Monday, December 23, 2024
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सूरज में हुआ 60 पृथ्वी के बराबर गड्ढा, निकल रही सोलर तरंगें, क्या धरती पर आ रहा बड़ा खतरा?

सूरज में एक बहुत बड़ा गड्ढा हो गया है। यह गड्ढा इतना बड़ा है कि इसमें एक दो नहीं बल्कि 60 पृथ्वी समा सकती है। इस बड़े गड्ढे की वजह से सोलर तरंगें निकल रही हैं। इससे पृथ्वी पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है।

Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Published : Dec 07, 2023 8:34 IST, Updated : Dec 07, 2023 8:34 IST
सूरज में हुआ 60 पृथ्वी के बराबर गड्ढा
Image Source : FILE सूरज में हुआ 60 पृथ्वी के बराबर गड्ढा

BIg Crater on Sun: सूरज हमारी धरती और इस पर रहने वाले लोगों के लिए कितना जरूरी है, यह हम सभी जानते हैं। सूरज न हो तो पृथ्वी पर जिंदगी ही संभव नहीं है। भारत भी सूरज के कई रहस्यों से पर्दा उठाने के लिए अपना पहला मिशन आदित्य एल 1 भेज चुका है। जो कि अगले साल जनवरी में अपने लक्ष्य तक पहुंचेगा। इसी बीच अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा द्वारा सूर्य को लेकर की जा रही स्टडी बेहद चौंकाने वाली है। 

दावा किया जा रहा है​ कि सूरज की सतह पर 8 किलोमीटर जितना बड़ा गड्ढा हो गया है। इस बड़े गड्ढे की चौड़ाई इतनी बड़ी है कि इसमें एक दो नहीं, बल्कि 60 पृथ्वी समा सकती है। नासा ने इस छिद्र को'कोरोनल होल' नाम दिया है। खगोलशास्त्री बताते हैं कि इस कोरोनल होल से सोलर तरंगें हमारी धरती की ओर आ रही हैं। इसके चलते पृथ्‍वी का रेडियो और सैटेलाइट कम्युनिकेशन सिस्‍टम टूट भी सकता है।

कब होगा इस गड्ढे का अंत?

खगोलशास्त्री यह कह रहे हैं कि कोरोनल गड्ढा एक दिन के भीतर अपने चरम आकार तक पहुंच गया और 4 दिसंबर से शुरू होकर सीधे पृथ्वी का सामना कर रहा है। ये छेद असामान्य नहीं हैं, लेकिन इसके पैमाने और समय ने वैज्ञानिक समुदाय का ध्यान खींचा है। यह विशेष रूप से उल्लेखनीय है क्योंकि यह तब होता है जब सूर्य अपने 11-वर्षीय गतिविधि चक्र के चरम पर पहुंचता है, जिसे सौर अधिकतम के रूप में जाना जाता है। अनुमान लगाया जा रहा है कि 2024 में इसका अंत हो सकता है। शुरुआत में ऐसी चिंताएं थीं कि सौर हवाएं जो 500-800 किलोमीटर प्रति सेकंड के बीच यात्रा कर सकती हैं. ये एक मध्यम G2 भू-चुंबकीय तूफान को प्रेरित कर सकती हैं, जिससे संभावित रूप से रेडियो ब्लैकआउट की स्थिति पैदा हो जाए। हालांकि Spaceweather.com ने बताया है कि सौर हवा की तीव्रता अपेक्षा से कम गंभीर थी, जिसके परिणामस्वरूप केवल कमजोर G1 भू-चुंबकीय तूफान आया। हल्के प्रभाव के बावजूद, विशेष रूप से उच्च अक्षांशों पर, ध्रुवीय प्रदर्शन की संभावना बनी रहती है।

पृथ्‍वी को कितना खतरा?

सूर्य गतिविधियों के नियमित चक्र से गुजरता है, जो कि वर्तमान की तरह सनस्पॉट, सौर फ्लेयर्स, कोरोनल मास इजेक्शन और कोरोनल होल शामिल है। ये घटनाएं सूर्य के चुंबकीय क्षेत्र से जुड़ी हैं, जो सौर अधिकतम  के दौरान ध्रुवीयता में उलटफेर से गुजरती है। सनस्पॉट, सूर्य की सतह पर वो ठंडे क्षेत्र हैं जहां चुंबकीय क्षेत्र काफी मजबूत होते हैं। जैसे-जैसे हम सौर अधिकतम के करीब पहुंच रहे हैं, वैज्ञानिक अधिक लगातार और तीव्र सौर गतिविधि की तैयारी कर रहे। जबकि वर्तमान कोरोनल होल पृथ्वी के लिए कोई महत्वपूर्ण खतरा नहीं है। क्योंकि यह पृथ्वी के चेहरे से दूर दिशा में आगे बढ़ता है।

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