Monday, December 23, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. विदेश
  3. अन्य देश
  4. Nobel Prize 2022: एलेन एस्पेक्ट, जॉन एफ क्लॉसर और एंटोन जिलिंगर को मिला फिजिक्स में नोबेल पुरस्कार, क्वांटम मेकैनिक्स के क्षेत्र में किया बड़ा काम

Nobel Prize 2022: एलेन एस्पेक्ट, जॉन एफ क्लॉसर और एंटोन जिलिंगर को मिला फिजिक्स में नोबेल पुरस्कार, क्वांटम मेकैनिक्स के क्षेत्र में किया बड़ा काम

एलेन एस्पेक्ट, जॉन एफ क्लॉसर और एंटोन जिलिंगर को संयुक्त रूप से क्वांटम मेकैनिक्स के क्षेत्र में शानदार काम करने के लिए फिजिक्स में नोबेल पुरस्कार मिला है।

Edited By: Sushmit Sinha @sushmitsinha_
Published : Oct 04, 2022 16:21 IST, Updated : Oct 04, 2022 16:21 IST
Alain Aspect John F Clauser and Anton Zillinger received the Nobel Prize in Physics
Image Source : ANI Alain Aspect John F Clauser and Anton Zillinger received the Nobel Prize in Physics

Highlights

  • तीन लोगों को मिला फिजिक्स में नोबेल पुरस्कार
  • क्वांटम मेकैनिक्स के क्षेत्र में किया था बड़ा काम
  • स्वांते पाबो को मेडिसिन के क्षेत्र में मिला नोबेल पुरस्कार

एलेन एस्पेक्ट, जॉन एफ क्लॉसर और एंटोन जिलिंगर को संयुक्त रूप से क्वांटम मेकैनिक्स के क्षेत्र में शानदार काम करने के लिए फिजिक्स में नोबेल पुरस्कार मिला है। इन तीनों में से एलेन एस्पेक्ट फ्रांस के रहने वाले हैं, जबकि जॉन एफ क्लॉसर और एंटोन जिलिंगर अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के रहने वाले हैं। इससे पहले सोमवार को मेडिसिन के क्षेत्र में स्वीडिश वैज्ञानिक स्वांते पाबो (Svante Paabo) को नोबेल पुरस्कार मिला था।

नोबेल की स्थापना किसने की?

एक धनी स्वीडिश उद्योगपति और डाइनामाइट के आविष्कारक सर एल्फ्रेड नोबेल की वसीहत के आधार पर चिकित्सा, भौतिकी, रसायन शास्त्र, साहित्य और शांति क्षेत्र के लिए नोबेल पुरस्कारों की स्थापना की गई थी। पहला नोबेल पुरस्कार साल 1901 में सर एल्फ्रेड नोबेल के निधन के पांच साल बाद दिया गया था। अर्थशास्त्र का नोबेल, जिसे आधारिक तौर पर ‘बैंक ऑफ स्वीडन प्राइज इन इकोनॉमिक साइंसेज इन मेमोरी ऑफ एल्फ्रेड नोबेल (एल्फ्रेड नोबेल की स्मृति में अर्थशास्त्र में बैंक ऑफ स्वीडन पुरस्कार)’ दिया जाता है, उसकी स्थापना एल्फ्रेड नोबेल की वसीहत के आधार पर नहीं हुई थी, बल्कि स्वीडन के केंद्रीय बैंक ने 1968 में इसकी शुरुआत की थी।

पुरस्कार के अलावा विजेताओं को क्या मिलता है?

प्रत्येक क्षेत्र के नोबेल के तहत विजेताओं को एक स्वर्ण पदक और एक प्रमाणपत्र के साथ एक करोड़ क्रोनोर (लगभग नौ लाख डॉलर) की पुरस्कार राशि दी जाती है। विजेताओं का सम्मान हर साल 10 दिसंबर को किया जाता है। 1896 में 10 दिसंबर की तारीख को ही एल्फ्रेड नोबेल का निधन हुआ था। 1901 से 2021 तक अलग-अलग क्षेत्रों में कुल 609 बार नोबेल पुरस्कार दिए जा चुके हैं।

नोबेल के लिए चयन कौन करता है?

दुनियाभर में हजारों लोग नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकन जमा करने के पात्र हैं। इनमें विश्वविद्यालयों के प्रोफेसर, कानूनविद, पूर्व नोबेल पुरस्कार विजेता और खुद नोबेल समिति के सदस्य शामिल हैं। हालांकि, नामांकन को 50 वर्षों तक गुप्त रखा जाता है, लेकिन जो लोग उन्हें जमा करते हैं, वे कभी-कभी सार्वजनिक रूप से अपनी सिफारिशों की घोषणा करते हैं, खासकर नोबेल शांति पुरस्कार के संबंध में।

नॉर्वे से इसका क्या है संबंध?

नोबेल शांति पुरस्कार नॉर्वे में दिया जाता है, जबकि अन्य क्षेत्रों के पुरस्कार स्वीडन में दिए जाते हैं। ऐसा एल्फ्रेड नोबेल की इच्छा के आधार पर किया जाता है। इस इच्छा के पीछे की असल वजह तो स्पष्ट नहीं है, लेकिन एल्फ्रेड नोबेल के जीवनकाल में स्वीडन और नॉर्वे एक संघ का हिस्सा थे, जो 1905 में भंग हो गया था। स्टॉकहोम स्थित नोबेल फाउंडेशन, जो पुरस्कार राशि का प्रबंधन करता है और ओस्लो स्थित शांति पुरस्कार समिति के बीच संबंध कई मौके पर तनावपूर्ण रहे हैं।

नोबेल पुरस्कार जीतने के लिए क्या जरूरी है?

नोबेल पुरस्कार जीतने की चाह रखने वालों में धैर्य की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। वैज्ञानिकों को अक्सर नोबेल पुरस्कार समिति के सदस्यों द्वारा अपने काम को मान्यता देने के लिए दशकों तक इंतजार करना पड़ता है, जो यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि कोई भी खोज या सफलता समय की कसौटी पर खरी उतरती हो। हालांकि, यह नोबेल की वसीहत के विपरीत है, जिसमें कहा गया है कि पुरस्कार ‘उन लोगों को प्रदान किए जाने चाहिए, जिन्होंने पिछले वर्ष के दौरान मानव जाति को बड़ा लाभ प्रदान किया हो।’ शांति पुरस्कार समिति एकमात्र ऐसी समिति है, जो नियमित रूप से पिछले वर्ष हासिल की गई उपलब्धियों के आधार पर विजेताओं को पुरस्कृत करती है।

 

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Around the world News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement