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अमेरिका की आर्थिक स्थिति डंवाडोल होने के खतरे के बीच भारत ने संभाला मोर्चा, एस जयशंकर ने दुनिया को दी ये सलाह

भारी-भरकम कर्ज में डूबे अमेरिका की आर्थिक स्थिति डवांडोल होने के खतरों ने पूरी दुनिया को आशंकित कर दिया है। विशेषज्ञों के अनुसार यदि अमेरिका में आर्थिक बदहाली हुई तो दुनिया का इससे अन्य देश भी तबाह हो सकते हैं। ऐसे में पूरे विश्व पर भीषण आर्थिक मंदी छा सकती है, जहां से उबर पाना फिर किसी भी देश के लिए आसान नहीं होगा।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published on: May 17, 2023 12:45 IST
एस जयशंकर, भारत के विदेश मंत्री- India TV Hindi
Image Source : AP एस जयशंकर, भारत के विदेश मंत्री

भारी-भरकम कर्ज में डूबे अमेरिका की आर्थिक स्थिति डवांडोल होने के खतरों ने पूरी दुनिया को आशंकित कर दिया है। विशेषज्ञों के अनुसार यदि अमेरिका में आर्थिक बदहाली हुई तो दुनिया का इससे अन्य देश भी तबाह हो सकते हैं। ऐसे में पूरे विश्व पर भीषण आर्थिक मंदी छा सकती है, जहां से उबर पाना फिर किसी भी देश के लिए आसान नहीं होगा। इस बड़े खतरे के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि उतार-चढ़ाव और अनिश्चितता के दौर में वैश्विक अर्थव्यवस्था को जोखिम-मुक्त करना महत्वपूर्ण है, लेकिन इसके साथ ही जिम्मेदार वृद्धि भी सुनिश्चित की जानी चाहिए।

भारत-यूरोपीय संघ व्यापार एवं प्रौद्योगिकी परिषद (टीटीसी) की मंगलवार को ब्रसेल्स में संपन्न पहली मंत्री-स्तरीय बैठक के बाद जयशंकर ने यह बात कही है। इस बैठक की सह-अध्यक्षता भारत की तरफ से जयशंकर, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने की। बैठक में रणनीतिक प्रौद्योगिकियों, डिजिटल तरीके से कामकाज के संचालन और हरित ऊर्जा प्रौद्योगिकी जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। जयशंकर ने इसे काफी अच्छी बैठक बताया है। जयशंकर ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘‘यह काफी मजबूत शुरुआत है।

वैश्विक अर्थव्यवस्था का जोखिम कम करना जरूरी

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि उतार-चढ़ाव और अनिश्चितता के इस दौर में वैश्विक अर्थव्यवस्था का जोखिम कम करना महत्वपूर्ण है, लेकिन इसके साथ ही एक जिम्मेदारी से भरी वृद्धि सुनिश्चित करना भी जरूरी है।’’ उन्होंने कहा कि जुझारूपन और भरोसेमंद आपूर्ति श्रृंखला को लेकर हमने चर्चा की। ‘‘वास्तव में आज हमें इस बात पर ध्यान देना है कि ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था में वैश्विक प्रतिभा पूल से सर्वश्रेष्ठ कैसे निकाला जाए।’’ उन्होंने कहा कि बैठक के दौरान एक सहयोगी ने इसे टेकेड (प्रौद्योगिकी का दशक) भी कहा। जयशंकर ने कहा, ‘‘हमारा प्रयास भरोसेमंद सहयोग पर होना चाहिए। इससे यह सुनिश्चित होगा कि हमारी अर्थव्यवस्थाएं खुली रहें और हम विभिन्न क्षेत्रों में आगे बढ़ सकें।

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