Highlights
- 1945 में अमेरिकी सेना ने सोना की खोज की
- ट्रेन सोने से भरी हुई थी और बुडापेस्ट से निकल गई थी
- क्या नाज़ी सेना ने वाकई सोना चुराया था
Hitler: द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हिटलर की सेनाएं यूरोप और उत्तरी अफ्रीका के अधिकांश हिस्सों पर धावा बोल रही थी। उस समय अपने साथ जो भी कीमती सामान मिलता वो ले जा रही थीं। इनमें सोना, कलाकृतियां और मूल्यवान पेंटिंग शामिल थे। युद्ध की समाप्ति के बाद बहुत सी चीजें बरामद हुईं लेकिन आज भी नाजी सेना के लूटे गए खजाने गायब हैं। कई लोगों का मानना है कि यह खजाना किसी गुप्त स्थान पर छिपा हुआ था। खजाने से जुड़ी कई कहानियां हैं। लेकिन क्या नाज़ी सेना ने वाकई सोना चुराया था और क्या वे आज भी मौजूद हैं? विशेषज्ञ मानते हैं कि नाजी सोने की कहानियां सच हैं। हिटलर अपना शासन सोना से ही चलाता था। नाज़ी सेना जहां भी जाती उस स्थान से वो सोना लूट लेती थी। उसने विशेष रूप से यहूदियों के साथ जुलुम किया और उनके संपतियों को लूटा। इसमें कई प्रकार की कलाकृतियां, कीमती कालीन, गहने, चांदी के बर्तन, चीनी मिट्टी के बरतन और कांच शामिल थे लेकिन इनमें से सबसे महत्वपूर्ण और आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण सोना था। अगर किसी देश के रिजर्व बैंक में जो सोना होता था उसे भी नाजी सैनिकों ने लूट लिया।
नाजी सेना ने आम घरों से सोना लूटा
न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय में इज़राइल अध्ययन के प्रोफेसर रोनाल्ड ज़्विग का कहना है कि मौद्रिक सोना वह है जिसे जर्मनी ने केंद्रीय बैंकों से लूटा है। वह आगे कहते हैं कि जर्मनी ने आम लोगों के साथ-साथ अपने कब्जे वाले देश के रिजर्व बैंक का सोना भी लूट लिया। युद्ध के बाद केवल 70 प्रतिशत ही वसूल किया जा सका। बैंकों के अलावा, नाजी सेना ने आम लोगों के घरों, दुकानों और शवों को लूटा था। 1945 में अमेरिकी सेना ने जर्मनी और ऑस्ट्रिया में लूटपाट के बाद छिपे हुए खजाने की खोज की। यह एक नमक की खान थी, जिसमें आज 517 मिलियन डॉलर सोने की ईंट और सिक्का में मिले थे।
अंग्रेजों ने सोना खोज की थी
नाज़ी सोने के बारे में एक कहानी बताती है कि सोना ट्रेन में छिपा होता है। यह ट्रेन पोलैंड में एक पहाड़ के नीचे दबी हुई है। हालांकि जब ऐसी संभावित जगह की तलाशी ली गई तो कुछ नहीं मिला। जब खुदाई में 2016 हुई थी और तब भी कोई ट्रेन या सोना नहीं मिला था। रोनाल्ड ज़्विग ने अपनी पुस्तक 'द गोल्ड ट्रेन' में एक ट्रेन की कहानी बताई है जो नाज़ी सोने से भरी हुई थी और बुडापेस्ट से निकल गई थी। यह ट्रेन ऑस्ट्रिया समेत कई जगहों पर रुकी। ट्रेन हंगरी के यहूदियों से लूटे गए सोने और चांदी से भरी थी। इस ट्रेन के जरिए सोना अलग-अलग जगहों पर छिपाया गया था। युद्ध समाप्त होने के बाद इसे बाद में स्थानीय किसानों और फ्रांसीसी सेना ने पाया। मई 1945 में एक सोने की खोज अमेरिकी सैनिकों ने की थी लेकिन आज तक नहीं मिली है।