमुख घटना मानी जाती है।
  • अंटार्कटिका में चार महीने के बाद सर्दी समाप्त हो गई

European Space Agency: यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ईएसए) ने एक ब्लॉग और तस्वीरें शेयर करते हुए जानकारी साझा किया है कि अंटार्कटिका में सूर्योदय हो गई है। अगस्त की शुरुआत में कॉनकॉर्डिया रिसर्च स्टेशन के 12 सदस्यीय दल चार महीने बाद सूरज की रोशनी देखकर खुशी जाहिर की है। अंटार्कटिका में चार महीने के बाद सर्दी समाप्त हो गई और मौसम बदल गया। वैज्ञानिकों के लिए सूर्य का उदय कई मायनों में महत्वपूर्ण है। इस साल मई में यहां सूर्य अस्त हो गया था और वैज्ञानिक इसके फिर से उगने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। अंटार्कटिका दक्षिण में है और यहाँ सूर्य का उदय एक प्रमुख घटना मानी जाती है। 

मुस्कुराने की वजह बनी 

वैज्ञानिक अंटार्कटिक में तीन चौथाई शोध पूरा करने की राह पर थे और अब वे इसे पूरा करने में सक्षम होंगे। अंतरिक्ष एजेंसी की ओर से भेजे गए डॉ. हंस हैगसन ने स्टेशन के मुख्य दरवाजे से इस खूबसूरत नजारे की तस्वीर साझा की है। 5 अगस्त को यहां सूरज निकला और हैगसन ने तभी फोटो खींची। उन्होंने लिखा, 'यहां समय बहुत अजीब है और यह तेजी से गुजरता है और साथ ही बहुत धीमा भी हो जाता है।' उन्होंने आगे लिखा कि 'सिर्फ दो दिनों के भीतर हम दक्षिण में सूरज उगने की उम्मीद कर रहे थे। सुबह की रोशनी की वापसी ने निश्चित रूप से हमें मुस्कुराने का वजह दिया है। अब हमारे प्रयोग का अंतिम चरण शुरू होने वाला है।

-80 डिग्री तापमान चला जाता है
अंटार्कटिका में सर्दियाँ बहुत कठोर होती हैं और तापमान -80 डिग्री से नीचे चला जाता है। यहां रोशनी बिल्कुल नहीं है और पूरा अंधेरा ही किसी को भी दहशत में डाल देने के लिए काफी है। सर्दियों में खुद को बिजी रखने के लिए क्रू को काफी मेहनत करनी पड़ती है। मिड विंटर नामक एक कार्यक्रम जून में आयोजित किया जाता है और शीतकालीन खेलों का आयोजन जुलाई में किया जाता है। अंटार्कटिका के सभी स्टेशनों के चालक दल कई खेलों और मैत्रीपूर्ण प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं

इस शोध में लगे हैं वैज्ञानिक 
अगस्त में सूर्योदय कई मायनों में खास होता है। अब वैज्ञानिक यहां कई तरह के शोध कर सकते हैं। इसके साथ ही यहां फिल्म फेस्टिवल का भी आयोजन किया जाना है। जो यहां पर शोध किया जाने वाला है वो शोध विशेष रूप से बायोमेडिकल से संबंधित है। डॉ हैंस हैगसन ने चालक दल के सदस्यों के मूत्र, मल और रक्त के नमूने लिए हैं। इसके साथ ही वह एक प्रश्नावली के माध्यम से मनोवैज्ञानिक उपायों का भी परीक्षण करेंगे। उनका उद्देश्य मानव शरीर पर अकेलेपन और चरम मौसम के प्रभावों का पता लगाना है। अक्टूबर में बेस पर क्रू गर्मियों की तैयारी शुरू कर देगा। ऐसे कमरे और तंबू होंगे जो 40 डिग्री से ऊपर के तापमान के लिए तैयार होंगे ताकि आगामी शोध के परिणाम मिल सकें।

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Around the world News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement